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'महापौर आपके द्वार' कार्यक्रम के तहत मोती डूंगरी जोन में हुई जनसुनवाई...नहीं पहुंचे फरियादी - rajasthan

महापौर आपके द्वार कार्यक्रम के तहत मंगलवार को मोती डूंगरी जोन में जनसुनवाई हुई. यहां तकरीबन आधे घंटे तक महापौर और निगम के आला अधिकारी खाली बैठे रहे. जनसुनवाई में समस्याओं के निराकरण के लिए महज 78 आवेदन पत्र वितरित हुए, जिनमें से 68 प्रकरण मेयर के सामने आए.

महापौर आपके द्वार कार्यक्रम के तहत मोती डूंगरी जोन में हुई जनसुनवाई
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Published : Jul 23, 2019, 10:17 PM IST

जयपुर. विष्णु लाटा विद्याधर नगर जोन के बाद मंगलवार को मोती डूंगरी जोन में जन सुनवाई के लिए पहुंचे. लेकिन, यहां नाम मात्र के फरियादी ही पहुंचे. यहां, 68 आवेदन पत्र प्राप्त हुए, जिनमें से 40 का मौके पर ही निस्तारण कर दिया गया. हालांकि, विद्याधर नगर जोन की तुलना में यहां एक चौथाई प्रकरण ही मिले, जिस पर मेयर ने एमडी जोन को बधाई देते हुए कहा कि शायद यहां जनता को परेशानी ही नहीं है.

महापौर आपके द्वार कार्यक्रम के तहत मोती डूंगरी जोन में हुई जनसुनवाई

महापौर आपके द्वार कार्यक्रम के तहत मंगलवार को मोती डूंगरी जोन में जनसुनवाई हुई. यहां तकरीबन आधे घंटे तक महापौर और निगम के आला अधिकारी खाली बैठे रहे. जनसुनवाई में समस्याओं के निराकरण के लिए महज 78 आवेदन पत्र वितरित हुए, जिनमें से 68 प्रकरण मेयर के सामने आए. कार्यक्रम में 32 जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र और 8 खाद्य सुरक्षा के प्रकरणों का निस्तारण मौके से किया गया. वहीं, बचे हुए 28 प्रकरणों के निस्तारण के लिए जोन डीसी को 7 दिन का समय दिया.

इस दौरान मेयर ने कहा कि जन सुनवाई में सीवरेज, लाइट, सड़क, पार्क, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र जैसी समस्याएं सामने आई हैं, जिनका निस्तारण किया जा रहा है. वहीं, सांगानेर जोन में ज्यादा काम कराए जाने के आरोप पर मेयर ने कहा कि लोग कुछ भी कहे, वो उनके मन की बात है, उनके लिए 91 वार्ड एक समान हैं. इसके अलावा लंबित प्रकरणों की संख्या पर मेयर ने जवाब दिया कि हर काम की एक प्रक्रिया और कानून होता है, जिसे फॉलो करना पड़ता है.

वहीं, मोती डूंगरी जोन में विद्याधर नगर जोन की तुलना में एक चौथाई प्रकरण ही सामने आए. जिस पर मेयर ने एमडी जोन को बधाई देते हुए कहा कि शायद यहां जनता परेशान ही नहीं है. हालांकि, मोती डूंगरी जोन में मेयर को किसी विरोध का सामना नहीं करना पड़ा. लेकिन, यहां जनसुनवाई में कम लोगों के पहुंचने से भी कई सवाल खड़े हुए.

जयपुर. विष्णु लाटा विद्याधर नगर जोन के बाद मंगलवार को मोती डूंगरी जोन में जन सुनवाई के लिए पहुंचे. लेकिन, यहां नाम मात्र के फरियादी ही पहुंचे. यहां, 68 आवेदन पत्र प्राप्त हुए, जिनमें से 40 का मौके पर ही निस्तारण कर दिया गया. हालांकि, विद्याधर नगर जोन की तुलना में यहां एक चौथाई प्रकरण ही मिले, जिस पर मेयर ने एमडी जोन को बधाई देते हुए कहा कि शायद यहां जनता को परेशानी ही नहीं है.

महापौर आपके द्वार कार्यक्रम के तहत मोती डूंगरी जोन में हुई जनसुनवाई

महापौर आपके द्वार कार्यक्रम के तहत मंगलवार को मोती डूंगरी जोन में जनसुनवाई हुई. यहां तकरीबन आधे घंटे तक महापौर और निगम के आला अधिकारी खाली बैठे रहे. जनसुनवाई में समस्याओं के निराकरण के लिए महज 78 आवेदन पत्र वितरित हुए, जिनमें से 68 प्रकरण मेयर के सामने आए. कार्यक्रम में 32 जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र और 8 खाद्य सुरक्षा के प्रकरणों का निस्तारण मौके से किया गया. वहीं, बचे हुए 28 प्रकरणों के निस्तारण के लिए जोन डीसी को 7 दिन का समय दिया.

इस दौरान मेयर ने कहा कि जन सुनवाई में सीवरेज, लाइट, सड़क, पार्क, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र जैसी समस्याएं सामने आई हैं, जिनका निस्तारण किया जा रहा है. वहीं, सांगानेर जोन में ज्यादा काम कराए जाने के आरोप पर मेयर ने कहा कि लोग कुछ भी कहे, वो उनके मन की बात है, उनके लिए 91 वार्ड एक समान हैं. इसके अलावा लंबित प्रकरणों की संख्या पर मेयर ने जवाब दिया कि हर काम की एक प्रक्रिया और कानून होता है, जिसे फॉलो करना पड़ता है.

वहीं, मोती डूंगरी जोन में विद्याधर नगर जोन की तुलना में एक चौथाई प्रकरण ही सामने आए. जिस पर मेयर ने एमडी जोन को बधाई देते हुए कहा कि शायद यहां जनता परेशान ही नहीं है. हालांकि, मोती डूंगरी जोन में मेयर को किसी विरोध का सामना नहीं करना पड़ा. लेकिन, यहां जनसुनवाई में कम लोगों के पहुंचने से भी कई सवाल खड़े हुए.

Intro:जयपुर - विद्याधर नगर जोन के बाद मेयर निगम की टीम के साथ मोती डूंगरी जोन में जन सुनवाई के लिए पहुंचे। लेकिन यहां नाम मात्र के फरियादी ही पहुंचे। यहां 68 आवेदन पत्र प्राप्त हुए, जिनमें से 40 का मौके पर ही निस्तारण कर दिया गया। हालांकि विद्याधर नगर जोन की तुलना में यहां एक चौथाई प्रकरण ही मिले। जिस पर मेयर ने एमडी जोन को बधाई देते हुए कहा कि शायद यहां जनता को परेशानी ही नहीं है।


Body:महापौर आपके द्वार कार्यक्रम के तहत आज मोती डूंगरी जोन में जनसुनवाई हुई। यहां तकरीबन आधे घंटे तक महापौर और निगम के आला अधिकारी खाली बैठे रहे। जनसुनवाई में समस्याओं के निराकरण के लिए महज 78 आवेदन पत्र वितरित हुए, जिनमें से 68 प्रकरण मेयर के सामने आये। कार्यक्रम में 32 जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र और 8 खाद्य सुरक्षा के प्रकरणों का निस्तारण मौके से किया गया। बचे हुए 28 प्रकरणों के निस्तारण के लिए जोन डीसी को 7 दिन का समय दिया। इस दौरान मेयर ने कहा कि जन सुनवाई में सीवरेज, लाइट, सड़क, पार्क, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र जैसी समस्याएं सामने आई है। जिनका निस्तारण किया जा रहा है। वहीं सांगानेर जोन में ज्यादा काम कराए जाने के आरोप पर मेयर ने कहा कि लोग कुछ भी कहे, वो उनके मन की बात है। उनके लिए 91 वार्ड एक समान है। इसके अलावा लंबित प्रकरणों की संख्या पर मेयर ने जवाब दिया कि हर काम की एक प्रक्रिया और कानून होता है। जिसे फॉलो करना पड़ता है। मोती डूंगरी जोन में विद्याधर नगर जोन की तुलना में एक चौथाई प्रकरण ही सामने आए। जिस पर मेयर ने एमडी जोन को बधाई देते हुए कहा कि शायद यहां जनता परेशान ही नहीं है।
वन टू वन - विष्णु लाटा, मेयर


Conclusion:हालांकि मोती डूंगरी जोन में मेयर को किसी विरोध का सामना नहीं करना पड़ा। लेकिन यहां जनसुनवाई में कम लोगों के पहुंचने से भी कई सवाल खड़े हुए।
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