जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने आईपीएस सत्यवीर सिंह को उदयपुर रेंज आईजी पद पर लगाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से 16 फरवरी तक जवाब मांगा है. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश अब्दुल मतिन खान की याचिका पर दिए.
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याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता ने वर्ष 2014 में तत्कालीन कोटा एसपी सत्यवीर सिंह के खिलाफ एसीबी में मामला दर्ज कराया था. जिसमें अदालत में आरोप पत्र भी पेश हो चुका है. वहीं इस केस के एक गवाह पर सत्यवीर सिंह ने जानलेवा हमला कराया था. इसे लेकर गत 18 नवंबर को कोटा के कोतवाली थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी. याचिका में कहा गया कि कार्मिक विभाग ने 23 जुलाई 2003 को एक परिपत्र जारी कर कहा था कि जिन अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ सरकारी धन के दुरुपयोग करने या उसका गबन करने या फिर गंभीर वित्तीय अनियमिताएं करने जैसे आरोप लंबित हैं तो उन्हें फील्ड पोस्टिंग से हटा लिया जाए और भविष्य में भी फील्ड पोस्टिंग नहीं दी जाए.
याचिका में कहा गया कि इसके बाद फील्ड पोस्टिंग के संबंध में कोई परिपत्र जारी नहीं किया गया. इसके बावजूद विभाग के अधिकारियों ने सरकार को अंधेरे में रखकर आईपीएस सत्यवीर सिंह को उदयपुर रेंज आईजी लगा दिया. आईजी जैसे प्रभावशाली पद के चलते वे दोनों आपराधिक मामलों के गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं. इसलिए उन्हें पद से हटाया जाए और उन्हें नियम विरूद्ध पोस्टिंग देने वालों पर कार्रवाई की जाए. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से केविएटर के तौर पर पेश एएजी को अदालत ने जवाब देने के लिए 16 फरवरी का समय दिया है.