ETV Bharat / city

रेलवे निजीकरण के विरोध में कर्मचारियों ने किया विरोध प्रदर्शन, इससे होने वाले नुकसान को भी बताया

जयपुर में रेलवे निजीकरण को लेकर कर्मचारियों ने एआईआरएफ के आह्वान पर नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लॉई यूनियन ने उत्तर पश्चिम रेलवे के विभिन्न स्टेशनों पर धरना प्रदर्शन कर ट्रेन और स्टेशनों को निजीकरण नहीं करने की मांग को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ आक्रोश जताया.

author img

By

Published : Oct 23, 2019, 11:15 PM IST

एंप्लाइज यूनियन के महामंत्री मुकेश माथुर, jaipur latest news

जयपुर. रेलवे निजीकरण को लेकर रेलवे कर्मचारियों का विरोध बढ़ता जा रहा है. निजीकरण के विरोध में रेलवे कर्मचारियों ने प्रदेश भर में रेलवे स्टेशनों और मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन किया. एआईआरएफ के आह्वान पर नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लोई यूनियन ने उत्तर पश्चिम रेलवे के विभिन्न स्टेशनों पर धरना प्रदर्शन कर ट्रेन और स्टेशनों को निजीकरण नहीं करने की मांग को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ आक्रोश जताया. जयपुर रेलवे स्टेशन सहित रेलवे के विभिन्न स्टेशनों पर धरना प्रदर्शन और रैली निकाली गई.

रेलवे कर्मचारियों ने किया विरोध प्रदर्शन

नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन के महामंत्री मुकेश माथुर ने बताया कि भारत सरकार को उनकी ओर से जनता के साथ किए वादे को याद दिलाने के लिए धरना प्रदर्शन किया गया है. इसके लिए रेलवे यूनियन के पदाधिकारी आमजन को साथ लेकर रेलवे को निजीकरण से बचाने के लिए आंदोलन किया जा रहा है.

भारत सरकार देश के 80 प्रतिशत लोगों को सस्ती यात्रा उपलब्ध कराने वाली रेल को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी करके जनता के साथ खिलवाड़ कर रही है. मुकेश माथुर ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि रेलवे के निजीकरण को नहीं रोका गया तो आंदोलन तेज किया जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होगी.

पढ़ें- निकाय चुनाव में गहलोत सरकार के हाइब्रिड फॉर्मूले पर बदलाव के संकेत, ईटीवी भारत पर प्रभारी सचिव की Exclusive बातचीत

नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन के मंडल मंत्री आरके सिंह ने बताया कि ऑल इंडिया मेंस फेडरेशन के आह्वान पर रेलवे में निजीकरण को लेकर रेलवे कर्मचारियों ने विरोध जताया है. बुधवार को जगह-जगह पर रैली प्रदर्शन और धरना देकर सरकार को चेताने का काम किया गया है.

देशभर में रेलवे के निजीकरण को लेकर सरकार ने काम शुरू कर दिया है. जिसमें सबसे पहले दो रेलगाड़ियों को तेजस एक्सप्रेस के नाम से चलाना शुरु कर दिया गया. अब 150 रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों को निजी हाथों में देने की तैयारी की जा रही है. जिसको लेकर पूरे देश भर के रेलवे कर्मचारियों में आक्रोश है. उन्होंने कहा कि रेलवे का निजीकरण होने से आमजन को भी काफी नुकसान होगा. रेलवे का निजीकरण होने से यात्रा भी महंगी हो जाएगी और सामान्य व्यक्ति रेल में यात्रा नहीं कर पाएगा. जिन मार्गों पर अधिकतम यात्री भार रहता है, उन मार्गों पर चलने वाली रेलगाड़ियों को निजी हाथों में देने की तैयारी की गई है, जिससे यात्रियों को काफी नुकसान होगा.

जयपुर. रेलवे निजीकरण को लेकर रेलवे कर्मचारियों का विरोध बढ़ता जा रहा है. निजीकरण के विरोध में रेलवे कर्मचारियों ने प्रदेश भर में रेलवे स्टेशनों और मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन किया. एआईआरएफ के आह्वान पर नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लोई यूनियन ने उत्तर पश्चिम रेलवे के विभिन्न स्टेशनों पर धरना प्रदर्शन कर ट्रेन और स्टेशनों को निजीकरण नहीं करने की मांग को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ आक्रोश जताया. जयपुर रेलवे स्टेशन सहित रेलवे के विभिन्न स्टेशनों पर धरना प्रदर्शन और रैली निकाली गई.

रेलवे कर्मचारियों ने किया विरोध प्रदर्शन

नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन के महामंत्री मुकेश माथुर ने बताया कि भारत सरकार को उनकी ओर से जनता के साथ किए वादे को याद दिलाने के लिए धरना प्रदर्शन किया गया है. इसके लिए रेलवे यूनियन के पदाधिकारी आमजन को साथ लेकर रेलवे को निजीकरण से बचाने के लिए आंदोलन किया जा रहा है.

भारत सरकार देश के 80 प्रतिशत लोगों को सस्ती यात्रा उपलब्ध कराने वाली रेल को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी करके जनता के साथ खिलवाड़ कर रही है. मुकेश माथुर ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि रेलवे के निजीकरण को नहीं रोका गया तो आंदोलन तेज किया जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होगी.

पढ़ें- निकाय चुनाव में गहलोत सरकार के हाइब्रिड फॉर्मूले पर बदलाव के संकेत, ईटीवी भारत पर प्रभारी सचिव की Exclusive बातचीत

नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन के मंडल मंत्री आरके सिंह ने बताया कि ऑल इंडिया मेंस फेडरेशन के आह्वान पर रेलवे में निजीकरण को लेकर रेलवे कर्मचारियों ने विरोध जताया है. बुधवार को जगह-जगह पर रैली प्रदर्शन और धरना देकर सरकार को चेताने का काम किया गया है.

देशभर में रेलवे के निजीकरण को लेकर सरकार ने काम शुरू कर दिया है. जिसमें सबसे पहले दो रेलगाड़ियों को तेजस एक्सप्रेस के नाम से चलाना शुरु कर दिया गया. अब 150 रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों को निजी हाथों में देने की तैयारी की जा रही है. जिसको लेकर पूरे देश भर के रेलवे कर्मचारियों में आक्रोश है. उन्होंने कहा कि रेलवे का निजीकरण होने से आमजन को भी काफी नुकसान होगा. रेलवे का निजीकरण होने से यात्रा भी महंगी हो जाएगी और सामान्य व्यक्ति रेल में यात्रा नहीं कर पाएगा. जिन मार्गों पर अधिकतम यात्री भार रहता है, उन मार्गों पर चलने वाली रेलगाड़ियों को निजी हाथों में देने की तैयारी की गई है, जिससे यात्रियों को काफी नुकसान होगा.

Intro:जयपुर
एंकर- रेलों के निजीकरण को लेकर रेलवे कर्मचारियों का विरोध बढ़ता जा रहा है। रेलवे के निजीकरण के विरोध में रेलवे कर्मचारियों ने प्रदेश भर में रेलवे स्टेशनों और मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन किया।


Body:एआईआरएफ के आह्वान पर नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लोई यूनियन ने उत्तर पश्चिम रेलवे के विभिन्न स्टेशनों पर धरना प्रदर्शन कर ट्रेन और स्टेशनों को निजीकरण नहीं करने की मांग को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ आक्रोश जताया। जयपुर रेलवे स्टेशन सहित रेलवे के विभिन्न स्टेशनों पर धरना प्रदर्शन और रैली निकाली गई।
नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन का जयपुर रेलवे स्टेशन पर सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन किया गया।

नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन के महामंत्री मुकेश माथुर ने बताया कि भारत सरकार को उनके द्वारा जनता के साथ किए वादे को याद दिलाने के लिए धरना प्रदर्शन किया गया है। इसके लिए रेलवे यूनियन के पदाधिकारी आमजन को साथ लेकर रेलवे को निजीकरण से बचाने के लिए आंदोलन किया जा रहा है। भारत सरकार देश के 80 प्रतिशत लोगों को सस्ती यात्रा उपलब्ध कराने वाली रेल को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी करके जनता के साथ खिलवाड़ कर रही है। मुकेश माथुर ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि रेलवे के निजीकरण को नहीं रोका गया तो आंदोलन तेज किया जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होगी।

नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन के मंडल मंत्री आरके सिंह ने बताया कि ऑल इंडिया मेंस फेडरेशन के आह्वान पर रेलवे में निजीकरण और नगरीकरण को लेकर रेलवे कर्मचारियों ने विरोध जताया है। आज जगह-जगह पर रैली प्रदर्शन धरना देकर सरकार को चेताने का काम किया गया है। देशभर में रेलवे के निजीकरण को लेकर सरकार ने काम शुरू कर दिया है जिसमें सबसे पहले दो रेलगाड़ियों को तेजस एक्सप्रेस के नाम से चलाना शुरु कर दिया गया। अब 150 रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों को निजी हाथों में देने की तैयारी की जा रही है। जिसको लेकर पूरे देश भर के रेलवे कर्मचारियों में आक्रोश है। उन्होंने कहा कि रेलवे का निजीकरण होने से आमजन को भी काफी नुकसान होगा। रेलवे का निजीकरण होने से यात्रा भी महंगी हो जाएगी। और सामान्य व्यक्ति रेल में यात्रा नहीं कर पाएगा। जिन मार्गों पर अधिकतम यात्री भार रहता है उन मार्गों पर चलने वाली रेलगाड़ियों को निजी हाथों में देने की तैयारी की गई है जिससे यात्रियों को काफी नुकसान होगा।

बाईट- मुकेश माथुर, महामंत्री, नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन
बाईट- आरके सिंह, मंडल मंत्री, नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन





Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.