जयपुर. केंद्र सरकार ने आवश्यक खाद्य वस्तुओं पर जीएसटी लगाने की तैयारी कर ली है, जिसके बाद भारतीय उद्योग व्यापार मंडल इसके विरोध में उतर गया है. भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के बैनर तले शनिवार को देश भर में विभिन्न व्यापारिक संस्थानों ने अपना व्यापार बंद रखकर जीएसटी लगाने का विरोध किया. भारतीय उद्योग व्यापार मंडल का कहना है कि यदि आवश्यक खाद्य वस्तुओं पर जीएसटी लगाई जाती है तो एक बड़ा व्यापारी वर्ग इससे प्रभावित होगा.
भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के राष्ट्रीय चेयरमैन बाबूलाल गुप्ता का कहना है कि आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी लगाने के विरोध में देशभर की अनाज मंडी, दाल मिलें, चावल मिलें और आटा चक्की बंद हैं. उनका कहना है कि हाल ही में जीएसटी काउंसिल की बैठक में आवश्यक वस्तुओं पर टैक्स लगाने की अनुशंसा की गई है, जिसमें गेहूं, आटा, दाल, चावल, गुड़, शहद ,बटर आदि वस्तुओं को शामिल किया गया है.
इसके अलावा बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि कोई भी खाद्य वस्तु बिना पैकिंग और लेबलिंग (Protest against Gst on essential Food item) के बाजार में नहीं बेची जा सकेगी. ऐसे में आवश्यक खाद्य वस्तुओं पर जीएसटी लगाने के विरोध में भारत में 7300 मंडियां, 13000 दाल मिलें, 9600 चावल मिलें, 8800 आटा मिलें, बंद रही.
राजस्थान की स्थिति: प्रदेश की बात करें तो जीएसटी के इस नए प्रावधान के विरोध में शनिवार को प्रदेशभर की 247 कृषि उपज मंडी बंद रही. इसके अलावा 140 चावल मिलों में कामकाज पूरी तरह ठप रहा, जबकि 500 से अधिक आटा मिलें भी इस बंद में शामिल रहे. मामले को लेकर जयपुर व्यापार महासंघ के अध्यक्ष सुभाष गोयल का कहना है कि आवश्यक वस्तुओं पर टैक्स लगने के बाद इसका असर सीधे तौर पर आम जनता पर पड़ेगा. फैक्ट्री से निकलने के बाद आम जनता तक पहुंचते-पहुंचते इस पर टैक्स 5 फ़ीसदी नहीं बल्कि 7 फ़ीसदी तक हो जाएगा. वहीं दाल कारोबारी सुरेश सैनी का कहना है कि मौजूदा समय में दालों की कीमतें आसमान पर हैं और अब यदि दालों को भी जीएसटी में शामिल किया जाएगा तो इनके दाम 8 से 10 रुपए प्रति किलो बढ़ जाएंगे.
जयपुर कांग्रेस ने किया प्रदर्शन : जीएसटी के प्रावधानों के खिलाफ कांग्रेस पार्टी की ओर से भी राजधानी जयपुर में मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास की ओर से जयपुर शहर में शनिवार को प्रदर्शन किया. जिला अध्यक्ष प्रताप सिंह खाचरियावास ने रविवार को भी जयपुर शहर के सभी 250 वार्ड में प्रदर्शन करने का ऐलान कर दिया. प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि वह केंद्र सरकार की आम आदमी के खाने-पीने की चीजों पर लगाई गई जीएसटी के खिलाफ न केवल प्रदर्शन करेंगे बल्कि कांग्रेस नेताओं के साथ जयपुर में पदयात्रा भी निकालेंगे.
जोधपुर में बंद रही अनाज मंडियां, व्यापारी बोले बढ़ेगी महंगाईः केंद्र सरकार की ओर से खाद्य पदार्थों पर जीएसटी कर लगाने के विरोध में देश भर की खाद्यपदार्थ व्यापारियों की हड़ताल के आह्वान पर जोधपुर शहर की तीनों प्रमुख अनाज मंडियां शनिवार को बंद रहीं. व्यापारियों ने केंद्र सरकार के इस निर्णय का विरोध जताया. साथ ही मांग की है कि इस कर को वापस लिया जाए. पांच फीसदी टैक्स लगने की जो व्यवस्था बनाई गई है, उसमें खासकर गली मौहल्ले में गेहूं पीसने वाली फ्लोर मिल्स भी इसके दायरे में आएंगी. क्योंकि वह अनब्रांडेड आटा बेचते हैं. इसका सीधा नुकसान निम्न व मध्यम वर्ग को होगा. जिसके ज्यादातर लोग प्रतिदिन फ्लोर मिल से आटा खरीदते हैं. उनको पांच फीसदी अतिरिक्त कीमत चुकानी होगी. व्यापारियों का कहना है कि इसका नुकसान मंडी व्यापारियों तक आएगा.
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जोधपुर जीरा मंडी के अध्यक्ष पुरुषोतम मूंदडा का कहना है कि 2017 में अरुण जेटली ने जब यह कर रचना की थी तब खाद्य पदार्थों को इससे मुक्त रखा था. अब पांच फीसदी टैक्स की दर से जोड़ना गलत है. पहले से ही महंगाई से त्रस्त जनता पर अतिरिक्त बोझ सरकार ने डाला है. मंडोर मंडी खाद्य व्यापार संघ के सचिव धर्मेंद्र भंडारी का कहना है कि जीएसटी काउंसिल की गत बैठक में जो यह निर्णय लिया गया है, यह बहुत गलत है. गरीब जनता पर बोझ बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि हम व्यापारी विरोध करते हैं, इससे महंगाई बढेगी.
गेहूं पर टैक्स सबसे भारीः देश में अब तक गेहूं पर किसी तरह का टैक्स नहीं था. अब पांच फीसदी के दायरे में लाया गया तो हर घर के लिए खर्च बढ़ेगा. यानी की बाजार से 2500 रुपये की बोरी खरीदने पर अब 125 रुपये अतिरिक्त चुकाने होंगे. इसके अलावा फ्लोर मिल मालिक गेहूं खरीदने के बाद आटा बनाकर बेचेगा उस पर भी पांच फीसदी टैक्स लगेगा. जिसका नुकसान आमजन को उठाना होगा.
प्रतापगढ़ में बंद रही कृषि उपजमंडीः खाद्य वस्तुओं पर 5 फीसदी जीएसटी लगाने के विरोध में जिला मुख्यालय स्थित कृषि उपज मंडी शनिवार व रविवार को बंद रहेगी. प्रतापगढ़ की कृषि उपज मंडी में मंडी व्यापार संघ की ओर से बंद का ऐलान किया गया है. मंडी व्यापार संघ की ओर से किए गए इस बंद के ऐलान से मंडी परिसर में पूरी तरह से सन्नाटा है. जिंसों का नीलामी कार्य पूरी तरह से स्थगित है. मंडी व्यापार मंडल समिति के अध्यक्ष शांतिलाल जैन ने बताया कि खाद्य पदार्थों पर जीएसटी से महंगाई बढ़ेगी.