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सुरक्षा एजेंसियों पर सवाल ! रियाज पाकिस्तान से ट्रेनिंग लेकर ना'पाक' हरकत को अंजाम दिया, राजस्थान में 100 से ज्यादा पाकिस्तानी अवैध रूप से घूम रहे हैं

उदयपुर का मोहम्मद रियाज पाकिस्तान से ट्रेनिंग लेकर आया और ना'पाक' हरकत को अंजाम दिया. बात राजस्थान कि करें तो यहां भी 100 से ज्यादा पाकिस्तानी अवैध रूप से (Illegal Pakistani Migrants Living in Country) खुले घूम रहे हैं, जिनका कोई अता-पता नहीं है. ऐसी स्थिति में सुरक्षा एजेंसियों पर सवाल खड़े हो रहे हैं. देखिए जयपुर से ये रिपोर्ट...

National Investigation Agency
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Published : Jul 4, 2022, 4:29 PM IST

जयपुर. उदयपुर में कन्हैयालाल हत्याकांड ने (Udaipur Murder Case) राजस्थान को ही नहीं, बल्कि देश को हिला कर रखा दिया. एक आरोपी मोहम्मद रियाज अत्तारी के पाकिस्तान कनेक्शन ने खुफिया एजेंसियों पर सवाल खड़े कर रहा है. लेकिन ऐसा नहीं है कि यही एक घटना है जो इंटेलिजेंस पर सवाल खड़े कर रही है. सवाल उन 110 लापता विदेशी नागरिकों को लेकर भी उठ रहे हैं, जिन्हें लंबे समय से सुरक्षा एजेंसियां तलाशने में नाकाम रही हैं. लोंग टर्म वीजा पर राजस्थान आए इन 110 विदेशी नागरिकों में सभी पाकिस्तान के हैं. इसलिए बड़ा सवाल यह है कि राजस्थान में अवैध रूप से खुले में घूम रहे यह पाक नागरिक कहीं फिर से देश-प्रदेश की सुरक्षा को लेकर खतरा न बन जाएं.

कन्हैयालाल हत्याकांड का पाकिस्तान कनेक्शन : बता दें कि उदयपुर कन्हैयालाल हत्याकांड का पाकिस्तान से कनेक्शन होने की बात सामने आई है. दोनों आरोपियों के मोबाइल में पाकिस्तान और अरब देशों में रहने वाले लोगों के नंबर मिले हैं, जिसमें 8 से 10 मोबाइल नंबर ट्रेस किए गए हैं. गृह राज्यमंत्री राजेंद्र सिंह यादव ने रियाज और गौस का कराची में ट्रेनिंग लेने का भी दावा किया था. उन्होंने कहा था कि दोनों 2014-15 में पाकिस्तान भी गए हुए थे. दोनों नेपाल के रास्ते हुए पाक पहंचे थे, जहां इन्होंने करांची में करीब 15 दिन की ट्रेनिंग भी ली थी.

Pakistani People in Rajasthan
क्या कहते हैं आंकड़े...

अब यह कनेक्शन सामने आते ही सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ी हुई है. इस बीच बड़ा सवाल यह भी उठ रहा है कि जब दो लोग राजस्थान से चोरी छुपे सीमापर कर चले जाते हैं और पाकिस्तान से ट्रेनिंग लेकर वापस भी आ जाते हैं और उसके बारे में सुरक्षा एजेंसियों को कोई जानकारी नहीं लगती है. इसी तरह की जानकारी का अभाव पाकिस्तान से राजस्थान आए (Pakistani People in Rajasthan) पाक विस्थापितों को लेकर भी है. जिनके बारे में भी सुरक्षा एजेंसियां यह पता नहीं लगा पा रही हैं कि वह 110 पाक विदेशी नागरिक राजस्थान के कौन से जिले में ठहरे हुए हैं.

सुरक्षा एजेंसियां लापता 110 पाकिस्तानी नागरिकों को ढूंढने में नाकाम : दरअसल, प्रदेश में लॉन्ग टर्म वीजा पर विदेशी नागरिकों की गुमशुदगी ने आंतरिक सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है. राजस्थान की गहलोत सरकार प्रदेश में लंबे समय से लापता चल रहे 110 पाक नागरिकों को तलाशने में नाकाम रही है. गारंटर पर शिकंजा कसने के बाद यह पता नहीं लग पा रहा कि आखिर लापता पाक नागरिक कहां पर छुपे हुए हैं. जबकि केंद्रीय गृह मंत्रालय लगातार प्रदेश की गृह विभाग को इन लापता पाक नागरिकों को तलाशने के लिए निर्देश दे रहा है, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों का खुफिया तंत्र दो साल से ज्यादा के वक्त में भी इन लापता विदेशी नागरिकों को नहीं तलाशा पाया.

देश में 4 लाख, 21 हजार 255 विदेशी नागरिक लापता हैं : केन्द्रीय गृह मंत्रालय के अनुसार दो साल पहले जब सूची जारी की गई थी, उस वक्त पूरे देश में 4 लाख, 21 हजार 255 विदेशी नागरिक लापता थे. ये लोग वीजा पर भारत आए थे, लेकिन अब इनका कोई अता-पता नहीं है. केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को लापता लोगों को ढूंढने के लिए चिट्ठी लिखी थी. गहलोत सरकार ने केन्द्रीय गृह मंत्रालय के आदेश के बाद लापता लोगों को ढूंढने के लिए एक कमेटी का गठन किया था. स्थानीय पुलिस के सहयोग से लगातार सुरक्षा एजेंसियां इन लापता विदेशी नागरिकों को तलाशने की कोशिश कर रही हैं. हालात यह हैं कि जिन लोगों ने इन विदेशी नागरिकों को राजस्थान में आने की गारंटी दी थी, उनको भी सरकार की ओर से नोटिस भेजा जा चुका है. बावजूद इसके, अभी भी 110 पाक विदेशी नागरिकों को लेकर पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के हाथ खाली हैं.

पढ़ें : Special : भारत-पाक के बीच चल रही थार एक्सप्रेस बंद होने से अटके परिवार...वीजा जारी नहीं होने से बढ़ रही मुश्किलें

तस्करी या घुसपैठ का डर : कानून के जानकारों को इस बात का ज्यादा डर है कि जो लोग लापता हैं, वह किसी तरह की कोई घुसपैठ या तस्करी में संलिप्त नहीं हो जाएं, क्योंकि इससे पहले भी कई बार तस्करी के मामलों में ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इसके अलावा जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर, सिरोही और पाली जिला में ऐसे पार्क जासूसों को भी पकड़ा था, जो यहां पर लॉन्ग टर्म वीजा के बहाने आए थे और यहां रह कर देश के खिलाफ जासूसी करते थे.

लॉन्ग टर्म वीजा पर आए थे राजस्थान : केन्द्र सरकार के निर्देश के बाद राज्य सरकार ने लापता लोगों की जब तलाश करनी शुरू की तो उसमें सामने आया कि 684 लोग लापता हैं. ये लोग लॉन्ग टर्म वीजा पर राजस्थान आए थे. इनमें से राज्य सरकार ने 574 ट्रेस कर लिए हैं. ट्रेस किए गए लोग सभी पाक अल्पसंख्यक हैं. यह लोग जिस स्थान के लिए वीजा लेकर आए थे, वहां नहीं मिले और दूसरे स्थान पर चले गए हैं.

राज्य सरकार हर महीने देती है रिपोर्ट : गृह विभाग के अधिकारी केन्द्र सरकार को हर महीने रिपोर्ट भेजते हैं. हाल ही में गृह विभाग ने केन्द्र को रिपोर्ट भेजी है. इसमें बताया है कि सरकार ने 574 लापता नागरिक चिन्हित कर लिए गये हैं, शेष बचे लोगों को ट्रेस करने के लिए तेजी से काम हो रहा है.

सूत्रों के अनुसार गृह विभाग ने केन्द्र को इस बात से भी अवगत कराया कि राजस्थान में अन्य राज्यों की तरह विदेशी घुसपैठिए नहीं हैं, जो लोग लॉन्ग टर्म वीजा पर आए हैं. वे कमाने-खाने के लिए अन्यत्र स्थान पर पाए गए हैं. ये सभी पाक नागरिक हैं. इनमें हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदाय के लोग शामिल हैं. लॉन्ग टर्म वीजा पर अधिकतर पाक अल्पसंख्यक जयपुर, जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर, सिरोही और पाली आए हैं.

जयपुर. उदयपुर में कन्हैयालाल हत्याकांड ने (Udaipur Murder Case) राजस्थान को ही नहीं, बल्कि देश को हिला कर रखा दिया. एक आरोपी मोहम्मद रियाज अत्तारी के पाकिस्तान कनेक्शन ने खुफिया एजेंसियों पर सवाल खड़े कर रहा है. लेकिन ऐसा नहीं है कि यही एक घटना है जो इंटेलिजेंस पर सवाल खड़े कर रही है. सवाल उन 110 लापता विदेशी नागरिकों को लेकर भी उठ रहे हैं, जिन्हें लंबे समय से सुरक्षा एजेंसियां तलाशने में नाकाम रही हैं. लोंग टर्म वीजा पर राजस्थान आए इन 110 विदेशी नागरिकों में सभी पाकिस्तान के हैं. इसलिए बड़ा सवाल यह है कि राजस्थान में अवैध रूप से खुले में घूम रहे यह पाक नागरिक कहीं फिर से देश-प्रदेश की सुरक्षा को लेकर खतरा न बन जाएं.

कन्हैयालाल हत्याकांड का पाकिस्तान कनेक्शन : बता दें कि उदयपुर कन्हैयालाल हत्याकांड का पाकिस्तान से कनेक्शन होने की बात सामने आई है. दोनों आरोपियों के मोबाइल में पाकिस्तान और अरब देशों में रहने वाले लोगों के नंबर मिले हैं, जिसमें 8 से 10 मोबाइल नंबर ट्रेस किए गए हैं. गृह राज्यमंत्री राजेंद्र सिंह यादव ने रियाज और गौस का कराची में ट्रेनिंग लेने का भी दावा किया था. उन्होंने कहा था कि दोनों 2014-15 में पाकिस्तान भी गए हुए थे. दोनों नेपाल के रास्ते हुए पाक पहंचे थे, जहां इन्होंने करांची में करीब 15 दिन की ट्रेनिंग भी ली थी.

Pakistani People in Rajasthan
क्या कहते हैं आंकड़े...

अब यह कनेक्शन सामने आते ही सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ी हुई है. इस बीच बड़ा सवाल यह भी उठ रहा है कि जब दो लोग राजस्थान से चोरी छुपे सीमापर कर चले जाते हैं और पाकिस्तान से ट्रेनिंग लेकर वापस भी आ जाते हैं और उसके बारे में सुरक्षा एजेंसियों को कोई जानकारी नहीं लगती है. इसी तरह की जानकारी का अभाव पाकिस्तान से राजस्थान आए (Pakistani People in Rajasthan) पाक विस्थापितों को लेकर भी है. जिनके बारे में भी सुरक्षा एजेंसियां यह पता नहीं लगा पा रही हैं कि वह 110 पाक विदेशी नागरिक राजस्थान के कौन से जिले में ठहरे हुए हैं.

सुरक्षा एजेंसियां लापता 110 पाकिस्तानी नागरिकों को ढूंढने में नाकाम : दरअसल, प्रदेश में लॉन्ग टर्म वीजा पर विदेशी नागरिकों की गुमशुदगी ने आंतरिक सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है. राजस्थान की गहलोत सरकार प्रदेश में लंबे समय से लापता चल रहे 110 पाक नागरिकों को तलाशने में नाकाम रही है. गारंटर पर शिकंजा कसने के बाद यह पता नहीं लग पा रहा कि आखिर लापता पाक नागरिक कहां पर छुपे हुए हैं. जबकि केंद्रीय गृह मंत्रालय लगातार प्रदेश की गृह विभाग को इन लापता पाक नागरिकों को तलाशने के लिए निर्देश दे रहा है, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों का खुफिया तंत्र दो साल से ज्यादा के वक्त में भी इन लापता विदेशी नागरिकों को नहीं तलाशा पाया.

देश में 4 लाख, 21 हजार 255 विदेशी नागरिक लापता हैं : केन्द्रीय गृह मंत्रालय के अनुसार दो साल पहले जब सूची जारी की गई थी, उस वक्त पूरे देश में 4 लाख, 21 हजार 255 विदेशी नागरिक लापता थे. ये लोग वीजा पर भारत आए थे, लेकिन अब इनका कोई अता-पता नहीं है. केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को लापता लोगों को ढूंढने के लिए चिट्ठी लिखी थी. गहलोत सरकार ने केन्द्रीय गृह मंत्रालय के आदेश के बाद लापता लोगों को ढूंढने के लिए एक कमेटी का गठन किया था. स्थानीय पुलिस के सहयोग से लगातार सुरक्षा एजेंसियां इन लापता विदेशी नागरिकों को तलाशने की कोशिश कर रही हैं. हालात यह हैं कि जिन लोगों ने इन विदेशी नागरिकों को राजस्थान में आने की गारंटी दी थी, उनको भी सरकार की ओर से नोटिस भेजा जा चुका है. बावजूद इसके, अभी भी 110 पाक विदेशी नागरिकों को लेकर पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के हाथ खाली हैं.

पढ़ें : Special : भारत-पाक के बीच चल रही थार एक्सप्रेस बंद होने से अटके परिवार...वीजा जारी नहीं होने से बढ़ रही मुश्किलें

तस्करी या घुसपैठ का डर : कानून के जानकारों को इस बात का ज्यादा डर है कि जो लोग लापता हैं, वह किसी तरह की कोई घुसपैठ या तस्करी में संलिप्त नहीं हो जाएं, क्योंकि इससे पहले भी कई बार तस्करी के मामलों में ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इसके अलावा जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर, सिरोही और पाली जिला में ऐसे पार्क जासूसों को भी पकड़ा था, जो यहां पर लॉन्ग टर्म वीजा के बहाने आए थे और यहां रह कर देश के खिलाफ जासूसी करते थे.

लॉन्ग टर्म वीजा पर आए थे राजस्थान : केन्द्र सरकार के निर्देश के बाद राज्य सरकार ने लापता लोगों की जब तलाश करनी शुरू की तो उसमें सामने आया कि 684 लोग लापता हैं. ये लोग लॉन्ग टर्म वीजा पर राजस्थान आए थे. इनमें से राज्य सरकार ने 574 ट्रेस कर लिए हैं. ट्रेस किए गए लोग सभी पाक अल्पसंख्यक हैं. यह लोग जिस स्थान के लिए वीजा लेकर आए थे, वहां नहीं मिले और दूसरे स्थान पर चले गए हैं.

राज्य सरकार हर महीने देती है रिपोर्ट : गृह विभाग के अधिकारी केन्द्र सरकार को हर महीने रिपोर्ट भेजते हैं. हाल ही में गृह विभाग ने केन्द्र को रिपोर्ट भेजी है. इसमें बताया है कि सरकार ने 574 लापता नागरिक चिन्हित कर लिए गये हैं, शेष बचे लोगों को ट्रेस करने के लिए तेजी से काम हो रहा है.

सूत्रों के अनुसार गृह विभाग ने केन्द्र को इस बात से भी अवगत कराया कि राजस्थान में अन्य राज्यों की तरह विदेशी घुसपैठिए नहीं हैं, जो लोग लॉन्ग टर्म वीजा पर आए हैं. वे कमाने-खाने के लिए अन्यत्र स्थान पर पाए गए हैं. ये सभी पाक नागरिक हैं. इनमें हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदाय के लोग शामिल हैं. लॉन्ग टर्म वीजा पर अधिकतर पाक अल्पसंख्यक जयपुर, जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर, सिरोही और पाली आए हैं.

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