जयपुर. राजा मानसिंह की मंगलवार को पुण्यतिथि मनाई गई. विश्व प्रसिद्ध आमेर महल में राजा मानसिंह की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उनको श्रद्धांजलि दी गई. भाजपा सांसद दिया कुमारी, परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, श्री राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना समेत कई लोगों ने राजा मानसिंह की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए.
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राजा मानसिंह की पुण्यतिथि के अवसर पर श्री राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना ने कहा कि कई लोगों ने राजा मानसिंह को बदनाम करने की कोशिश की है, जबकि वह सनातन धर्म के रक्षक थे. राजा मानसिंह और महाराणा प्रताप के बीच कोई द्वेष नहीं था.
सांसद दीया कुमारी ने राजा मानसिंह की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गर्व की बात है कि राजा मानसिंह हमारे पूर्वज थे, उनकी स्मृति में म्यूजियम बनाया जाएगा, जिसमें उनके इतिहास के बारे में लोग जान सकेंगे.
राजा मानसिंह का बनाया जाएगा म्यूजियम
सांसद दिया कुमारी ने बताया कि हमारे पूर्वज राजा मानसिंह की पुण्यतिथि मनाई गई है. आने वाले समय में राजा मान सिंह का म्यूजियम बनाया जाएगा. आमेर महल प्रशासन और करणी सेना की ओर से म्यूजियम बनाने की तैयारी की जा रही है.
दीया कुमारी ने कहा कि मान सिंह ने हिंदू धर्म बचाने के लिए हमारे मंदिरों का भी संरक्षण किया. उस समय भारत की सीमा बहुत आगे तक थी, राजा मानसिंह ने सभी जगहों पर मंदिर स्थापित किए. उस समय राजा मानसिंह ने हिंदू धर्म को बचाने के लिए बहुत कुछ किया था, क्योंकि उस समय मुगलों का शासन था, लेकिन उस समय उन परिस्थितियों के बावजूद भी उन्होंने हिंदू धर्म और हिंदू संस्कृति बचाने के लिए हर संभव प्रयास किए मुझे बहुत गर्व है कि मैं उनके परिवार से हूं.
हिंदू धर्म के रक्षक के राजा मानसिंह
श्री राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना ने बताया कि राजा मानसिंह की आज पुण्यतिथि है. राजा मानसिंह ने आमेर की स्थापना की थी. राजा मानसिंह ने अपने शासनकाल में 1000 से अधिक हिंदू मंदिरों को बनवाया था. पुरी का मंदिर हो या चाय सोमनाथ का मंदिर तोड़ दिए गए थे, उस समय धर्मांतर बड़े चरम पर था. ऐसे मामलों को भी राजा मानसिंह ने विराम लगाया.
अकबर का शासन काल होने के बावजूद ईरान-इराक तक अपने साम्राज्य को ले गए. राजा मानसिंह का दिल्ली की गद्दी में सहयोग था. उसमें एक व्यक्त था कि भोम तुम्हारी और धन हमारा. जो भी लूटा हुआ धन मिलता था, वह आमेर में आता था. जो वहां की विजयी भूमि थी, वह अकबर दरबार में जाती थी. इस तरह एक बराबर का कम्युनिकेशन था. इसमें कोई अधीनता नहीं थी. जबकि लोगों ने अधीनता बोलकर बदनाम करने की कोशिश की. यह सब झूठ था, जिस पर अब विराम लगना चाहिए. कई इतिहासकारों ने हमारे राजा महाराजाओं के इतिहास को तोड़ मरोड़ कर दिखाने की कोशिश की है.
राजा मानसिंह ने लड़े थे कई युद्ध
राजा मानसिंह ने 88 बड़े युद्ध और 150 छोटे युद्ध लड़े थे. 18 साल रेगुलर युद्ध में रहना हर किसी के बस की बात नहीं है. राजा मानसिंह बड़े पराक्रमी व्यक्ति थे. जयपुर को छोटी काशी कहा जाता है, यहां पर करीब 450 मंदिरों का निर्माण राजा मानसिंह ने करवाया था.
राजा मानसिंह और महाराणा प्रताप के बीच कोई द्वेष नहीं था
महिपाल सिंह मकराना ने बताया कि महाराणा प्रताप के छोटे भाई की बेटी का विवाह राजा मान सिंह के पोते के साथ हुआ था. जिसका कन्यादान महाराणा प्रताप ने किया था. ऐसा कौन व्यक्ति है जो बोलता है कि वह महाराणा प्रताप के खिलाफ खड़े थे.
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राजा मानसिंह और महाराणा प्रताप के बीच कोई द्वेष नहीं था. महाराणा प्रताप ने अपने छोटे भाई भगवान सिंह जो कि शहीद हो गए थे, उनकी बेटी का विवाह करवाया था और खुद ने कन्यादान लिया था. इसके बावजूद भी राजा मानसिंह को बदनाम करने की कोशिश की गई है. राजाओं के सम्मान को लेकर कार्यक्रम करने की आवश्यकता है.
टूरिस्ट गाइडों ने राजा मानसिंह को दी श्रद्धांजलि
राजा मानसिंह की पुण्यतिथि के अवसर पर आमेर महल के दीवान-ए- आम में श्रद्धांजलि कार्यक्रम रखा गया. टूरिस्ट गाइडों ने राजा मानसिंह की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. टूरिस्ट गाइड महेश कुमार शर्मा ने बताया कि राजा मानसिंह सनातन धर्म के रक्षक थे. राजा मानसिंह को याद करके उनकी जीवनी पर प्रकाश डाला गया है.