ETV Bharat / city

लोकतंत्र में जनता की आवाज सबसे बड़ी, हम सब नौकर हैं : खाचरियावास

राजस्थान कांग्रेस मुख्यालय में मंगलवार परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास और विधानसभा के उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी जनसुनवाई करने पहुंचे. इस दौरान मीडिया से बातचीत में मंत्री प्रतापसिंह ने कहा कि अधिकारियों की मनमानी नहीं चलेगी. साथ ही खाचरियावास ने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत और प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट के संज्ञान में गलती करने वाले अधिकारियों पर भी कार्रवाई होगी.

महेंद्र चौधरी राजस्थान विश्व, प्रताप सिंह खाचरियावास लेटेस्ट बयान, latest statement of pratap singh khachriyawas, jaipur latest news
प्रताप सिंह खाचरियावास की जनसुनवाई
author img

By

Published : Jan 21, 2020, 7:47 PM IST

जयपुर. राजस्थान कांग्रेस मुख्यालय में मंगलवार एक नहीं दो मंत्री जन सुनवाई करने पहुंचे. दोनों ही मंत्री राजस्थान विश्वविद्यालय के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. साल 1992 में राजस्थान विश्वविद्यालय के अध्यक्ष बने प्रताप सिंह खाचरियावास और साल 1995 में महेंद्र चौधरी अध्यक्ष बने.

प्रताप सिंह खाचरियावास की जनसुनवाई

गौरतलब है कि अब यह दोनों ही विधायक बन चुके हैं. खाचरियावास जहां प्रदेश सरकार में परिवहन मंत्री है, तो वहीं महेंद्र चौधरी विधानसभा में उप मुख्य सचेतक पद पर है. जनसुनवाई के दौरान प्रदेश के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ब्यूरोक्रेसी पर खासे नाराज दिखाई दिए.

यह भी पढ़ें- पायलट के पास आए बस्सी से तुंगा पंचायत समिति में शामिल किए 4 गांव के ग्रामीण, कहा- वापस लिया जाए पुनर्गठन नहीं लेंगे चुनाव में भाग

उन्होंने कहा कि जनता के प्रतिनिधि, मंत्री हो या विधायक, सड़क पर बैठकर या फिर गांव की चौपाल पर बैठकर जनता के हित में कोई भी निर्णय ले लें, लेकिन उसे लागू करना अधिकारियों की ही जिम्मेदारी है. कोई भी अधिकारी इससे बच नहीं सकता. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के राज में जनता ही मालिक है और हम सेवक हम रोज जनसुनवाई में जनता का जो दर्द होता है उस पर अधिकारियों को कार्रवाई करने के लिए लिखते हैं उस पर कार्रवाई करना अधिकारी की जिम्मेदारी है.

खाचरियावास ने कहा कि जनप्रतिनिधि जनता से चुनकर आए हुए हैं, ऐसे में अगर कोई अधिकारी काम करता है, तो वह लोकतंत्र की भावना के खिलाफ है मंत्री विश्वेंद्र सिंह के 45 करोड़ के मामले में अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए जाने के मामले में मंत्री प्रतापसिंह ने कहा कि मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने खुद यह बात उठाई है, तो इस पर कार्रवाई भी होगी.

जयपुर. राजस्थान कांग्रेस मुख्यालय में मंगलवार एक नहीं दो मंत्री जन सुनवाई करने पहुंचे. दोनों ही मंत्री राजस्थान विश्वविद्यालय के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. साल 1992 में राजस्थान विश्वविद्यालय के अध्यक्ष बने प्रताप सिंह खाचरियावास और साल 1995 में महेंद्र चौधरी अध्यक्ष बने.

प्रताप सिंह खाचरियावास की जनसुनवाई

गौरतलब है कि अब यह दोनों ही विधायक बन चुके हैं. खाचरियावास जहां प्रदेश सरकार में परिवहन मंत्री है, तो वहीं महेंद्र चौधरी विधानसभा में उप मुख्य सचेतक पद पर है. जनसुनवाई के दौरान प्रदेश के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ब्यूरोक्रेसी पर खासे नाराज दिखाई दिए.

यह भी पढ़ें- पायलट के पास आए बस्सी से तुंगा पंचायत समिति में शामिल किए 4 गांव के ग्रामीण, कहा- वापस लिया जाए पुनर्गठन नहीं लेंगे चुनाव में भाग

उन्होंने कहा कि जनता के प्रतिनिधि, मंत्री हो या विधायक, सड़क पर बैठकर या फिर गांव की चौपाल पर बैठकर जनता के हित में कोई भी निर्णय ले लें, लेकिन उसे लागू करना अधिकारियों की ही जिम्मेदारी है. कोई भी अधिकारी इससे बच नहीं सकता. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के राज में जनता ही मालिक है और हम सेवक हम रोज जनसुनवाई में जनता का जो दर्द होता है उस पर अधिकारियों को कार्रवाई करने के लिए लिखते हैं उस पर कार्रवाई करना अधिकारी की जिम्मेदारी है.

खाचरियावास ने कहा कि जनप्रतिनिधि जनता से चुनकर आए हुए हैं, ऐसे में अगर कोई अधिकारी काम करता है, तो वह लोकतंत्र की भावना के खिलाफ है मंत्री विश्वेंद्र सिंह के 45 करोड़ के मामले में अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए जाने के मामले में मंत्री प्रतापसिंह ने कहा कि मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने खुद यह बात उठाई है, तो इस पर कार्रवाई भी होगी.

Intro:राजस्थान कांग्रेस मुख्यालय में जनसुनवाई करने पहुंचे मंत्री प्रतापसिंह और विधानसभा के उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी दोनों ही रह चुके हैं राजस्थान विश्वविद्यालय के पूर्व अध्यक्ष जनसुनवाई में बोले मंत्री प्रतापसिंह अधिकारियों की मनमानी नहीं चलेगी मंत्री विश्वेंद्र सिंह का किया समर्थन बोले मामला मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट के संज्ञान में होकर रहेगी गलती करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई


Body:राजस्थान कांग्रेस मुख्यालय में आज भी जनसुनवाई में अनोखा नजारा था जहां एक नहीं दो मंत्री जन सुनवाई करने पहुंचे थे और दोनों ही वह मंत्री है जो राजस्थान विश्वविद्यालय के अध्यक्ष भी रह चुके हैं साल 1992 में राजस्थान विश्वविद्यालय के अध्यक्ष बने प्रताप सिंह खाचरियावास और साल 1995 में अध्यक्ष बने महेंद्र चौधरी अब यह दोनों ही विधायक बन चुके हैं खाचरियावास जहां प्रदेश सरकार में परिवहन मंत्री है तो महेंद्र चौधरी विधानसभा में उप मुख्य सचेतक पद पर है आज भी जनसुनवाई में प्रदेश के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ब्यूरोक्रेसी पर खासे नाराज दिखाई दिए उन्होंने कहा कि जनता के प्रतिनिधि एवं मंत्री हो या विधायक हो जाए सड़क पर बैठकर या गांव की चौपाल पर बैठकर जनता के हित में कोई भी निर्णय ले उसे लागू करना अधिकारियों की जिम्मेदारी है कोई भी अधिकारी इससे बच नहीं सकता है कांग्रेस के राज में जनता ही मालिक है और हम सेवक हम रोज जनसुनवाई में जनता का जो दर्द होता है उस पर अधिकारियों को कार्रवाई करने के लिए लिखते हैं उस पर कार्रवाई करना अधिकारी की जिम्मेदारी है क्योंकि जनप्रतिनिधि जनता से चुनकर आया है ऐसे में वह हमेशा ब्यूरोक्रेसी से बड़ा है और बिना सरकार के प्रतिनिधि को विश्वास में लिए अगर कोई अधिकारी काम करता है तो वह लोकतंत्र की भावना के खिलाफ है वही मंत्री विश्वेंद्र सिंह के 45 करोड़ के मामले में अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए जाने के मामले में मंत्री प्रतापसिंह ने कहा कि मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने खुद यह बात उठाई है तो इस पर कार्रवाई भी होगी उन्होंने कहा राजस्थान की कांग्रेस सरकार जवाब दे सरकार है यह मामला मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट की नजर में है अगर कोई अधिकारी गलत है तो वह मंत्री से बड़ा नहीं है जो भी अधिकारी रूल ऑफ़ बिज़नस के खिलाफ जाकर काम करेगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी
बाइट प्रताप सिंह खाचरियावास परिवहन मंत्री राजस्थान


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.