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सॉफ्टवेयर बनाने वाली 2 निजी कंपनियों पर CBI की रेड, कंप्यूटर में मैलवेयर संक्रमण फैलाने का आरोप

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Published : Sep 17, 2020, 9:17 PM IST

जयपुर में गुरुवार को CBI टीम की ओर से सॉफ्टवेयर बनाने वाली दो निजी कंपनियों के कार्यालय पर छापेमारी की कार्रवाई को अंजाम दिया गया. इन कंपनियों पर विंडो सिस्टम में मैलवेयर संक्रमण फैलाने और लोगों को अपने झांसे में लेकर मोटी राशि ठगने का आरोप है.

Raid on software maker,  CBI Raid in Jaipur
सॉफ्टवेयर बनाने वाली 2 निजी कंपनियों पर CBI की रेड

जयपुर. राजधानी जयपुर में गुरुवार को दिल्ली से आई सीबीआई (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) टीम की ओर से सॉफ्टवेयर बनाने वाली दो निजी कंपनियों के कार्यालय पर छापेमारी की कार्रवाई को अंजाम दिया गया. दरअसल दिल्ली में सीबीआई ने 5 निजी कंपनियों के खिलाफ विंडो सिस्टम में मैलवेयर संक्रमण फैलाने और लोगों को अपने झांसे में लेकर मोटी राशि ठगने का एक प्रकरण दर्ज किया है.

सॉफ्टवेयर बनाने वाली 2 निजी कंपनियों पर CBI की रेड

दिल्ली में सीबीआई की ओर से एफआईआर दर्ज करने के बाद गुरुवार को राजस्थान के जयपुर, यूपी के नोएडा और हरियाणा के गुरुग्राम में सॉफ्टवेयर बनाने वाली 5 निजी कंपनियों के कार्यालय में संयुक्त रूप से छापेमारी की कार्रवाई को अंजाम दिया गया.

सीबीआई टीम की ओर से राजधानी जयपुर की सॉफ्टवेयर बनाने वाली इनोवाना थिंकलैब्स लिमिटेड और सिस्टवीक सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के कार्यालय पर छापेमारी की गई. हालांकि कंपनी के किस कार्यालय में और किस स्थान पर छापेमारी की कार्रवाई को अंजाम दिया गया है, यह जानकारी पूरी तरह से गोपनीय रखी गई है.

पढ़ें- कंप्यूटर में मैलवेयर डालने का मामला, सीबीआई की कई राज्यों में छापेमारी

सीबीआई सूत्रों की मानें तो सॉफ्टवेयर बनाने वाली इन निजी कंपनियों की ओर से इन कंपनी से सॉफ्टवेयर खरीदने वाले लोगों के विंडो सिस्टम पर मैलवेयर संक्रमण सहित विभिन्न समस्याओं को लेकर एक चेतावनी और फर्जी संदेश के साथ पॉपअप प्रसारित किया जाता है. इसके बाद कंपनी के कर्मचारियों की ओर से उस व्यक्ति को फोन कर उसकी विंडो सिस्टम को मैलवेयर से खतरा होने की बात कहते हुए एंटी मैलवेयर या एंटीवायरस अपलोड करने की सलाह दी जाती है.

पीड़ित व्यक्ति को अपनी बातों में उलझा कर उसे कंपनी से ही एंटीमैलवेयर और एंटीवायरस खरीदने को कहा जाता है और ऑनलाइन लिंक भेज कर या फिर कंपनी के नंबर पर कॉल करके पेमेंट करने को कहा जाता है. इस तरह से कंपनी के कर्मचारियों की ओर से ही मैलवेयर बनाकर कंपनी से सॉफ्टवेयर खरीदने वाले व्यक्ति के विंडो सिस्टम में भेजा जाता है और फिर उसे हटाने के लिए एंटीमैलवेयर या एंटीवायरस विंडो में अपलोड करने को कह कर राशि ठगी जाती है.

पीड़ित व्यक्तियों से राशि ठगने के लिए बकायदा कंपनी की ओर से फर्जी कॉल सेंटर भी स्थापित किए जाने की बात सामने आई है. फिलहाल, सीबीआई की ओर से गुरुवार को जयपुर, दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, फरीदाबाद और मैनपुरी सहित 10 स्थानों पर निजी कंपनियों के कार्यालय और कंपनियों के प्रतिनिधियों के आवास पर छापेमारी की गई है.

जयपुर. राजधानी जयपुर में गुरुवार को दिल्ली से आई सीबीआई (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) टीम की ओर से सॉफ्टवेयर बनाने वाली दो निजी कंपनियों के कार्यालय पर छापेमारी की कार्रवाई को अंजाम दिया गया. दरअसल दिल्ली में सीबीआई ने 5 निजी कंपनियों के खिलाफ विंडो सिस्टम में मैलवेयर संक्रमण फैलाने और लोगों को अपने झांसे में लेकर मोटी राशि ठगने का एक प्रकरण दर्ज किया है.

सॉफ्टवेयर बनाने वाली 2 निजी कंपनियों पर CBI की रेड

दिल्ली में सीबीआई की ओर से एफआईआर दर्ज करने के बाद गुरुवार को राजस्थान के जयपुर, यूपी के नोएडा और हरियाणा के गुरुग्राम में सॉफ्टवेयर बनाने वाली 5 निजी कंपनियों के कार्यालय में संयुक्त रूप से छापेमारी की कार्रवाई को अंजाम दिया गया.

सीबीआई टीम की ओर से राजधानी जयपुर की सॉफ्टवेयर बनाने वाली इनोवाना थिंकलैब्स लिमिटेड और सिस्टवीक सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के कार्यालय पर छापेमारी की गई. हालांकि कंपनी के किस कार्यालय में और किस स्थान पर छापेमारी की कार्रवाई को अंजाम दिया गया है, यह जानकारी पूरी तरह से गोपनीय रखी गई है.

पढ़ें- कंप्यूटर में मैलवेयर डालने का मामला, सीबीआई की कई राज्यों में छापेमारी

सीबीआई सूत्रों की मानें तो सॉफ्टवेयर बनाने वाली इन निजी कंपनियों की ओर से इन कंपनी से सॉफ्टवेयर खरीदने वाले लोगों के विंडो सिस्टम पर मैलवेयर संक्रमण सहित विभिन्न समस्याओं को लेकर एक चेतावनी और फर्जी संदेश के साथ पॉपअप प्रसारित किया जाता है. इसके बाद कंपनी के कर्मचारियों की ओर से उस व्यक्ति को फोन कर उसकी विंडो सिस्टम को मैलवेयर से खतरा होने की बात कहते हुए एंटी मैलवेयर या एंटीवायरस अपलोड करने की सलाह दी जाती है.

पीड़ित व्यक्ति को अपनी बातों में उलझा कर उसे कंपनी से ही एंटीमैलवेयर और एंटीवायरस खरीदने को कहा जाता है और ऑनलाइन लिंक भेज कर या फिर कंपनी के नंबर पर कॉल करके पेमेंट करने को कहा जाता है. इस तरह से कंपनी के कर्मचारियों की ओर से ही मैलवेयर बनाकर कंपनी से सॉफ्टवेयर खरीदने वाले व्यक्ति के विंडो सिस्टम में भेजा जाता है और फिर उसे हटाने के लिए एंटीमैलवेयर या एंटीवायरस विंडो में अपलोड करने को कह कर राशि ठगी जाती है.

पीड़ित व्यक्तियों से राशि ठगने के लिए बकायदा कंपनी की ओर से फर्जी कॉल सेंटर भी स्थापित किए जाने की बात सामने आई है. फिलहाल, सीबीआई की ओर से गुरुवार को जयपुर, दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, फरीदाबाद और मैनपुरी सहित 10 स्थानों पर निजी कंपनियों के कार्यालय और कंपनियों के प्रतिनिधियों के आवास पर छापेमारी की गई है.

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