जयपुर. प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय (Public Hearing in Rajasthan PCC) में करीब 20 महीने बाद शुरू हुई जनसुनवाई में आमजन की शिकायतों के निवारण में किसी भी प्रकार की कोताही मंत्रियों को भारी पड़ सकती है. क्योंकि मंत्री सुनवाई का रिपोर्ट कार्ड मुख्यमंत्री और कांग्रेस आलाकमान के पास जाएगा. मंत्रियों को हर सप्ताह कांग्रेस कार्यालय को जनसुनवाई का फीडबैक भेजना होगा. अगली सुनवाई में रिपोर्ट कार्ड ले जाना होगा. किसी भी प्रकार की कोताही की शिकायत सीएम और पार्टी हाईकमान के पास जाएगी. कैबिनेट के अगले फेरबदल में खराब रिपोर्ट मंत्रियों पर भारी पड़ सकती है. खराब परफॉर्मेंस पर मंत्री पद पर जा सकता है.
राजस्थान में कांग्रेस सरकार के 3 साल शुक्रवार 17 दिसंबर को पूरे हुए हैं, लेकिन आम जनता तक सरकार की राहत सीधी मिले इसके लिए कांग्रेस पार्टी ने 2 दिन पहले 15 दिसंबर से ही राजस्थान कांग्रेस मुख्यालय पर आम लोगों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं की जनसुनवाई का काम शुरू कर दिया. राजस्थान कांग्रेस मुख्यालय में 3 साल में दूसरी बार शुरू होने वाली जनसुनवाई में कांग्रेस पार्टी ने अक्टूबर 2019 से फरवरी 2020 तक चली जनसुनवाई से सबक लिया है.
यही कारण है कि अब जो भी मंत्री कांग्रेस कार्यालय में शिकायत सुनकर जाएगा, उसे 1 सप्ताह में कांग्रेस संगठन को यह बताना होगा की उसे जो शिकायतें प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर मिली है. उनमें से कितनी वह खुद कर सकते हैं और कौन सी किसी अन्य मंत्री के विभाग या मुख्यमंत्री से जुड़ी है. इतना ही नहीं एक महीने बाद जब दोबारा मंत्री का नंबर प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में जनसुनवाई के लिए आएगा तो मंत्री को प्रदेश कांग्रेस को यह बताना होगा कि किस समस्या पर उन्होंने क्या कार्रवाई की है और मंत्री के परफॉर्मेंस की रिपोर्ट भी प्रदेश कांग्रेस में हो रही जनसुनवाई के आधार पर सरकार को भिजवाई जाएगी ,जिसमें काम करने वाले मंत्री की प्रशंसा तो शिकायतों को नहीं सुलझा सके मंत्रियों की शिकायत भी सरकार को प्रदेश कांग्रेस की ओर से पहुंचेगी.
पीसीसी चीफ डोटासरा बोले, सरकार कर रही बेहतर काम
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा की गहलोत सरकार के 3 साल पूरे हुए हैं. जिस आशा और उम्मीद के साथ प्रदेश की जनता ने कांग्रेस की सरकार बनाई उसपर हमारी सरकार पूरी तरीके से खरी उतरी है. डोटासरा ने कहा कि 3 साल से सरकार जनता की सेवा कर रही है. इसके लिए अच्छी योजनाएं शुरू की गई है. विकास के काम किए गए. कोरोना भी बेहतर मैनेजमेंट किया गया है. गहलोत सरकार ने प्रदेश की जनता को 2 बेहतरीन बजट दिए.
जनसुनवाई का फीडबैक लेगी प्रदेश कांग्रेस कमेटी
डोटासरा ने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मान सम्मान करते हुए काम किए हैं तो हमने दोबारा प्रदेश कांग्रेस कमेटी में जो मंत्री दरबार लगाया है. उसमें तमाम मंत्री, कांग्रेस के कार्यकर्ता जो भी अपनी समस्या बताएंगे चाहे वह विकास से संबंधित हो या व्यक्तिगत समस्याएं हो उनका समाधान करवाएंगे. दोबारा जब मंत्री प्रदेश कांग्रेस कार्यालय आएगा तो वह अपना पहले का रिपोर्ट कार्ड साथ लेकर आएगा कि हमने पहली जनसुनवाई में यह काम किया. इसका पूरा फीडबैक प्रदेश कांग्रेस लेगी. हमें जो भी सुझाव कार्यकर्ताओं की तरफ से मिलेगा. उसका प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रस्ताव के रूप में सरकार को भी भेजेगी.
कागजों के ढेर में तब्दील शिकायतें
सचिन पायलट के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए पहली बार हुई मंत्री जनसुनवाई में 5 हजार से ज्यादा शिकायतें आई थी लेकिन उन पर कोई एक्शन नहीं हुआ. जनसुनवाई का फीडबैक प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय की ओर से हर सप्ताह लिया जाएगा. इसके पीछे कारण माना जा रहा है कि 2019 में शुरू हुई कांग्रेस की पहली जनसुनवाई की विफलता. आपको बता दें कि भले ही जनसुनवाई प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पहले 4 महीने चली हो लेकिन उस समय ज्यादातर समस्याएं प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में कागजों के ढेर में तब्दील हो गई. यही कारण है कि इस बार कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद डोटासरा चाहते हैं की जनसुनवाई में जिस मंत्री ने जो काम किया है उसका लेखा-जोखा पूरा तैयार हो, और जो मंत्री जनसुनवाई के कामों को गंभीरता से नहीं ले उस बात को सीधा मुख्यमंत्री से अवगत करवा दिया जाए.
राजस्थान में मंत्रिमंडल फेरबदल हो चुका है लेकिन जिस दिन मंत्रिमंडल फेरबदल हुआ उसी दिन प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने यह संकेत दे दिए थे कि राजस्थान में आगे भी मंत्रिमंडल फेरबदल हो सकता है, जिसमें नए चेहरों को मौका मिलेगा तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत यह कह चुके हैं कि मंत्रिमंडल का अगला फेरबदल परफॉर्मेंस पर आधारित होगा. ऐसे में प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय से अगर किसी मंत्री की रिपोर्ट खराब जाती है तो मंत्री का मंत्री पद भी संभावित अगले मंत्रिमंडल फेरबदल में खतरे में आ सकता है. ऐसे में प्रदेश कांग्रेस कार्यालय की रिपोर्ट मंत्रियों के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी. जनसुनवाई के जरिए लोगों की समस्याओं का निराकरण कर दो अपना नाम बेहतरीन रिपोर्ट कार्ड वाले मंत्रियों की लिस्ट में शामिल करवा सकता है.