जयपुर. एक अकेली महिला को ट्रेन सफर के दौरान कई बार मुश्किलों का सामना भी करना पड़ता है. रेलवे सुरक्षा बल की ओर से चलती ट्रेन में सुरक्षा के लिए 'मेरी सहेली' नाम से विशेष अभियान चलाया जा रहा है. अकेली महिला को ट्रेन में सफर के दौरान घबराने की जरूरत नहीं है.
ट्रेन में अकेली सफर कर रही महिलाओं और बच्चियों से छेड़छाड़ करने वाले की अब नहीं खैर नहीं है. इन मनचलों की धरपकड़ करने के लिए भारतीय रेलवे ने 'मेरी सहेली' अभियान की शुरुआत कर दी है. रेलवे का मेरी सहेली अभियान ट्रेन में अकेली महिला के सफर को सुरक्षित बनाता है. अकेली महिला की सुरक्षा के लिए चलती ट्रेन में रेलवे ने 'मेरी सहेली' अभियान चला रखा है. इस अभियान के तहत महिलाओं को सुरक्षा मुहैया करवाई जा रही है. यह अभियान आरपीएफ डीजी अरुण कुमार के निर्देशन में पूरे भारतीय रेलवे में चल रहा है.
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इस अभियान के तहत रेलवे सुरक्षा बल अकेली सफर कर रही महिला और बच्चियों पर नजर बनाए रखती है. जिसके लिए रेलवे सुरक्षा बल की एक विशेष टीम का गठन कर दिया गया है. आरपीएफ की स्पेशल टीम अकेली सफर कर रही महिला और बच्चियों से लगातार संपर्क साधते रहते हैं. इस अभियान के बाद से महिलाएं भी ट्रेन में सफर करते हुए अपने आप को सुरक्षित महसूस कर रही हैं.
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य अकेली सफर कर रही महिलाओं को उनके गंतव्य स्थान तक सुरक्षित पहुंचाना है. यदि कोई अकेली महिला जयपुर से मुंबई सफर कर रही है, तो जब तक वह महिला मुंबई नहीं पहुंचती तब तक मेरी सहेली की टीम उनके संपर्क में रहती है. लंबी दूरी पर सफर करने के दौरान हर स्टेशन पर महिला और बच्चियों से संपर्क साधा जाता है. ताकि उन्हें कोई परेशानी ना हो.
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अकेली सफर कर रही महिलाओं की सुरक्षा के लिए आरपीएफ ने इन्हें सुरक्षा देने के लिए जो टीम गठित की है उसमें महिला सब स्पेक्टर, हैड कांस्टेबल, कांस्टेबल सहित अन्य स्पॉट करने वाले स्टाफ शामिल है. जो कि ट्रेन के कोच में जाकर अकेली यात्री महिला से सम्पर्क साधते है. यदि कोई शिकायत मिलती है तो उस पर त्वरित कार्रवाई की जाती है. इसके साथ ही महिलाओं का नाम गोपनीय रखा जाता है. इस अभियान की शुरुआत सबसे पहले साउथ इंडिया रेलवे से की गई थी. अब देशभर के रेलवे जोनों में 'मेरी सहेली' अभियान को मजबूती देने का काम किया जा रहा है.
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ट्रेन में सफर कर रहे लोगों के लिए 182 सुरक्षा हेल्प लाइन नंबर आरपीएफ ने पूरे भारतीय रेल में काफी समय से लांच कर रखा है. यदि ट्रेन के अंदर किसी भी यात्री को कोई परेशानी या अन्य कुछ गड़बड़ी की आशंका होती है तो वह 182 नंबर पर कॉल करते हैं. इस नंबर पर कॉल आते ही सुरक्षा बल पूरी तरह सक्रिय होते हुए उस पर कार्रवाई करना शुरू कर देते हैं. अब इस 182 नंबर को हाईटेक करने के लिए रेलवे सुरक्षा बल इसके लिए एक हाईटेक कॉल सेंटर की भी शुरुआत करेगा.
जैसे ही इस नंबर पर कोई कॉल आता है तो उसका टिकट जनरेट होगा. जनरेट हुए टिकट को तब तक क्लोज नहीं किया जाएगा, जब तक कि उस समस्या का पूरा निवारण नहीं हो जाता. उस समस्या का पूरा निवारण होने के बाद ही उस टिकट को क्लोज कर दिया जाएगा. रेलवे सुरक्षा बल के अधिकारी का कहना है कि इस हाईटेक कॉल सेंटर को जल्द तैयार किया जाएगा.