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मॉडिफाइड लॉकडाउनः जयपुर के बाहरी क्षेत्रों में खुली पंचर की दुकानें, सोशल डिस्टेंसिंग का रखा जाएगा ध्यान

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Published : Apr 20, 2020, 12:33 PM IST

राजस्थान में सोमवार से मॉडिफाइड लॉकडाउन शुरू हो गया है. इसमें सरकार की ओर से कई निजी क्षेत्रों को राहत दी गई है. इसी के तहत उन छोटे कमगारों को राहत दी गई है, जिनका व्यवसाय पिछले एक महीने से बंद था.

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जयपुर के बाहरी क्षेत्रों में खुली पंचर की दुकानें

जयपुर. राजस्थान में सोमवार से मॉडिफाइड लॉकडाउन शुरू हो गया है. इसमें सरकार की ओर से कई निजी क्षेत्रों को राहत दी गई है, लेकिन इस राहत का सबसे ज्यादा असर हो रहा है उन छोटे कामगारों पर जिन का व्यवसाय पिछले 1 महीने से बंद था.

जयपुर के बाहरी क्षेत्रों में खुली पंचर की दुकानें

हम बात कर रहे हैं उन पंक्चर निकालने वालों की जिनको सोमवार से रियायत दी गई है और वह अपनी दुकानें खोल सकेंगे. दुकानें खुल भी गई है, लेकिन सबने सोचा था कि इन छोटे कामगारों को पहले यह समझाना पड़ेगा कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए किन नियमों का पालन करें. लेकिन इसकी शायद जरूरत ही ना पड़े और 1 महीने से जो छोटे-छोटे काम करने वाले अपने घरों पर बैठे थे.

पढ़ेंः मॉडिफाइड लॉकडाउन : कुछ छूट के साथ रहेगी बेहद सख्ती, मास्क नहीं लगाया तो हो सकती है जेल

दरअसल, यह खुद ही समझ गए हैं, कि कोरोना वायरस का संक्रमण कितना खतरनाक है और इसी का असर है कि बिना समझाइश के ही जो दुकाने पंचर लगाने वालों की हाईवे पर खुली है वह स्वयं ही लॉकडाउन का पालन कर रहे हैं. ना केवल इन लोगों ने मास्क लगा रखे हैं, बल्कि लॉकडाउन का पालन करते हुए यह तमाम लोग सोशल डिस्टेंसिंग का भी भरपूर पालन कर रहे है.

बता दें, कि सोमवार से जो मॉडिफाइड लॉकडाउन शुरू हुआ है उसके तहत पंचर निकालने वालों को भी राहत दी गई है, लेकिन यह राहत हाईवे पर बैठे पंचर निकालने वालों के लिए ही है. गली मोहल्ले में पंचर की दुकानें अभी बंद रहेंगी.

जयपुर. राजस्थान में सोमवार से मॉडिफाइड लॉकडाउन शुरू हो गया है. इसमें सरकार की ओर से कई निजी क्षेत्रों को राहत दी गई है, लेकिन इस राहत का सबसे ज्यादा असर हो रहा है उन छोटे कामगारों पर जिन का व्यवसाय पिछले 1 महीने से बंद था.

जयपुर के बाहरी क्षेत्रों में खुली पंचर की दुकानें

हम बात कर रहे हैं उन पंक्चर निकालने वालों की जिनको सोमवार से रियायत दी गई है और वह अपनी दुकानें खोल सकेंगे. दुकानें खुल भी गई है, लेकिन सबने सोचा था कि इन छोटे कामगारों को पहले यह समझाना पड़ेगा कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए किन नियमों का पालन करें. लेकिन इसकी शायद जरूरत ही ना पड़े और 1 महीने से जो छोटे-छोटे काम करने वाले अपने घरों पर बैठे थे.

पढ़ेंः मॉडिफाइड लॉकडाउन : कुछ छूट के साथ रहेगी बेहद सख्ती, मास्क नहीं लगाया तो हो सकती है जेल

दरअसल, यह खुद ही समझ गए हैं, कि कोरोना वायरस का संक्रमण कितना खतरनाक है और इसी का असर है कि बिना समझाइश के ही जो दुकाने पंचर लगाने वालों की हाईवे पर खुली है वह स्वयं ही लॉकडाउन का पालन कर रहे हैं. ना केवल इन लोगों ने मास्क लगा रखे हैं, बल्कि लॉकडाउन का पालन करते हुए यह तमाम लोग सोशल डिस्टेंसिंग का भी भरपूर पालन कर रहे है.

बता दें, कि सोमवार से जो मॉडिफाइड लॉकडाउन शुरू हुआ है उसके तहत पंचर निकालने वालों को भी राहत दी गई है, लेकिन यह राहत हाईवे पर बैठे पंचर निकालने वालों के लिए ही है. गली मोहल्ले में पंचर की दुकानें अभी बंद रहेंगी.

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