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क्वॉरेंटाइन हमारा टॉप एजेंडा, विधायकों की बड़ी भूमिका: मुख्यमंत्री - क्वॉरेंटाइन

मंगलवार को सीएम गहलोत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी पार्टियों के जनप्रतिनिधियों से संवाद किया. जिसमें क्वॉरेंटाइन को टॉप एजेंडा बताया. जिसमें जिला प्रशासन के साथ-साथ विधायकों की बड़ी अहम भूमिका होने की बात कही. इसके अलावा कई और महत्त्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई.

जयपुर की खबर, vc by cm gehlot
VC में अधिकारियों से बातचीत करते हुए सीएम गहलोत
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Published : May 12, 2020, 11:59 PM IST

जयपुर. सीएम गहलोत ने सभी पार्टियों के जनप्रतिनिधियों से संवाद की कड़ी में मंगलवार को जयपुर और अजमेर संभाग के सांसदों और विधायकों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा की. इस दौरान लगभग सभी जनप्रतिनिधियों ने अतिरिक्त गेहूं के आवंटन, पेयजल समस्याओं, सभी प्रकार की दुकानों को खुलवाने, मजदूरों के शीघ्र और सुगम आवागमन, मनरेगा की तर्ज पर शहरी क्षेत्र में रोजगार योजना शुरू करने जैसे सुझाव दिए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि क्वॉरेंटाइन के लिए कलेक्टर्स के साथ जिला स्तरीय अधिकारियों, उपखंड अधिकारियों और बीएलओ को विशेष जिम्मेदारी दी गई. जिससे ग्राम स्तर तक बेहतर व्यवस्थाएं सुनिश्चित हो सकें.

क्वॉरेंटाइन व्यवस्थाओं को मजबूत करने के लिए कलेक्टर्स को अनटाइड फंड में और राशि दी जाएगी. विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी, उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल, कृषि मंत्री लालचन्द कटारिया, समेत दोनों संभागों के सांसद-विधायक वीसी से इस चर्चा में शामिल हुए. मंत्रीगण ने जिलों के प्रभारी और अपने क्षेत्र के विधायक के रूप में फीडबैक और सुझाव दिए.

नहीं किया किसी से कोई भेदभाव

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण किसी जाति, धर्म अथवा दलगत राजनीति के दायरे को नहीं देखता. सभी को साथ में लेकर इस वायरस को हराने में हम जरूर कामयाब होंगे. सरकार ने कोविड-19 से मुकाबले में किसी तरह का भेदभाव नहीं किया है. दूसरे राज्य भी हमारा अनुसरण कर रहे हैं. राशन वितरण, मरीजों के इलाज, कर्फ्यू में सख्ती एवं क्वॉरेंटाइन सहित सभी सुविधाओं में किसी तरह का भेदभाव प्रदेश में नहीं किया जा रहा है.

पीएम के समक्ष अतिरिक्त गेहूं की रखें मांग

गहलोत ने वीसी में कहा कि प्रदेश में लगभग एक करोड़ ऐसे लोग संभावित हैं, जिनके लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के तहत केन्द्र से गेहूं का आवंटन नहीं हो रहा है. इसमें 54 लाख लोग राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा में जुड़े हुए हैं. लेकिन केंद्र से 2011 की जनसंख्या के आधार पर 4 करोड़ 46 लाख लोगों के लिए ही गेहूं मिल रहा है. इसके अलावा करीब 46 लाख लोग ऐसे हैं जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में या तो जुड़ने से छूट गए या जिनके पास राशन कार्ड नहीं है. ऐसे लोग चाहे एपीएल हो या बीपीएल, वर्तमान परिदृश्य को देखते हुए उन्हें भी गेहूं मिले.

मुख्यमंत्री ने कहा, सभी वंचितों को लाभ मिल सके, इसके लिए केन्द्र को खाद्य सुरक्षा योजना में प्रतिमाह 1 लाख मैट्रिक टन गेहूं अतिरिक्त आवंटित करना चाहिए. प्रदेश के सभी सांसद प्रधानमंत्री के समक्ष इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाएं.

पढ़ें: पूनिया ने कहा 'निंदक नियरे राखिए', तो CM गहलोत बोले- आप जैसे व्यक्ति को भी निंदा करने के लिए ट्रेनिंग लेना पड़ती है...

प्रतिपक्ष को साथ लेकर चलना सराहनीय

सीकर सांसद स्वामी सुमेधानन्द सरस्वती ने कहा कि कोरोना संकट में राज्य के सभी सांसद सरकार के साथ खड़े हैं और वे इस मुद्दे को प्रधानमंत्री के समक्ष रखेंगे. उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि केंद्र की मदद के बिना राज्यों के लिए इस संकट से उभर पाना संभव नहीं है. प्रदेश के सांसदों को केंद्र सरकार पर अधिक से अधिक मदद के लिए दबाव बनाना चाहिए.

दौसा सांसद सकौर मीणा ने कहा कि प्रतिपक्ष को भी इस लड़ाई में भागीदार बनने का मौका दिया है. मुख्यमंत्री फोन अथवा वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से वे लगातार प्रतिपक्ष के जनप्रतिनिधियों से सुझाव ले रहे हैं. लोकतांत्रिक प्रक्रिया में प्रतिपक्ष को साथ लेकर चलने की उनकी ये पहल सराहनीय है. वीसी में महवा विधायक ओमप्रकाश हुडला, भीलवाड़ा सांसद सुभाष बहेडिया और खेतड़ी विधायक डॉ.जितेन्द्र सिंह सहित कई बड़े नेत और अधिकारी उपस्थित रहे.

जयपुर. सीएम गहलोत ने सभी पार्टियों के जनप्रतिनिधियों से संवाद की कड़ी में मंगलवार को जयपुर और अजमेर संभाग के सांसदों और विधायकों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा की. इस दौरान लगभग सभी जनप्रतिनिधियों ने अतिरिक्त गेहूं के आवंटन, पेयजल समस्याओं, सभी प्रकार की दुकानों को खुलवाने, मजदूरों के शीघ्र और सुगम आवागमन, मनरेगा की तर्ज पर शहरी क्षेत्र में रोजगार योजना शुरू करने जैसे सुझाव दिए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि क्वॉरेंटाइन के लिए कलेक्टर्स के साथ जिला स्तरीय अधिकारियों, उपखंड अधिकारियों और बीएलओ को विशेष जिम्मेदारी दी गई. जिससे ग्राम स्तर तक बेहतर व्यवस्थाएं सुनिश्चित हो सकें.

क्वॉरेंटाइन व्यवस्थाओं को मजबूत करने के लिए कलेक्टर्स को अनटाइड फंड में और राशि दी जाएगी. विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी, उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल, कृषि मंत्री लालचन्द कटारिया, समेत दोनों संभागों के सांसद-विधायक वीसी से इस चर्चा में शामिल हुए. मंत्रीगण ने जिलों के प्रभारी और अपने क्षेत्र के विधायक के रूप में फीडबैक और सुझाव दिए.

नहीं किया किसी से कोई भेदभाव

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण किसी जाति, धर्म अथवा दलगत राजनीति के दायरे को नहीं देखता. सभी को साथ में लेकर इस वायरस को हराने में हम जरूर कामयाब होंगे. सरकार ने कोविड-19 से मुकाबले में किसी तरह का भेदभाव नहीं किया है. दूसरे राज्य भी हमारा अनुसरण कर रहे हैं. राशन वितरण, मरीजों के इलाज, कर्फ्यू में सख्ती एवं क्वॉरेंटाइन सहित सभी सुविधाओं में किसी तरह का भेदभाव प्रदेश में नहीं किया जा रहा है.

पीएम के समक्ष अतिरिक्त गेहूं की रखें मांग

गहलोत ने वीसी में कहा कि प्रदेश में लगभग एक करोड़ ऐसे लोग संभावित हैं, जिनके लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के तहत केन्द्र से गेहूं का आवंटन नहीं हो रहा है. इसमें 54 लाख लोग राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा में जुड़े हुए हैं. लेकिन केंद्र से 2011 की जनसंख्या के आधार पर 4 करोड़ 46 लाख लोगों के लिए ही गेहूं मिल रहा है. इसके अलावा करीब 46 लाख लोग ऐसे हैं जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में या तो जुड़ने से छूट गए या जिनके पास राशन कार्ड नहीं है. ऐसे लोग चाहे एपीएल हो या बीपीएल, वर्तमान परिदृश्य को देखते हुए उन्हें भी गेहूं मिले.

मुख्यमंत्री ने कहा, सभी वंचितों को लाभ मिल सके, इसके लिए केन्द्र को खाद्य सुरक्षा योजना में प्रतिमाह 1 लाख मैट्रिक टन गेहूं अतिरिक्त आवंटित करना चाहिए. प्रदेश के सभी सांसद प्रधानमंत्री के समक्ष इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाएं.

पढ़ें: पूनिया ने कहा 'निंदक नियरे राखिए', तो CM गहलोत बोले- आप जैसे व्यक्ति को भी निंदा करने के लिए ट्रेनिंग लेना पड़ती है...

प्रतिपक्ष को साथ लेकर चलना सराहनीय

सीकर सांसद स्वामी सुमेधानन्द सरस्वती ने कहा कि कोरोना संकट में राज्य के सभी सांसद सरकार के साथ खड़े हैं और वे इस मुद्दे को प्रधानमंत्री के समक्ष रखेंगे. उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि केंद्र की मदद के बिना राज्यों के लिए इस संकट से उभर पाना संभव नहीं है. प्रदेश के सांसदों को केंद्र सरकार पर अधिक से अधिक मदद के लिए दबाव बनाना चाहिए.

दौसा सांसद सकौर मीणा ने कहा कि प्रतिपक्ष को भी इस लड़ाई में भागीदार बनने का मौका दिया है. मुख्यमंत्री फोन अथवा वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से वे लगातार प्रतिपक्ष के जनप्रतिनिधियों से सुझाव ले रहे हैं. लोकतांत्रिक प्रक्रिया में प्रतिपक्ष को साथ लेकर चलने की उनकी ये पहल सराहनीय है. वीसी में महवा विधायक ओमप्रकाश हुडला, भीलवाड़ा सांसद सुभाष बहेडिया और खेतड़ी विधायक डॉ.जितेन्द्र सिंह सहित कई बड़े नेत और अधिकारी उपस्थित रहे.

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