ETV Bharat / city

अनिता भदेल ने की राजस्थान में शराबबंदी की मांग, कहा- अधिकतर दुकानें SC आबादी क्षेत्रों में खुलती हैं...

राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को अनुसूचित जाति की कल्याण संबंधी योजनाओं की अनुदान मांगों पर (Rajasthan Assembly Session) बहस के दौरान भाजपा विधायक अनिता भदेल ने प्रदेश में शराबबंदी की मांग की. भदेल ने कहा कि स्वर्गीय गुरुशरण छाबड़ा को असली श्रद्धांजलि उनके नाम से रोड या संस्थान खोलने में नहीं, बल्कि शराबबंदी करने पर ही होगी.

Anita Bhadel
भाजपा विधायक अनिता भदेल
author img

By

Published : Mar 11, 2022, 4:06 PM IST

जयपुर. भाजपा विधायक अनिता भदेल ने राजस्थान में शराबबंदी की मांग की है. सदन में बोलते हुए (Anita Bhadel in Rajasthan Vidhan Sabha) भदेल ने कहा कि आज सबसे ज्यादा शराब की दुकानें अनुसूचित जाति-जनजाति की आबादी के आस-पास ही खोली जाती हैं जो कि नियम विरुद्ध हैं. समाज के लोग इससे प्रभावित भी होते हैं.

हालांकि, संबोधन के दौरान अनिता भदेल की जुबान भी फिसलती नजर आई और वो यह कहती नजर आईं कि सरकार शराबबंदी बंद करे. भदेल ने कहा कि प्रदेश सरकार ने कागजों में तो अनुसूचित जाति वर्ग के कल्याण के लिए कई योजनाएं शुरू कर दी, लेकिन वह धरातल पर इस वर्ग को ज्यादा लाभ नहीं पहुंचा पा रही. भदेल ने इस दौरान मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना का भी उदाहरण दिया और कहा कि योजना में इस वर्ग के 5000 स्टूडेंट्स को लाभ देने का लक्ष्य रखा गया है.

क्या कहा अनिता भदेल ने...

लेकिन राजस्थान में अनुसूचित जाति-जनजाति की आबादी (MLA Anita Bhadel Demanded Liquor Ban in Rajasthan) काफी ज्यादा है. ऐसे में सरकार कम से कम योजना में 10 से 15 लाख स्टूडेंट्स को जोड़ने का लक्ष्य रखें तो उसका लाभ मिले. भदेल ने नवजीवन योजना, श्रमिक कल्याण योजना सहित अन्य योजनाओं के नाम भी गिनाए और उनका लक्ष्य बढ़ाने की मांग की.

घोषणा पत्र के वादे, लेकिन सदन में मंत्री देते हैं विपरीत जवाब : अनिता भदेल ने कहा कि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में बीपीएल के सर्वे करवाने का वादा किया, लेकिन जब सदन में भाजपा विधायक शंकर सिंह रावत ने सवाल लगाया तो मंत्री बीपीएल के सर्वे से इनकार करते हैं. इसी तरह घोषणा पत्र में आंगनबाड़ी कर्मचारियों को नियमित करने का वादा किया, लेकिन सदन में मंत्री इससे इनकार करते हैं. भदेल ने कहा कि प्रदेश सरकार के मंत्री हर मामले को केंद्र सरकार पर डालते हैं, लेकिन जब घोषणाएं पूरी कर ही नहीं सकते तो फिर वादा क्यों करते हैं.

दलित अत्याचार मामले में राजस्थान दूसरे नंबर पर, समितियां भी केवल कागजों तक सिमटीं : अनिता भदेल ने चर्चा के दौरान एनसीआरबी के आंकड़ों का जिक्र करते हुए कहा कि दलित अत्याचार में राजस्थान का स्थान (Dalit Atrocities in Rajasthan) दूसरे नंबर पर है. भदेल ने कहा जिला स्तर पर दलितों के उत्थान के लिए समितियां तो बनती हैं, लेकिन वो कागजों तक सिमटी रहती हैं.

उनके अनुसार साल 2019 में राजस्थान में दलित महिलाओं से बलात्कार के मामले 101 सामने आए तो वहीं साल 2020 में यह आंकड़ा बढ़कर 119 हो गया और साल 2021 में यह आंकड़ा 149 हो गया. मतलब 47 प्रतिशत बढ़ोतरी इन घटनाओं में हुई है. भदेल ने कहा कि संविधान ने अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति वर्ग को आरक्षण तो दिया, लेकिन आज भी यह समाज अंतिम पंक्ति में खड़ा है.

पढ़ें : विधानसभा में बोले स्वास्थ्य मंत्री- जल्द ही प्रदेश में लाई जाएगी Right To Health पॉलिसी, एसएमएस में बनेगा अत्याधुनिक आईपीडी टावर

भदेल ने इस दौरान एफएसएल में तैनात अनुसूचित जाति वर्ग के एक कार्मिक का उदाहरण दिया जिसका, प्रमोशन डीपीसी कमेटी ने अटका रखा है. अनिता भदेल ने कहा कि आज न्यायिक क्षेत्र में एससी वर्ग के लोगों का प्रतिशत शून्य है जो चिंता का विषय है. भदेल ने कहा कि इस वर्ग के बच्चों को छात्रवृत्ति भी 2 से 3 साल में मिलती है.

वहीं, छात्रावासों की हालत भी बेहद खराब है. भदेल ने जनसंख्या के आधार पर आरक्षण की वकालत की और प्रमोशन में आरक्षण के आधार पर बढ़ते बैकलॉग को तुरंत पूरा करने की मांग भी की. अनिता भदेल ने इस दौरान अनुसूचित जाति वर्ग से आने वाले उद्यमियों के लिए भी सरकार से कई रियायत मांगी.

सदन में कोरम पूरा नहीं होने पर भड़के भाजपा नेता : अनुदान मांगों पर बहस के दौरान जब सत्ता पक्ष के विधायकों और मंत्रियों की संख्या सदन में कम थी, तब भाजपा विधायक रामलाल शर्मा और मदन दिलावर ने इस पर आपत्ति जताई और खड़े होकर बिना कोरम चर्चा कराए जाने पर भी आपत्ति की.

हालांकि, सभापति राजेंद्र पारीक ने उन्हें शांत किया और मदन दिलावर को व्यंग्यात्मक लहजे में यह भी कहा कि आप इतने सीनियर है मैं आपको अच्छी तरह जानता हूं, इतना कि खुद आप नहीं जानते होंगे. कृपा कर सदन की गरिमा बनाएं.

सदन में पेयजल किल्लत से लेकर सड़क और सीवरेज तक के उठे यह मुद्दे : राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को सदन में पेयजल किल्लत से लेकर खराब सड़क और बदहाल सीवरेज सिस्टम तक के मुद्दे उठाए गए. शून्यकाल में विधायकों ने स्थगन और विशेष उल्लेख प्रस्ताव के जरिए अपने क्षेत्र के इन ज्वलंत मुद्दों को सरकार के सामने रखा. विधायक अशोक लाहोटी ने जहां सांगानेर क्षेत्र से जुड़ा यह मुद्दा उठाया तो वहीं प्रताप सिंह सिंघवी और गिरधारी लाल ने भी अपने विधानसभा क्षेत्र में यही समस्या बताई.

लाहोटी ने शून्यकाल में विशेष उल्लेख प्रस्ताव के जरिए यह मामला उठाते हुए सरकार का ध्यान सांगानेर के विभिन्न वार्डों में पेयजल और खस्ताहाल सड़क की तरफ आकर्षित किया. लाहोटी ने कहा कि आजादी के 75 वर्ष के बाद भी इन वार्डों में पीने के पानी और सीवरेज लाइन की समस्या है.

वहीं, कुछ कॉलोनियां ऐसी हैं जो जेडीए ने अप्रूव्ड भी कर दी और विकास शुल्क के नाम पर 1400 करोड़ रुपए भी जमा करवा लिए, लेकिन इन पैसों का उपयोग जेडीए अपने कर्मचारियों को वेतन देने के काम में कर रहा है और कॉलोनियों में अब तक सीवरेज की लाइन नहीं डाली गई. यही स्थिति हाउसिंग बोर्ड से जुड़ी कॉलोनियों के क्षेत्र में है, जहां 30 साल पहले सीवरेज की लाइन डाली गई थी जो अब पूरी तरह जर्जर हो चुकी है.

लाहोटी ने कहा कि ऐसे में सरकार इन्हें दुरुस्त करा कर क्षेत्र की जनता को लाभ पहुंचाएं. इस दौरान छबड़ा से आने वाले भाजपा विधायक प्रताप सिंह सिंघवी ने शून्यकाल में कहा कि साल 2018-19 और 20 में स्वीकृत हुए ट्यूबवेल अब तक नहीं लगाए गए हैं. वहीं, हाल ही में 3 फरवरी को सड़कों के रिपेयर के लिए जो घोषणा हुई उस पर भी अब तक कुछ काम नहीं हुए.

सिंघवी ने कहा कि उनके क्षेत्र पहाड़ी क्षेत्र है वहां पर जो कुछ ट्यूबवेल खोदे भी गए तो उनकी गुणवत्ता बेहद खराब है. खराब ट्यूबवेल कई शिकायतों के बाद भी ठीक नहीं होते. ऐसे में हाड़ौती से आने वाले संसदीय कार्य मंत्री इस संबंध में ध्यान देकर समस्या का समाधान कराएं. श्रीडूंगरगढ़ से आने वाले विधायक गिरधारी लाल ने भी अपने क्षेत्र में पानी की समस्या का जिक्र किया और अधिकतर ट्यूबवेल खराब होने की बात कही. उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व में जो ट्यूबवेल स्वीकृत किए गए थे वह अब तक नहीं लगाए गए.

भाजपा विधायक चंद्रभान आज्ञा ने भी केवला देवी ध्यान में समुचित पानी की व्यवस्था नहीं होने से बाहर से आने वाले विदेशी पक्षियों की संख्या में कमी का मामला उठाया. सदन में किशनगढ़ से आने वाले निर्दलीय विधायक सुरेश टांक ने अपने क्षेत्र में हाल ही में घोषित किए गए जिला अस्पताल में प्रसूता और शिशुओं के लिए विंग बनाए जाने की मांग की. जमवारामगढ़ से विधायक गोपाल मीणा ने गृह विभाग के अधीन विधि विज्ञान प्रयोगशाला में कार्यरत आरक्षित वर्ग के कार्मिक के प्रमोशन में डीपीसी कमेटी द्वारा नियम विरुद्ध अटकाए जा रहे काम का मामला उठाया.

जयपुर. भाजपा विधायक अनिता भदेल ने राजस्थान में शराबबंदी की मांग की है. सदन में बोलते हुए (Anita Bhadel in Rajasthan Vidhan Sabha) भदेल ने कहा कि आज सबसे ज्यादा शराब की दुकानें अनुसूचित जाति-जनजाति की आबादी के आस-पास ही खोली जाती हैं जो कि नियम विरुद्ध हैं. समाज के लोग इससे प्रभावित भी होते हैं.

हालांकि, संबोधन के दौरान अनिता भदेल की जुबान भी फिसलती नजर आई और वो यह कहती नजर आईं कि सरकार शराबबंदी बंद करे. भदेल ने कहा कि प्रदेश सरकार ने कागजों में तो अनुसूचित जाति वर्ग के कल्याण के लिए कई योजनाएं शुरू कर दी, लेकिन वह धरातल पर इस वर्ग को ज्यादा लाभ नहीं पहुंचा पा रही. भदेल ने इस दौरान मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना का भी उदाहरण दिया और कहा कि योजना में इस वर्ग के 5000 स्टूडेंट्स को लाभ देने का लक्ष्य रखा गया है.

क्या कहा अनिता भदेल ने...

लेकिन राजस्थान में अनुसूचित जाति-जनजाति की आबादी (MLA Anita Bhadel Demanded Liquor Ban in Rajasthan) काफी ज्यादा है. ऐसे में सरकार कम से कम योजना में 10 से 15 लाख स्टूडेंट्स को जोड़ने का लक्ष्य रखें तो उसका लाभ मिले. भदेल ने नवजीवन योजना, श्रमिक कल्याण योजना सहित अन्य योजनाओं के नाम भी गिनाए और उनका लक्ष्य बढ़ाने की मांग की.

घोषणा पत्र के वादे, लेकिन सदन में मंत्री देते हैं विपरीत जवाब : अनिता भदेल ने कहा कि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में बीपीएल के सर्वे करवाने का वादा किया, लेकिन जब सदन में भाजपा विधायक शंकर सिंह रावत ने सवाल लगाया तो मंत्री बीपीएल के सर्वे से इनकार करते हैं. इसी तरह घोषणा पत्र में आंगनबाड़ी कर्मचारियों को नियमित करने का वादा किया, लेकिन सदन में मंत्री इससे इनकार करते हैं. भदेल ने कहा कि प्रदेश सरकार के मंत्री हर मामले को केंद्र सरकार पर डालते हैं, लेकिन जब घोषणाएं पूरी कर ही नहीं सकते तो फिर वादा क्यों करते हैं.

दलित अत्याचार मामले में राजस्थान दूसरे नंबर पर, समितियां भी केवल कागजों तक सिमटीं : अनिता भदेल ने चर्चा के दौरान एनसीआरबी के आंकड़ों का जिक्र करते हुए कहा कि दलित अत्याचार में राजस्थान का स्थान (Dalit Atrocities in Rajasthan) दूसरे नंबर पर है. भदेल ने कहा जिला स्तर पर दलितों के उत्थान के लिए समितियां तो बनती हैं, लेकिन वो कागजों तक सिमटी रहती हैं.

उनके अनुसार साल 2019 में राजस्थान में दलित महिलाओं से बलात्कार के मामले 101 सामने आए तो वहीं साल 2020 में यह आंकड़ा बढ़कर 119 हो गया और साल 2021 में यह आंकड़ा 149 हो गया. मतलब 47 प्रतिशत बढ़ोतरी इन घटनाओं में हुई है. भदेल ने कहा कि संविधान ने अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति वर्ग को आरक्षण तो दिया, लेकिन आज भी यह समाज अंतिम पंक्ति में खड़ा है.

पढ़ें : विधानसभा में बोले स्वास्थ्य मंत्री- जल्द ही प्रदेश में लाई जाएगी Right To Health पॉलिसी, एसएमएस में बनेगा अत्याधुनिक आईपीडी टावर

भदेल ने इस दौरान एफएसएल में तैनात अनुसूचित जाति वर्ग के एक कार्मिक का उदाहरण दिया जिसका, प्रमोशन डीपीसी कमेटी ने अटका रखा है. अनिता भदेल ने कहा कि आज न्यायिक क्षेत्र में एससी वर्ग के लोगों का प्रतिशत शून्य है जो चिंता का विषय है. भदेल ने कहा कि इस वर्ग के बच्चों को छात्रवृत्ति भी 2 से 3 साल में मिलती है.

वहीं, छात्रावासों की हालत भी बेहद खराब है. भदेल ने जनसंख्या के आधार पर आरक्षण की वकालत की और प्रमोशन में आरक्षण के आधार पर बढ़ते बैकलॉग को तुरंत पूरा करने की मांग भी की. अनिता भदेल ने इस दौरान अनुसूचित जाति वर्ग से आने वाले उद्यमियों के लिए भी सरकार से कई रियायत मांगी.

सदन में कोरम पूरा नहीं होने पर भड़के भाजपा नेता : अनुदान मांगों पर बहस के दौरान जब सत्ता पक्ष के विधायकों और मंत्रियों की संख्या सदन में कम थी, तब भाजपा विधायक रामलाल शर्मा और मदन दिलावर ने इस पर आपत्ति जताई और खड़े होकर बिना कोरम चर्चा कराए जाने पर भी आपत्ति की.

हालांकि, सभापति राजेंद्र पारीक ने उन्हें शांत किया और मदन दिलावर को व्यंग्यात्मक लहजे में यह भी कहा कि आप इतने सीनियर है मैं आपको अच्छी तरह जानता हूं, इतना कि खुद आप नहीं जानते होंगे. कृपा कर सदन की गरिमा बनाएं.

सदन में पेयजल किल्लत से लेकर सड़क और सीवरेज तक के उठे यह मुद्दे : राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को सदन में पेयजल किल्लत से लेकर खराब सड़क और बदहाल सीवरेज सिस्टम तक के मुद्दे उठाए गए. शून्यकाल में विधायकों ने स्थगन और विशेष उल्लेख प्रस्ताव के जरिए अपने क्षेत्र के इन ज्वलंत मुद्दों को सरकार के सामने रखा. विधायक अशोक लाहोटी ने जहां सांगानेर क्षेत्र से जुड़ा यह मुद्दा उठाया तो वहीं प्रताप सिंह सिंघवी और गिरधारी लाल ने भी अपने विधानसभा क्षेत्र में यही समस्या बताई.

लाहोटी ने शून्यकाल में विशेष उल्लेख प्रस्ताव के जरिए यह मामला उठाते हुए सरकार का ध्यान सांगानेर के विभिन्न वार्डों में पेयजल और खस्ताहाल सड़क की तरफ आकर्षित किया. लाहोटी ने कहा कि आजादी के 75 वर्ष के बाद भी इन वार्डों में पीने के पानी और सीवरेज लाइन की समस्या है.

वहीं, कुछ कॉलोनियां ऐसी हैं जो जेडीए ने अप्रूव्ड भी कर दी और विकास शुल्क के नाम पर 1400 करोड़ रुपए भी जमा करवा लिए, लेकिन इन पैसों का उपयोग जेडीए अपने कर्मचारियों को वेतन देने के काम में कर रहा है और कॉलोनियों में अब तक सीवरेज की लाइन नहीं डाली गई. यही स्थिति हाउसिंग बोर्ड से जुड़ी कॉलोनियों के क्षेत्र में है, जहां 30 साल पहले सीवरेज की लाइन डाली गई थी जो अब पूरी तरह जर्जर हो चुकी है.

लाहोटी ने कहा कि ऐसे में सरकार इन्हें दुरुस्त करा कर क्षेत्र की जनता को लाभ पहुंचाएं. इस दौरान छबड़ा से आने वाले भाजपा विधायक प्रताप सिंह सिंघवी ने शून्यकाल में कहा कि साल 2018-19 और 20 में स्वीकृत हुए ट्यूबवेल अब तक नहीं लगाए गए हैं. वहीं, हाल ही में 3 फरवरी को सड़कों के रिपेयर के लिए जो घोषणा हुई उस पर भी अब तक कुछ काम नहीं हुए.

सिंघवी ने कहा कि उनके क्षेत्र पहाड़ी क्षेत्र है वहां पर जो कुछ ट्यूबवेल खोदे भी गए तो उनकी गुणवत्ता बेहद खराब है. खराब ट्यूबवेल कई शिकायतों के बाद भी ठीक नहीं होते. ऐसे में हाड़ौती से आने वाले संसदीय कार्य मंत्री इस संबंध में ध्यान देकर समस्या का समाधान कराएं. श्रीडूंगरगढ़ से आने वाले विधायक गिरधारी लाल ने भी अपने क्षेत्र में पानी की समस्या का जिक्र किया और अधिकतर ट्यूबवेल खराब होने की बात कही. उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व में जो ट्यूबवेल स्वीकृत किए गए थे वह अब तक नहीं लगाए गए.

भाजपा विधायक चंद्रभान आज्ञा ने भी केवला देवी ध्यान में समुचित पानी की व्यवस्था नहीं होने से बाहर से आने वाले विदेशी पक्षियों की संख्या में कमी का मामला उठाया. सदन में किशनगढ़ से आने वाले निर्दलीय विधायक सुरेश टांक ने अपने क्षेत्र में हाल ही में घोषित किए गए जिला अस्पताल में प्रसूता और शिशुओं के लिए विंग बनाए जाने की मांग की. जमवारामगढ़ से विधायक गोपाल मीणा ने गृह विभाग के अधीन विधि विज्ञान प्रयोगशाला में कार्यरत आरक्षित वर्ग के कार्मिक के प्रमोशन में डीपीसी कमेटी द्वारा नियम विरुद्ध अटकाए जा रहे काम का मामला उठाया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.