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सरकार 'राज' - 1 साल : घोषणा पत्र को सरकारी दस्तावेज में किया शामिल, कई योजनाएं की शुरू - राजस्थान सरकार

प्रदेश की गहलोत सरकार 17 दिसंबर को अपने तीसरे कार्यकाल की पहली वर्षगांठ मनाने जा रही है. सरकार ने अपने जन घोषणा पत्र में किए वादों को पूरा करने के लिए पहली ही कैबिनेट बैठक में इन्हें सरकारी दस्तावेज में शामिल किया था. इतना ही नहीं इनकी मॉनिटरिंग के लिए मंत्रीमंडल उप समितियों का भी गठन किया था. ताकि समय पर उन्हें पूरा किया जा सके. जनकल्याणकारी सरकार का दावा करने वाले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक साल में क्या कुछ योजनाएं लागू की, जिसे लेकर पेश है एक खास रिपोर्ट :

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गहलोत सरकार - एक साल : स्पेशल रिपोर्ट
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Published : Dec 9, 2019, 5:38 PM IST

Updated : Dec 10, 2019, 7:23 AM IST

जयपुर. एक साल पहले 'कांग्रेस का हाथ, सबके साथ' के नारे के साथ प्रदेश की जनता के बीच पहुंची कांग्रेस को जनता से भारी जनाधार मिला. 7 दिसंबर को हुए मतदान में जनता ने कांग्रेस को वोट किया. 11 दिसंबर 2018 को जैसे ही मतपेटियां खुली तो कांग्रेस 99 सीटों पर जीत हासिल कर सरकार बनाने में कामयाब रही. 17 दिसंबर को अशोक गहलोत ने तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. सरकार के गठन के बाद सीएम गहलोत ने किसानों की कर्ज माफी की घोषणा कर जनता से किए गए वादों को पूरा करने की शुरुआत की.

गहलोत सरकार - एक साल : स्पेशल रिपोर्ट

हालांकि, सरकार के गठन के ठीक 6 माह बाद लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लग गई, लेकिन गहलोत ने आचार सहिंता से पहले कई बड़े फैसले ले लिए थे. जो राजस्थान की विकास यात्रा में मील के पत्थर साबित हो सकते हैं. फिर चाहे वो किसान कर्जमाफी हो या महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण तक का संकल्प. इतना ही नहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद अपने स्तर पर सभी फैसलों की मॉनिटरिंग भी कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें : दिल्ली रैली की तैयारी में जुटा राजस्थान कांग्रेस संगठन, 50 हजार की भीड़ जुटाने का टारगेट

ऐसा नहीं है कि गहलोत सरकार ने घोषणा या फैसले लिए, बल्कि इनकी मॉनिटरिंग के लिए उप समितियों का गठन भी किया. साथ ही चुनावी घोषणा पत्र को सरकारी दस्तावेज भी बनाया. ताकि चुनाव के दौरान जनता से किए गए वादों को पूरा किया जा सके. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जन घोषणा पत्र और बजट में की गई घोषणाओं के फीडबैक के लिए स्वयं भी मॉनिटरिंग करते हैं.

यही वजह है कि सरकार की पहली वर्षगांठ से पूर्व गहलोत ने प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर्स और संभागीय आयुक्त के साथ वीडियों कॉन्फ्रेंस कर योजनाओं की प्रगति रिपोर्ट ली. वहीं जनता से जुड़े काम-काज में लापरवाही बरतने पर गहलोत ने 9 अधिकारी और कमर्चारियों को सस्पेंड भी किया. जबकि 3 अधिकारियों को चार्जशीट थमा दी थी. गहलोत सरकार अब आगामी दिनों में अपना एक साल का कार्यकाल पूरा करने जा रही है.

  • गहलोत सरकार के एक वर्ष के 10 महत्वपूर्ण फैसले
  • - किसानों का फसली ऋण माफ
  • - बेरोजगारों को रोजगार भत्ता
  • - पंचायत चुनाव की शैक्षणिक बाध्यता समाप्त
  • - गरीब दिव्यांग, विधवा पेंशन में बढ़ोतरी
  • - गरीबों को एक रुपए किलो की दर से गेहूं
  • - मनरेगा मजदूरों के कार्य दिवस और मानदेय में बढ़ोतरी
  • - आर्थिक आधार पर आरक्षण में अचल संपत्ति का प्रावधान हटाकर नियमों का सरलीकरण
  • - मुख्यमंत्री निशुल्क दवा और जांच योजना का दायरा बढ़ा योजना फिर से शुरू की
  • - विशेष योग्यजनों के लिए सरकारी सेवाओं में आरक्षण 3 से बढ़ाकर चार प्रतिशत किया
  • - सम्पर्क पोर्टल 181 - राजस्थान सम्पर्क पोर्टल पर आमजन घर बैठे ऑनलाइन अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराने, समस्या समाधान को और आसान बनाने के लिए सरकार द्वारा राजस्थान संपर्क हेल्पलाइन 181 भी शुरू की गई.

जयपुर. एक साल पहले 'कांग्रेस का हाथ, सबके साथ' के नारे के साथ प्रदेश की जनता के बीच पहुंची कांग्रेस को जनता से भारी जनाधार मिला. 7 दिसंबर को हुए मतदान में जनता ने कांग्रेस को वोट किया. 11 दिसंबर 2018 को जैसे ही मतपेटियां खुली तो कांग्रेस 99 सीटों पर जीत हासिल कर सरकार बनाने में कामयाब रही. 17 दिसंबर को अशोक गहलोत ने तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. सरकार के गठन के बाद सीएम गहलोत ने किसानों की कर्ज माफी की घोषणा कर जनता से किए गए वादों को पूरा करने की शुरुआत की.

गहलोत सरकार - एक साल : स्पेशल रिपोर्ट

हालांकि, सरकार के गठन के ठीक 6 माह बाद लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लग गई, लेकिन गहलोत ने आचार सहिंता से पहले कई बड़े फैसले ले लिए थे. जो राजस्थान की विकास यात्रा में मील के पत्थर साबित हो सकते हैं. फिर चाहे वो किसान कर्जमाफी हो या महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण तक का संकल्प. इतना ही नहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद अपने स्तर पर सभी फैसलों की मॉनिटरिंग भी कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें : दिल्ली रैली की तैयारी में जुटा राजस्थान कांग्रेस संगठन, 50 हजार की भीड़ जुटाने का टारगेट

ऐसा नहीं है कि गहलोत सरकार ने घोषणा या फैसले लिए, बल्कि इनकी मॉनिटरिंग के लिए उप समितियों का गठन भी किया. साथ ही चुनावी घोषणा पत्र को सरकारी दस्तावेज भी बनाया. ताकि चुनाव के दौरान जनता से किए गए वादों को पूरा किया जा सके. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जन घोषणा पत्र और बजट में की गई घोषणाओं के फीडबैक के लिए स्वयं भी मॉनिटरिंग करते हैं.

यही वजह है कि सरकार की पहली वर्षगांठ से पूर्व गहलोत ने प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर्स और संभागीय आयुक्त के साथ वीडियों कॉन्फ्रेंस कर योजनाओं की प्रगति रिपोर्ट ली. वहीं जनता से जुड़े काम-काज में लापरवाही बरतने पर गहलोत ने 9 अधिकारी और कमर्चारियों को सस्पेंड भी किया. जबकि 3 अधिकारियों को चार्जशीट थमा दी थी. गहलोत सरकार अब आगामी दिनों में अपना एक साल का कार्यकाल पूरा करने जा रही है.

  • गहलोत सरकार के एक वर्ष के 10 महत्वपूर्ण फैसले
  • - किसानों का फसली ऋण माफ
  • - बेरोजगारों को रोजगार भत्ता
  • - पंचायत चुनाव की शैक्षणिक बाध्यता समाप्त
  • - गरीब दिव्यांग, विधवा पेंशन में बढ़ोतरी
  • - गरीबों को एक रुपए किलो की दर से गेहूं
  • - मनरेगा मजदूरों के कार्य दिवस और मानदेय में बढ़ोतरी
  • - आर्थिक आधार पर आरक्षण में अचल संपत्ति का प्रावधान हटाकर नियमों का सरलीकरण
  • - मुख्यमंत्री निशुल्क दवा और जांच योजना का दायरा बढ़ा योजना फिर से शुरू की
  • - विशेष योग्यजनों के लिए सरकारी सेवाओं में आरक्षण 3 से बढ़ाकर चार प्रतिशत किया
  • - सम्पर्क पोर्टल 181 - राजस्थान सम्पर्क पोर्टल पर आमजन घर बैठे ऑनलाइन अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराने, समस्या समाधान को और आसान बनाने के लिए सरकार द्वारा राजस्थान संपर्क हेल्पलाइन 181 भी शुरू की गई.
Intro:जयपुर

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" एक साल बेमिसाल "

एंकर :- 17 दिसम्बर को प्रदेश की गहलोत सरकार अपने तीसरे कार्यकाल की पहली वर्ष गांठ मना रही है , सरकार ने अपने जन घोषणा पत्र में किये गए वादों को पूरा करने के लिए पहली ही कैबिनेट बैठक में इन्हे सरकारी दस्तावेज में शामिल किया गया , इतना ही नहीं इनकी मोनेटरिंग के लिए मंत्रीमंडल उप समितियां भी का घटन भी किया ताकि काम काज निपटाया जा सके , जनकल्याणकारी सरकार का दावा करने वाले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक साल में क्या कुछ योजनाएं लागू की इस पर हम अपनी इस ख़ास रिपोर्ट में देखेंगे ,

VO:1:- एक साल पहले " कांग्रेस का हाथ सबके साथ " के नारे साथ प्रदेश की जनता के बीच पहुंची कांग्रेस को जनता का जनाधार मिला , 7 दिसंबर को हुए मतदान में जनता के कॉंग्रेस को वोट किया , 11 दिसंबर 2018 को जैसे ही मतपेटियां खुली तो कांग्रेस 99 सीटों पर जीत दर्ज कर सरकार बनाने में कामयाब रही , 17 दिसंबर को अशोक गहलोत ने तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली , सरकार के गठन के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किसानों की कर्ज माफी की घोषणा कर जनता से किये गए वादों को पूरा करने की शुरुआत की , हालाँकि सरकार के गठन के ठीक 6 माह बाद लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लग गई , लेकिन सीएम गहलोत ने आचार सहिंता से पहले कई बड़े फैसले ले लिए थे जो राजस्थान की विकास यात्रा में मील के पत्थर साबित हो सकते हैं , फिर चाहे किसान कर्जमाफी हो या महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण तक का संकल्प , इतना ही नहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद अपने स्तर पर सभी फैसलों की मॉनिटरिंग भी कर रहे हैं ,

गहलोत सरकार के एक वर्ष के 10 महत्वपूर्ण फैसले -

ग्राफिक्स इन <

- किसानों का फसल ऋण माफ -
- बेरोजगारों को रोजगार भत्ता -
- पंचायत चुनाव की शैक्षणिक बाध्यता समाप्त -
- गरीब विकलांग विधवा पेंशन में बढ़ोतरी -
- गरीबों को एक रुपए किलो में गेहूं -
- नरेगा मजदूरों के कार्य दिवस और मानदेय में बढ़ोतरी -
- गुर्जर सहित 5 जातियों को 5 फीसदी आरक्षण का लाभ -
- आर्थिक आधार पर आरक्षण में अचल संपत्ति का प्रावधान हटाकर नियमों का सरलीकरण -
- मुख्य मुख्यमंत्री निशुल्क दवा और जांच योजना का दायरा बढ़ाया योजना फिर से शुरू की -
- विशेष योग्यजनों के लिए सरकारी सेवाओं में आरक्षण तीन प्रतिशत से बढ़ाकर चार प्रतिशत कर दिया -
- दिल्ली की मोहल्ला क्लिनिक की तर्ज पर राजस्थान में जनता क्लिनिक शुरआत
- सम्पर्क पोर्टल 181 - राजस्थान सम्पर्क पोर्टल पर आमजन घर बैठे ऑनलाइन अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराने ... समस्या समाधान को और आसान बनाने के लिए सरकार द्वारा राजस्थान सम्पर्क हेल्पलाइन 181 भी शुरू की गई है

ग्राफिक्स आउट >
बाइट:- अर्चना शर्मा - कांग्रेस उपाध्यक्ष
VO:2:- ऐसा नहीं है कांग्रेस की गहलोत सरकार ने घोषणा या फैसले लिए इनकी मोनेटरिंग के लिए उपसमितियों का भी गठन किया , साथ ही चुनावी घोषणा पत्र सरकारी दस्तावेज भी बनाया , ताकि चुनाव के दौरान जनता से किये गए वदाओं को पूरा किया जा सके , मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जन घोषणा पत्र और बजट में की गई घोषणाओं के फीडबैक लिए स्वयं भी मोनेटरिंग करते है , यही वजह है कि सरकार की एक वर्ष की वर्ष गाँठ से पूर्व सीएम गहलोत ने प्रदेश के सभी जिला कलक्टर्स और संभागीय आयुक्त के साथ वीडियों कॉन्फ्रेंस कर योजनाओं की प्रगति रिपोर्ट ली , जनता के काम काज में लापरवाही बरतने पर सीएम गहलोत ने 9 अधिकारी और कमर्चारियों को सस्पेंड भी किया साथ ही 3 अधिकारीयों को चार्जशीट थमा दी , Body:VOConclusion:Vo
Last Updated : Dec 10, 2019, 7:23 AM IST
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