जयपुर. राजस्थान में 31 अक्टूबर से विधानसभा सत्र शुरू होगा. प्रदेश की गहलोत सरकार ने विधानसभा सत्र बुलाने को लेकर विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी से आग्रह किया था. सरकार के आग्रह पर विधानसभा अध्यक्ष ने 31 अक्टूबर से सत्र फिर से शुरू करने की अनुमति दे दी है. माना जा रहा है कि यह सत्र काफी छोटा होगा. 2 से 3 दिन तक चलने वाले इस सत्र में गहलोत सरकार पंजाब की तर्ज पर राजस्थान में भी केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ विधेयक लेकर आएगी.
बता दें, 15वीं विधानसभा के 5वें सत्र का यह दूसरा चरण होगा. पहला चरण 24 अगस्त को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया था, लेकिन राज्यपाल ने 5वें सत्र का सत्रावसान नहीं किया था. ऐसे में सरकार को इस विधानसभा सत्र बुलाने के लिए राज्यपाल से अनुमति की आवश्यकता नहीं थी. सरकार विधानसभा अध्यक्ष के स्तर पर सत्र बुलाने की अनुमति ले सकती थी.
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पिछले दिनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में मंत्रि परिषद की बैठक में केंद्र सरकार की ओर से लाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विधानसभा में विधेयक लाने पर निर्णय हुआ था. प्रदेश की गहलोत सरकार का आरोप था कि केंद्र की मोदी सरकार जो तीन कृषि कानून लेकर आई है, यह किसान विरोधी है.
गहलोत सरकार का कहना है कि व्यापारियों को लाभ पहुंचाने के लिए केंद्र की मोदी सरकार इस तरह के नए कानून लेकर आ रही है. इन कानूनों को राजस्थान में लागू नहीं किया जाएगा. इन कानूनों के खिलाफ कानून सम्मत विधेयक लाने के लिए सरकार ने विधानसभा अध्यक्ष से 15वीं विधानसभा के पांचवें सत्र का दूसरा चरण से बुलाने का आग्रह किया था, जिसे विधानसभा अध्यक्ष ने अनुमति दे दी है. विधानसभा अध्यक्ष ने 31 अक्टूबर से सत्र बुलाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.
एमएसपी पर फसल खरीद अनिवार्य
31 अक्टूबर से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में सरकार केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ विधेयक ला रही है. उनमें एमएसपी पर जो फसल की खरीद नहीं करेगा उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. इसमें 1 से 2 साल की सजा के साथ जुर्माने का भी प्रावधान रहेगा.
दरअसल, कांग्रेस केंद्र सरकार पर आरोप लगाती रही है कि जो नए कृषि कानून लाए गए हैं, इनमे किसानों की उपज एमएसपी पर नहीं खरीदी जाएगी. जबकि राज्य की गहलोत सरकार एमएसपी पर ही खरीद अनिवार्य करने जा रही है.