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सार्वजनिक निर्माण विभाग की समीक्षा बैठक...अभियंताओं के साथ मुख्यमंत्री का संवाद - राजस्थान में सड़क निर्माण

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सार्वजनिक निर्माण विभाग के माध्यम से चल रहे सड़क एवं अन्य निर्माण कार्यों में गुणवत्ता पर जोर दिया है. उन्होंने विभाग के अभियन्ताओं को इन कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए कहा कि डिफेक्ट लॉयबिलिटी पीरियड (गारंटी अवधि) में सड़क की मरम्मत नहीं करने वाले संवेदकों पर सख्त कार्रवाई की जाए.

Public Works Department Review Meeting,  pwd Review Meeting,  Chief Minister's dialogue with pwd engineers
सार्वजनिक निर्माण विभाग की समीक्षा बैठक
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Published : Mar 12, 2021, 10:33 PM IST

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास पर सार्वजनिक निर्माण विभाग के कार्यां की समीक्षा की. मुख्यमंत्री ने इस दौरान पीएमजीएसवाय, सीआरआईएफ, एसआरएफ, आरआईडीएफ, ग्रामीण विकास पथ आदि योजनाओं तथा एनएएचआई, विश्व बैंक तथा एडीबी के सहयोग से चल रहे निर्माण कार्यां की गहन समीक्षा की.

मुख्यमंत्री ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में कार्यरत अतिरिक्त मुख्य अभियंताओं, अधीक्षण अभियंताओं, अधिशासी अभियंताओं से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संवाद भी किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश को सड़क निर्माण की दृष्टि से देश का अव्वल राज्य बनाने के लक्ष्य के साथ काम कर रही है.

समय से पहले ही सड़कें टूट जाती हैं

गहलोत ने कहा कि सड़क, ओवर ब्रिज, पुलिया आदि निर्माण परियोजनाओं पर जनता का बड़ा पैसा खर्च हो रहा है. घटिया निर्माण कार्य के चलते सड़कें निर्धारित अवधि से पहले ही टूट जाती हैं और इसका खामियाजा अन्ततः जनता को ही भुगतना पड़ता है. जो भी सड़कें बनें वे टिकाऊ हों और लम्बे समय तक चलें. गुणवत्ता की जांच के लिए थर्ड पार्टी विशेषज्ञों का सहयोग भी लिया जाए.

पढ़ें- वैक्सीन वॉर : वैक्सीन की डोज पर केंद्र-राज्य में तकरार...बहस के बीच वैक्सीनेशन में प्रदेश टॉप, सप्लाई भी जारी

जियो टैगिंग के दिये निर्देश

गहलोत ने निर्देश दिए कि जिलों में क्षतिग्रस्त सड़कों, पुलियाओं तथा सड़क मार्गां पर हो रहे अतिक्रमण की शिकायतों के निराकरण के लिए उनकी जियो टैगिंग एवं मैपिंग की जाए. इसमें ऐसी भी व्यवस्था की जाए कि स्थानीय नागरिक अपने इलाके की क्षतिग्रस्त सड़कों फोटो खींचकर विभाग को उनकी स्थिति की जानकारी और निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर फीडबैक भी दे सकें. सभी निर्माण कार्य निर्धारित टाइम फ्रेम में पूरे हों. ताकि सरकार की मंशा के अनुरूप आमजन को उनका समय पर लाभ मिल सके.

रैंकिंग में राजस्थान दूसरे नम्बर पर

गहलोत ने प्रसन्नता व्यक्त की कि राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के काम को लेकर नीति आयोग द्वारा जारी देश के 10 बड़े राज्यों की परफोरमेंस रैंकिंग में राजस्थान दूसरे नम्बर पर है. मुख्यमंत्री ने सड़क निर्माण में प्लास्टिक अपशिष्ट के उपयोग के नवाचार की सराहना की.

दुर्घटनाएं रोकने के लिए प्लान तैयार करें

गहलोत ने प्रदेश में हर साल सड़क दुर्घटनाओं का शिकार होने वाले लोगों की बड़ी संख्या पर भी गहरी चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि कई बार इस दुर्घटनाओं का कारण सड़क निर्माण में तेज घुमाव, स्पीड ब्रेकर एवं इंजीनियरिंग खामी भी होती है. उन्होंने अभियंताओं को निर्देश दिए कि वे ऐसा मास्टर प्लान तैयार करें, जिससे सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में कमी लाई जा सके.

सड़कों पर ऐसे गति अवरोधक बनाए जाएं जो वाहनों की सवारियों को शारीरिक क्षति नहीं पहुंचाएं. उन्होंने अभियंताओं को अपने-अपने जिलों में नॉन-पेचेबल सड़कों के प्रस्ताव शीघ्र भिजवाने के निर्देश दिए.

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास पर सार्वजनिक निर्माण विभाग के कार्यां की समीक्षा की. मुख्यमंत्री ने इस दौरान पीएमजीएसवाय, सीआरआईएफ, एसआरएफ, आरआईडीएफ, ग्रामीण विकास पथ आदि योजनाओं तथा एनएएचआई, विश्व बैंक तथा एडीबी के सहयोग से चल रहे निर्माण कार्यां की गहन समीक्षा की.

मुख्यमंत्री ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में कार्यरत अतिरिक्त मुख्य अभियंताओं, अधीक्षण अभियंताओं, अधिशासी अभियंताओं से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संवाद भी किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश को सड़क निर्माण की दृष्टि से देश का अव्वल राज्य बनाने के लक्ष्य के साथ काम कर रही है.

समय से पहले ही सड़कें टूट जाती हैं

गहलोत ने कहा कि सड़क, ओवर ब्रिज, पुलिया आदि निर्माण परियोजनाओं पर जनता का बड़ा पैसा खर्च हो रहा है. घटिया निर्माण कार्य के चलते सड़कें निर्धारित अवधि से पहले ही टूट जाती हैं और इसका खामियाजा अन्ततः जनता को ही भुगतना पड़ता है. जो भी सड़कें बनें वे टिकाऊ हों और लम्बे समय तक चलें. गुणवत्ता की जांच के लिए थर्ड पार्टी विशेषज्ञों का सहयोग भी लिया जाए.

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जियो टैगिंग के दिये निर्देश

गहलोत ने निर्देश दिए कि जिलों में क्षतिग्रस्त सड़कों, पुलियाओं तथा सड़क मार्गां पर हो रहे अतिक्रमण की शिकायतों के निराकरण के लिए उनकी जियो टैगिंग एवं मैपिंग की जाए. इसमें ऐसी भी व्यवस्था की जाए कि स्थानीय नागरिक अपने इलाके की क्षतिग्रस्त सड़कों फोटो खींचकर विभाग को उनकी स्थिति की जानकारी और निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर फीडबैक भी दे सकें. सभी निर्माण कार्य निर्धारित टाइम फ्रेम में पूरे हों. ताकि सरकार की मंशा के अनुरूप आमजन को उनका समय पर लाभ मिल सके.

रैंकिंग में राजस्थान दूसरे नम्बर पर

गहलोत ने प्रसन्नता व्यक्त की कि राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के काम को लेकर नीति आयोग द्वारा जारी देश के 10 बड़े राज्यों की परफोरमेंस रैंकिंग में राजस्थान दूसरे नम्बर पर है. मुख्यमंत्री ने सड़क निर्माण में प्लास्टिक अपशिष्ट के उपयोग के नवाचार की सराहना की.

दुर्घटनाएं रोकने के लिए प्लान तैयार करें

गहलोत ने प्रदेश में हर साल सड़क दुर्घटनाओं का शिकार होने वाले लोगों की बड़ी संख्या पर भी गहरी चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि कई बार इस दुर्घटनाओं का कारण सड़क निर्माण में तेज घुमाव, स्पीड ब्रेकर एवं इंजीनियरिंग खामी भी होती है. उन्होंने अभियंताओं को निर्देश दिए कि वे ऐसा मास्टर प्लान तैयार करें, जिससे सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में कमी लाई जा सके.

सड़कों पर ऐसे गति अवरोधक बनाए जाएं जो वाहनों की सवारियों को शारीरिक क्षति नहीं पहुंचाएं. उन्होंने अभियंताओं को अपने-अपने जिलों में नॉन-पेचेबल सड़कों के प्रस्ताव शीघ्र भिजवाने के निर्देश दिए.

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