जयपुर. राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा रीट के लेवल फर्स्ट से बीएडधारियों को बाहर करने की मांग को लेकर बीएसटीसी (BSTC) धारकों का आंदोलन गुरुवार को भी जारी रहा. गुरुवार को चार अभ्यर्थी अनशन पर बैठ गए. बीएसटीसी धारकों का यह आंदोलन 2 अक्टूबर से जारी है. बीएसटीसी धारकों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांग नहीं मानी गई तो एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा.
शहीद स्मारक पर चल रहे धरने पर गुरुवार को 4 अभ्यर्थी नितिश प्रजापति, मुकेश बुरडक, गौरी शंकर शर्मा और ओम सिंह अनशन पर बैठे. प्रदेशभर से आए सैकड़ों अभ्यर्थियों ने शहीद स्मारक पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर विरोध जताया.बीएसटीसी धारक प्रदर्शनकारियों ने बताया कि 26 अक्टूबर को कोर्ट में होने वाली सुनवाई में सरकार मजबूती से बीएसटीसी धारकों का पक्ष रखे. दरअसल शिक्षक ग्रेड-3 के लेवल-1 (कक्षा-1 से कक्षा-5) तक को पढ़ाने वाले शिक्षकों की भर्ती के लिए केवल बीएसटीसी धारकों को ही मौका देने की मांग पुरानी है. इसके लिए 2020 में बीएसटीसी धारकों ने बड़ा आंदोलन किया था.
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सरकार ने भी उनकी मांग पर सहमति जताई थी, लेकिन रीट-2021 में लेवल-1 की परीक्षा में बीएड धारियों से भी आवेदन लिए गए और उन्हें परीक्षा में बैठाया गया. इस पर हाईकोर्ट में एक याचिका भी दायर की गई है. इस पर अगली सुनवाई 26 अक्टूबर को होनी है. बीएसटीसी धारी अभ्यर्थियों का कहना है कि 26 अक्टूबर को होने वाली सुनवाई में सरकार मजबूती के साथ उनका पक्ष रखे ताकि लेवल-1 से बीएडधारियों को बाहर किया जा सके.
लेवल-1 में बीएडधारियों को शामिल करना उनके हितों के साथ खिलवाड़
बीएसटीसी धारक अभ्यर्थी महेंद्र कुमार शर्मा का कहना है कि बीएडधारी अभ्यर्थियों के पास शिक्षक ग्रेड-3 के लेवल-2 के साथ ही शिक्षक ग्रेड-2 और स्कूल व्याख्याता में शामिल होने का मौका होता है. लेकिन बीएसटीसी धारी अभ्यर्थी केवल लेवल-1 में ही आवेदन कर सकते हैं. ऐसे में यदि लेवल-1 में बीएडधारियों को शामिल करना उनके हितों के साथ खिलवाड़ करने जैसा है. बीएसटीसीधारी अभ्यर्थियों का कहना है कि 26 अक्टूबर को होने वाली सुनवाई में उनका पक्ष मजबूती के साथ रखने के लिए प्रदर्शन किया गया है. यदि उनकी मांग नहीं सुनी गई तो प्रदेश भर में बड़ा आंदोलन किया जायेगा.