ETV Bharat / city

सख्त निर्देश : राजकीय समारोह में 'नेताजी' को बुलाना अनिवार्य, अधिकारियों के शिलालेख पर नाम और माला पहनने पर पाबंदी

प्रशासनिक सुधार विभाग ने परिपत्र जारी करते हुए निर्देश दिए हैं कि ऐसा कोई भी कार्यक्रम जो राजकीय खर्चों पर आयोजित होता है उसमें जनप्रतिनिधियों को बुलाना जरूरी है. ऐसे कार्यक्रमों की सूचना जनप्रतिनिधियों को समय पर भी दी जाए. जिससे वह कार्यक्रम में आ सकें. साथ ही कमर्चारी-अधिकारियों पर पाबंदी लगाई गई है कि वह शिलालेखों पर अपना नाम नहीं लिखवाएं.

राजकीय समारोह में जनप्रतिनिधि को बुलाना अनिवार्य, compulsory to call public representative in state function
प्रशानिक सुधार विभाग ने जारी किया परिपत्र
author img

By

Published : Feb 19, 2020, 12:13 PM IST

जयपुर. प्रशासनिक सुधार विभाग ने राजकीय समारोह में जनप्रतिनिधियों को नहीं बुलाने पर सख्ती दिखाई है. प्रशानिक सुधार विभाग ने परिपत्र जारी करते हुए निर्देश दिए हैं कि किसी भी राज्य समारोह में जनप्रतिनिधियों को बुलाना आवश्यक है, साथ ही अधिकारी और कर्मचारियों को पाबंद किया गया है कि वे ना शिलालेख पर नाम लिखवाएं और ना ही समारोह में माला-साफा पहने.

राजकीय समारोह में जनप्रतिनिधि को बुलाना अनिवार्य

प्रशासनिक सुधार विभाग की ओर से जारी परिपत्र में कहा गया है कि ऐसा कोई भी कार्यक्रम जो राजकीय खर्चों पर आयोजित होता है उसमें जनप्रतिनिधियों को बुलाना जरूरी है. ऐसे कार्यक्रमों की सूचना जनप्रतिनिधियों को समय पर भी दी जाए. जिससे वह कार्यक्रम में आ सकें. साथ ही कमर्चारी-अधिकारियों पर पाबंदी लगाई गई है कि वह शिलालेखों पर अपना नाम नहीं लिखवाएं.

राजकीय कार्यों में अधिकारी और कर्मचारी माला-साफा भी नहीं पहने. गाइड लाइन में कहा गया है कि विभाग के आदेश की अवहेलना करने पर अधिकारी को राजकीय सिविल सेवा आचरण नियम 1971 के प्रावधान का उल्लंघन माना जाएगा और संबंधित अधिकारी कर्मचारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.

दरअसल, राजकीय समारोह में जनप्रतिनिधियों को नहीं बुलाने को लेकर लगातार शिकायत मिल रही थी. इन शिकायतों के बीच अब प्रशासनिक सुधार विभाग ने मंगलवार देर रात को परिपत्र जारी कर उसे सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए हैं.

पढ़ें- CAA पर बोले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, कहा- हर सदन को बिल पारित करने का अधिकार

यह दिए है निर्देश

  • राजकीय धनराशि से तैयार शिलान्यास उद्घाटन समारोह में जनप्रतिनिधि, विधायक, जिला प्रमुख, प्रधान, नगर निकायों के मेयर, सभापति, अध्यक्ष, सरपंच को आवश्यक रूप से आमंत्रित किया जाए.
  • जनप्रतिनिधियों के बैठने की समुचित व्यवस्था की जाए.
  • सरकारी सेवकों को सांसद और विधायकों से संपर्क के दौरान शिष्टाचार और सम्मान दर्शाना चाहिए.
  • अधिकारी भवनों के शिलान्यास, उद्घाटन, लोकार्पण नहीं करें और अपना नाम भी शिलालेखों पर नहीं लिखवाएं.

जयपुर. प्रशासनिक सुधार विभाग ने राजकीय समारोह में जनप्रतिनिधियों को नहीं बुलाने पर सख्ती दिखाई है. प्रशानिक सुधार विभाग ने परिपत्र जारी करते हुए निर्देश दिए हैं कि किसी भी राज्य समारोह में जनप्रतिनिधियों को बुलाना आवश्यक है, साथ ही अधिकारी और कर्मचारियों को पाबंद किया गया है कि वे ना शिलालेख पर नाम लिखवाएं और ना ही समारोह में माला-साफा पहने.

राजकीय समारोह में जनप्रतिनिधि को बुलाना अनिवार्य

प्रशासनिक सुधार विभाग की ओर से जारी परिपत्र में कहा गया है कि ऐसा कोई भी कार्यक्रम जो राजकीय खर्चों पर आयोजित होता है उसमें जनप्रतिनिधियों को बुलाना जरूरी है. ऐसे कार्यक्रमों की सूचना जनप्रतिनिधियों को समय पर भी दी जाए. जिससे वह कार्यक्रम में आ सकें. साथ ही कमर्चारी-अधिकारियों पर पाबंदी लगाई गई है कि वह शिलालेखों पर अपना नाम नहीं लिखवाएं.

राजकीय कार्यों में अधिकारी और कर्मचारी माला-साफा भी नहीं पहने. गाइड लाइन में कहा गया है कि विभाग के आदेश की अवहेलना करने पर अधिकारी को राजकीय सिविल सेवा आचरण नियम 1971 के प्रावधान का उल्लंघन माना जाएगा और संबंधित अधिकारी कर्मचारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.

दरअसल, राजकीय समारोह में जनप्रतिनिधियों को नहीं बुलाने को लेकर लगातार शिकायत मिल रही थी. इन शिकायतों के बीच अब प्रशासनिक सुधार विभाग ने मंगलवार देर रात को परिपत्र जारी कर उसे सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए हैं.

पढ़ें- CAA पर बोले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, कहा- हर सदन को बिल पारित करने का अधिकार

यह दिए है निर्देश

  • राजकीय धनराशि से तैयार शिलान्यास उद्घाटन समारोह में जनप्रतिनिधि, विधायक, जिला प्रमुख, प्रधान, नगर निकायों के मेयर, सभापति, अध्यक्ष, सरपंच को आवश्यक रूप से आमंत्रित किया जाए.
  • जनप्रतिनिधियों के बैठने की समुचित व्यवस्था की जाए.
  • सरकारी सेवकों को सांसद और विधायकों से संपर्क के दौरान शिष्टाचार और सम्मान दर्शाना चाहिए.
  • अधिकारी भवनों के शिलान्यास, उद्घाटन, लोकार्पण नहीं करें और अपना नाम भी शिलालेखों पर नहीं लिखवाएं.
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.