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राजस्थान विधानसभा : प्रश्नकाल में डोटासरा सहित गहलोत के मंत्रियों ने दिए सवालों के जवाब... - Rajasthan Assembly Question Hour

राजस्थान विधानसभा में मंगलवार को प्रश्नकाल में मंत्री बीडी कल्ला, शांति धारीवाल, गोविंद सिंह डोटासरा, लालचंद कटारिया और सुखराम विश्नोई ने सवालों के जवाब दिए. विधानसभा में ईडब्ल्यूएस (EWS) अभ्यर्थियों को आयु सीमा में छूट से जुड़े सवाल के जवाब में मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि 19 फरवरी 2019 से ईडब्ल्यूएस का प्रावधान किया गया है और पुलिस उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा में आयु सीमा और परीक्षा शुल्क में छूट प्रदान की गई है.

Rajasthan Assembly Question Hour
राजस्थान विधानसभा प्रश्नकाल
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Published : Sep 14, 2021, 4:02 PM IST

जयपुर. मंत्री बीडी कल्ला सदन में सवालों के जवाब देते हुए कहा कि रीट में भी अभ्यर्थियों को पुनः आवेदन करने का अवसर दिया गया है. हालांकि, उन्होंने साफ कहा कि जो भर्ती प्रक्रियाधीन है उसमें ही प्रावधान लागू किए गए हैं. जो भर्तियां संपन्न हो चुकी हैं उन्हें वापस खोलना संभव नहीं है.

वहीं, जयपुर परकोटा से अतिक्रमण हटाने की कार्य योजना से जुड़े सवाल के जवाब में मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि 2016 में जयपुर परकोटे में अतिक्रमण हटाने के हाईकोर्ट के आदेश थे उन पर सुप्रीम कोर्ट का यथास्थिति का आदेश अब तक विद्यमान है, तो वहीं नागौर जिले में फसल बीमा योजना से वंचित कृषकों से जुड़े सवाल के जवाब में मंत्री कटारिया ने कहा कि कुल 278 प्रकरण लंबित हैं. इसमें विभागीय स्तर पर किसी का कोई दोष नहीं है. भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार पोर्टल को खोला नहीं जा सकता है.

ऐसे में हमने लगातार भारत सरकार को पत्र लिखे हैं और हजारों प्रकरणों का निस्तारण भी भारत सरकार के द्वारा किया गया है. नागौर जिले में डाटा एंट्री में विसंगतियां हैं, जिन्हें हम दूर करवा रहे हैं. उधर प्रदेश में अभयारण्यों में कार्यरत कर्मचारियों को विशेष पैकेज से जुड़े सवाल के जवाब में मंत्री सुखराम विश्नोई ने कहा कि वन कर्मी इच्छा से अभ्यारण और टाइगर रिजर्व में काम नहीं करना चाहते. यही कारण है कि मुकुंदरा टाइगर रिजर्व में 49 वन कर्मी कार्यरत हैं, जबकि 89 पद यहां स्वीकृत हैं.

पढ़ें : NEET परीक्षा का पेपर आउट होने पर भाजपा ने सरकार पर उठाए सवाल, पारदर्शिता के साथ कार्रवाई करने की मांग

इस पर विधायक भरत सिंह ने एसओजी (SOG) की तरह वनकर्मियों को हार्ड डयूटी अलाउंस दिए जाने की बात मंत्री से पूछी, तो मंत्री सुखराम विश्नोई ने कहा कि अभी इन कर्मियों को 2 तरीके का भत्ता दिया जाता है. हालांकि, स्थानांतरण में 2 साल के बाद किसी को रोका नहीं जा सकता, लेकिन हार्ड ड्यूटी अलाउंस इन वन कर्मियों के लिए दिए जाने का सरकार विचार करेगी. वहीं, सरकारी विद्यालयों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती से जुड़े सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि विद्यालयों में सफाई कर्मियों के पद स्वीकृत नहीं है और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती को वित्त विभाग ने अभी तक सहमति नहीं दी है.

करीब 25000 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से अट्ठारह हजार से ज्यादा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पद खाली हैं. इसके लिए गत सरकार और हमने भी वित्त विभाग को पत्र लिखा है. अब वित्त विभाग ने हमें कहा है कि अभी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती के लिए साक्षात्कार का ही प्रावधान है और इसमें पांचवी कक्षा उत्तीर्ण होने की बाध्यता है अगर यह भर्तियां इसी आधार पर होती है तो उसमें भ्रष्टाचार को लेकर आरोप-प्रत्यारोप हो सकते हैं. ऐसे में नए प्रावधानों के साथ यह भर्तियां जल्द ही सरकार की ओर से की जाएगी.

वहीं, ग्राम रक्षक की चयन प्रक्रिया में अनियमितता से जुड़े सवाल के जवाब में मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि चयन समिति में पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक और सीईओ होते हैं, जो पूरी जांच के बाद ही ग्राम रक्षक का चयन करते हैं. लेकिन अगर किसी के खिलाफ क्रिमिनल केस है तो शिकायत मिलने पर उसे हटा दिया जाएगा. वहीं आहोर में नगर पालिका बनाने की योजना के सवाल पर मंत्री धारीवाल ने कहा कि अभी ऐसी कोई योजना वर्तमान में सरकार के पास प्रक्रियाधीन नहीं है.

जयपुर. मंत्री बीडी कल्ला सदन में सवालों के जवाब देते हुए कहा कि रीट में भी अभ्यर्थियों को पुनः आवेदन करने का अवसर दिया गया है. हालांकि, उन्होंने साफ कहा कि जो भर्ती प्रक्रियाधीन है उसमें ही प्रावधान लागू किए गए हैं. जो भर्तियां संपन्न हो चुकी हैं उन्हें वापस खोलना संभव नहीं है.

वहीं, जयपुर परकोटा से अतिक्रमण हटाने की कार्य योजना से जुड़े सवाल के जवाब में मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि 2016 में जयपुर परकोटे में अतिक्रमण हटाने के हाईकोर्ट के आदेश थे उन पर सुप्रीम कोर्ट का यथास्थिति का आदेश अब तक विद्यमान है, तो वहीं नागौर जिले में फसल बीमा योजना से वंचित कृषकों से जुड़े सवाल के जवाब में मंत्री कटारिया ने कहा कि कुल 278 प्रकरण लंबित हैं. इसमें विभागीय स्तर पर किसी का कोई दोष नहीं है. भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार पोर्टल को खोला नहीं जा सकता है.

ऐसे में हमने लगातार भारत सरकार को पत्र लिखे हैं और हजारों प्रकरणों का निस्तारण भी भारत सरकार के द्वारा किया गया है. नागौर जिले में डाटा एंट्री में विसंगतियां हैं, जिन्हें हम दूर करवा रहे हैं. उधर प्रदेश में अभयारण्यों में कार्यरत कर्मचारियों को विशेष पैकेज से जुड़े सवाल के जवाब में मंत्री सुखराम विश्नोई ने कहा कि वन कर्मी इच्छा से अभ्यारण और टाइगर रिजर्व में काम नहीं करना चाहते. यही कारण है कि मुकुंदरा टाइगर रिजर्व में 49 वन कर्मी कार्यरत हैं, जबकि 89 पद यहां स्वीकृत हैं.

पढ़ें : NEET परीक्षा का पेपर आउट होने पर भाजपा ने सरकार पर उठाए सवाल, पारदर्शिता के साथ कार्रवाई करने की मांग

इस पर विधायक भरत सिंह ने एसओजी (SOG) की तरह वनकर्मियों को हार्ड डयूटी अलाउंस दिए जाने की बात मंत्री से पूछी, तो मंत्री सुखराम विश्नोई ने कहा कि अभी इन कर्मियों को 2 तरीके का भत्ता दिया जाता है. हालांकि, स्थानांतरण में 2 साल के बाद किसी को रोका नहीं जा सकता, लेकिन हार्ड ड्यूटी अलाउंस इन वन कर्मियों के लिए दिए जाने का सरकार विचार करेगी. वहीं, सरकारी विद्यालयों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती से जुड़े सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि विद्यालयों में सफाई कर्मियों के पद स्वीकृत नहीं है और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती को वित्त विभाग ने अभी तक सहमति नहीं दी है.

करीब 25000 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से अट्ठारह हजार से ज्यादा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पद खाली हैं. इसके लिए गत सरकार और हमने भी वित्त विभाग को पत्र लिखा है. अब वित्त विभाग ने हमें कहा है कि अभी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती के लिए साक्षात्कार का ही प्रावधान है और इसमें पांचवी कक्षा उत्तीर्ण होने की बाध्यता है अगर यह भर्तियां इसी आधार पर होती है तो उसमें भ्रष्टाचार को लेकर आरोप-प्रत्यारोप हो सकते हैं. ऐसे में नए प्रावधानों के साथ यह भर्तियां जल्द ही सरकार की ओर से की जाएगी.

वहीं, ग्राम रक्षक की चयन प्रक्रिया में अनियमितता से जुड़े सवाल के जवाब में मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि चयन समिति में पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक और सीईओ होते हैं, जो पूरी जांच के बाद ही ग्राम रक्षक का चयन करते हैं. लेकिन अगर किसी के खिलाफ क्रिमिनल केस है तो शिकायत मिलने पर उसे हटा दिया जाएगा. वहीं आहोर में नगर पालिका बनाने की योजना के सवाल पर मंत्री धारीवाल ने कहा कि अभी ऐसी कोई योजना वर्तमान में सरकार के पास प्रक्रियाधीन नहीं है.

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