जयपुर. प्रदेश में निजी स्कूलों की फीस माफी का मुद्दा जोर पकड़ता जा रहा है. संयुक्त अभिभावक समिति के बैनर तले बुधवार को जयपुर के दो निजी स्कूलों को निवेदन पत्र देकर अभिभावकों को राहत देने का निवेदन किया गया. अभिभावकों ने स्कूल में घुसने का प्रयास किया तो उन्हें अंदर नहीं जाने दिया गया. जिसके बाद अभिभावकों ने नारेबाजी कर प्रदर्शन किया, तब स्कूल संचालक अभिभावकों से मिलने के लिए तैयार हुए और उनकी बात सुनी.
समिति संयोजक सुशील शर्मा ने कहा कि इस समय पूरा देश कोविड-19 से जूझ रहा है, लेकिन निजी स्कूल संचालक अभिभावकों और उनके परिवारों पर ध्यान नहीं दे रहे हैं. ना ही केंद्र और राज्य सरकार अभिभावकों की पीड़ा समझ रही है. आर्थिक परेशानी से जूझ रहे अभिभावक नो स्कूल ऑफिस की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं स्कूल संचालक अभिभावकों की मजबूरी का फायदा उठा रहे हैं.
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समिति के प्रवक्ता अभिषेक त्रिवेदी और अरविंद यादव ने बताया कि फीस माफी को लेकर स्कूल संचालकों से मिलकर अभिभावकों की पीड़ा से अवगत कराने का प्रयास किया गया. अभिभावकों के एक प्रतिनिधि मंडल ने स्कूल संचालकों से मुलाकात कर अपनी बात रखने का प्रयास किया, किंतु दोनों ही स्कूल संचालकों ने हठधर्मिता के चलते कोई पॉजिटिव रिस्पांस नहीं दिया. समिति के कोषाध्यक्ष संजय गोयल ने बताया कि पिछले 3 महीनों से अभिभावक सभी निजी स्कूलों से प्रार्थना कर रहे हैं और अपनी पीड़ा स्कूल संचालकों को बता रहे हैं. अभिभावकों का कोरोना काल में व्यापार, व्यवसाय, रोजगार ठप हो गए हैं. जिसके चलते अभिभावक फीस देने की स्थिति में नहीं हैं.
अभिभावकों का कहना है कि पूरी फीस माफ करने के बजाए स्कूल प्रबंधन कुछ छूट जरूर दे, जिससे की उन्हें और बच्चों को राहत मिल सके. अभिभावकों ने 50% तक फीस माफ करने की मांग की. प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने बताया कि गुरुवार को दूसरे निजी स्कूलों में भी प्रार्थना पत्र भेंट किया जाएगा. यह अभियान 13 अगस्त तक लगातार संचालित किया जाएगा. यदि अभिभावकों को राहत नही मिलती है, तो 14 अगस्त को विशाल प्रदर्शन किया जाएगा. इसकी जिम्मेदारी स्कूल संचालकों और सरकार की होगी. संयुक्त अभिभावक समिति की ओर से फीस माफी को लेकर अलग-अलग स्कूलों में निवेदन पत्र देकर फीस माफ करने का निवेदन किया जा रहा है.