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स्पेशल रिपोर्ट: अब कैबिनेट सब कमेटी ने अटकाया स्मार्ट मीटर लगाने का प्रोजेक्ट, पिछली सरकार में भी हुए थे प्रयास

केंद्र सरकार चाहती है कि देशभर में बिजली उपभोक्ताओं के यहां नई तकनीक से सुसज्जित स्मार्ट मीटर लगाए जाए. उसके लिए केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने सभी राज्यों को आवश्यक दिशा निर्देश भी दे दिए हैं. पिछली सरकार में तीन टेंडर हुए थे लेकिन अब समीक्षा के नाम पर कैबिनेट सब कमेटी के पास यह प्रोजेक्ट अटक गया.

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Published : Sep 8, 2019, 6:42 PM IST

जयपुर. केंद्र सरकार की गाइडलाइन के बावजूद डिस्कॉम चाह कर भी फिलहाल बिजली उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट मीटर नहीं लगा पा रहा. वजह है पिछली वसुंधरा सरकार के कार्यकाल के अंतिम 6 माह में इस प्रोजेक्ट के लिए तीन टेंडर हुए, जिसे अब मौजूदा सरकार ने समीक्षा के नाम पर कैबिनेट सब कमेटी को सौंप दिया है और अब तक उस पर कोई निर्णय नहीं हुआ.

कैबिनेट सब कमेटी ने अटकाया स्मार्ट मीटर प्रोजेक्ट

उपभोक्ता 1 करोड़ 30 लाख और टेंडर साढ़े 6 लाख मीटर का

केंद्र सरकार चाहती है कि देशभर में बिजली उपभोक्ताओं के वहां नई तकनीक से सुसज्जित स्मार्ट मीटर लगाए जाए. उसके लिए केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने सभी राज्यों को आवश्यक दिशा निर्देश भी दे दिए हैं. पिछली वसुंधरा सरकार के कार्यकाल के अंतिम समय पर इस दिशा में काम भी शुरू हुआ और जयपुर डिस्कॉम ने 30 के तहत करीब 6:30 लाख नए स्मार्ट मीटर खरीदने की प्रक्रिया भी शुरू की.

हालांकि विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश में सरकार बदल गई और पिछली वसुंधरा सरकार के कार्यकाल के अंतिम समय हुए इन टेंडरों को भी समीक्षा के नाम पर कैबिनेट सब कमेटी के पास पहुंचा दिया गया. मौजूदा सरकार के 8 माह के कार्यकाल में सब कमेटी की कई बार बैठक में भी हुई लेकिन अब तक यह निर्णय नहीं हो पाया कि इन टेंडरों के तहत नए स्मार्ट मीटर लिए जाए या नहीं. यदि सब कमेटी मंजूरी देती है तो करीब साढ़े 6 लाख स्मार्ट मीटर जयपुर डिस्कॉम को मिल जाएंगे, हालांकि प्रदेश में कुल विद्युत उपभोक्ता 1 करोड़ 30 लाख के करीब है.

पढ़ें: पत्रकारों पर हमले आरएसएस और बीजेपी करती हैः मुख्यमंत्री अशोक गहलोत

पूर्व में हुए स्मार्ट मीटर से जुड़े टेंडर भले ही जब सब कमेटी में अटके हो लेकिन डिस्कॉम ने प्रदेश में इस योजना पर अमल करने के लिए अपना काम शुरू कर दिया है. इसके लिए हाल ही में जयपुर, अजमेर, जोधपुर डिस्कॉम से जुड़े कई आला अधिकारी यूपी का भी करके आए हैं. जहां 50 लाख नए स्मार्ट मीटर लगाए गए है. स्मार्ट मीटर से होने वाले फायदे और उपभोक्ताओं के विचार जानने के मकसद से अधिकारी दौरा करके आए हैं. अगर राजस्थान में पूर्व में हुए टेंडर के तहत साढ़े 6 लाख स्मार्ट मीटर आते हैं तो उसे सबसे पहले अर्बन एरिया के उपभोक्ताओं को देकर कवर किया जाएगा.

जयपुर डिस्कॉम के प्रबंध निदेशक एके गुप्ता के अनुसार रूलर क्षेत्र में जिन उपभोक्ताओं के वहां 200 यूनिट से अधिक बिजली की खपत है वहां स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे. गुप्ता के अनुसार एनसीआर क्षेत्र में तो डेवलपर के जरिए लगभग सभी उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट मीटर लगा दिए गए हैं जबकि दिल्ली और यूपी में यह काम जोर शोर से चल रहा है.

पढ़ें: वरिष्ठ नेता और सीनियर एडवोकेट राम जेठमलानी का निधन.... राजस्थान से जुड़ी हैं जेठमलानी की कई यादें

डिस्कॉम अधिकारियों के अनुसार स्मार्ट मीटर के कई फायदे हैं जिसमें आप कहीं पर भी बैठ कर अपने घर का बिजली लोड और खपत चेक करने के साथ ही बिजली सप्लाय बन्द चालू कर सकते हो तो वही स्मार्ट मीटर में प्रीपेड फीचर्स भी है. हालांकि डिस्कॉम अधिकारियों के अनुसार यह काम बहुत बड़ा है इसलिए डिस्कॉम इसमें कैपिटल इन्वेस्टमेंट करने के मूड में नहीं है बल्कि किसी ना किसी डेवलपर्स के जरिए ही यह मीटर लगाने का काम दिया जाएगा और उसके एवज में 60 से 80 रुपये प्रति माह प्रति कनेक्शन 5 साल तक देने का विचार भी है. डिस्कॉम को फिलहाल इंतजार है कैबिनेट सब कमेटी के निर्णय का जिसके बाद ही इस दिशा में आगे काम आगे बढ़ाया जा सके.

जयपुर. केंद्र सरकार की गाइडलाइन के बावजूद डिस्कॉम चाह कर भी फिलहाल बिजली उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट मीटर नहीं लगा पा रहा. वजह है पिछली वसुंधरा सरकार के कार्यकाल के अंतिम 6 माह में इस प्रोजेक्ट के लिए तीन टेंडर हुए, जिसे अब मौजूदा सरकार ने समीक्षा के नाम पर कैबिनेट सब कमेटी को सौंप दिया है और अब तक उस पर कोई निर्णय नहीं हुआ.

कैबिनेट सब कमेटी ने अटकाया स्मार्ट मीटर प्रोजेक्ट

उपभोक्ता 1 करोड़ 30 लाख और टेंडर साढ़े 6 लाख मीटर का

केंद्र सरकार चाहती है कि देशभर में बिजली उपभोक्ताओं के वहां नई तकनीक से सुसज्जित स्मार्ट मीटर लगाए जाए. उसके लिए केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने सभी राज्यों को आवश्यक दिशा निर्देश भी दे दिए हैं. पिछली वसुंधरा सरकार के कार्यकाल के अंतिम समय पर इस दिशा में काम भी शुरू हुआ और जयपुर डिस्कॉम ने 30 के तहत करीब 6:30 लाख नए स्मार्ट मीटर खरीदने की प्रक्रिया भी शुरू की.

हालांकि विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश में सरकार बदल गई और पिछली वसुंधरा सरकार के कार्यकाल के अंतिम समय हुए इन टेंडरों को भी समीक्षा के नाम पर कैबिनेट सब कमेटी के पास पहुंचा दिया गया. मौजूदा सरकार के 8 माह के कार्यकाल में सब कमेटी की कई बार बैठक में भी हुई लेकिन अब तक यह निर्णय नहीं हो पाया कि इन टेंडरों के तहत नए स्मार्ट मीटर लिए जाए या नहीं. यदि सब कमेटी मंजूरी देती है तो करीब साढ़े 6 लाख स्मार्ट मीटर जयपुर डिस्कॉम को मिल जाएंगे, हालांकि प्रदेश में कुल विद्युत उपभोक्ता 1 करोड़ 30 लाख के करीब है.

पढ़ें: पत्रकारों पर हमले आरएसएस और बीजेपी करती हैः मुख्यमंत्री अशोक गहलोत

पूर्व में हुए स्मार्ट मीटर से जुड़े टेंडर भले ही जब सब कमेटी में अटके हो लेकिन डिस्कॉम ने प्रदेश में इस योजना पर अमल करने के लिए अपना काम शुरू कर दिया है. इसके लिए हाल ही में जयपुर, अजमेर, जोधपुर डिस्कॉम से जुड़े कई आला अधिकारी यूपी का भी करके आए हैं. जहां 50 लाख नए स्मार्ट मीटर लगाए गए है. स्मार्ट मीटर से होने वाले फायदे और उपभोक्ताओं के विचार जानने के मकसद से अधिकारी दौरा करके आए हैं. अगर राजस्थान में पूर्व में हुए टेंडर के तहत साढ़े 6 लाख स्मार्ट मीटर आते हैं तो उसे सबसे पहले अर्बन एरिया के उपभोक्ताओं को देकर कवर किया जाएगा.

जयपुर डिस्कॉम के प्रबंध निदेशक एके गुप्ता के अनुसार रूलर क्षेत्र में जिन उपभोक्ताओं के वहां 200 यूनिट से अधिक बिजली की खपत है वहां स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे. गुप्ता के अनुसार एनसीआर क्षेत्र में तो डेवलपर के जरिए लगभग सभी उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट मीटर लगा दिए गए हैं जबकि दिल्ली और यूपी में यह काम जोर शोर से चल रहा है.

पढ़ें: वरिष्ठ नेता और सीनियर एडवोकेट राम जेठमलानी का निधन.... राजस्थान से जुड़ी हैं जेठमलानी की कई यादें

डिस्कॉम अधिकारियों के अनुसार स्मार्ट मीटर के कई फायदे हैं जिसमें आप कहीं पर भी बैठ कर अपने घर का बिजली लोड और खपत चेक करने के साथ ही बिजली सप्लाय बन्द चालू कर सकते हो तो वही स्मार्ट मीटर में प्रीपेड फीचर्स भी है. हालांकि डिस्कॉम अधिकारियों के अनुसार यह काम बहुत बड़ा है इसलिए डिस्कॉम इसमें कैपिटल इन्वेस्टमेंट करने के मूड में नहीं है बल्कि किसी ना किसी डेवलपर्स के जरिए ही यह मीटर लगाने का काम दिया जाएगा और उसके एवज में 60 से 80 रुपये प्रति माह प्रति कनेक्शन 5 साल तक देने का विचार भी है. डिस्कॉम को फिलहाल इंतजार है कैबिनेट सब कमेटी के निर्णय का जिसके बाद ही इस दिशा में आगे काम आगे बढ़ाया जा सके.

Intro:(special & exclusive story)

कैबिनेट सब कमेटी ने अटकाए स्मार्ट मीटर लगाने का प्रोजेक्ट

पिछली सरकार में हुए थे तीन टेंडर, समीक्षा के नाम पर कैबिनेट सब कमेटी के पास अटके

जयपुर (इंट्रो)
केंद्र सरकार की गाइडलाइन के बावजूद डिस्कॉम चाह कर भी फिलहाल बिजली उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट मीटर नहीं लगा पा रहा। वजह है पिछली वसुंधरा सरकार के कार्यकाल के अंतिम 6 माह में इस प्रोजेक्ट के लिए हुई तीन टेंडर, जिसे अब मौजूदा सरकार ने समीक्षा के नाम पर कैबिनेट सब कमेटी को सौंप दिया है और अब तक उस पर कोई निर्णय नहीं हुआ।

उपभोक्ता 1 करोड़ 30 लाख और टेंडर साढ़े 6 लाख मीटर्स के-

केंद्र सरकार चाहती है कि देशभर में बिजली उपभोक्ताओं के वहां नई तकनीक से सुसज्जित स्मार्ट मीटर लगाए जाए उसके लिए केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने सभी राज्यों को आवश्यक दिशा निर्देश भी दे दिए हैं पिछली वसुंधरा सरकार के कार्यकाल के अंतिम समय पर इस दिशा में काम भी शुरू हुआ और जयपुर डिस्कॉम ने 30 के तहत करीब 6:30 लाख नए स्मार्ट मीटर खरीदने की प्रक्रिया भी शुरू की हालांकि विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश मि सरकार बदल गई और पिछली वसुंधरा सरकार के कार्यकाल के अंतिम समय हुए इन टेंडरों को भी समीक्षा के नाम पर कैबिनेट सब कमेटी के पास पहुंचा दिया गया। मौजूदा सरकार के 8 माह के कार्यकाल में सब कमेटी की कई बार बैठक में भी हुई लेकिन अब तक यह निर्णय नहीं हो पाया कि इन टेंडरों के तहत नए स्मार्ट मीटर लिए जाए या नहीं। यदि सब कमेटी मंजूरी देती है तो करीब साढ़े 6 लाख स्मार्ट मीटर जयपुर डिस्कॉम को मिल जाएंगे, हालांकि प्रदेश में कुल विद्युत उपभोक्ता 1 करोड़ 30 लाख के करीब है।

बाईट-ए के गुप्ता,एमडी, जयपुर डिस्कॉम

(vo2)
पूर्व में हुए स्मार्ट मीटर से जुड़े टेंडर भले ही जब नेट सब कमेटी में अटके हो लेकिन डिस्कॉम ने प्रदेश में इस योजना पर अमल करने के लिए अपना काम शुरू कर दिया है। इसके लिए हाल ही में जयपुर अजमेर जोधपुर डिस्कॉम से जुड़े कई आला अधिकारी यूपी का भी करके आए हैं। जहां 50 लाख नए स्मार्ट मीटर लगाए गए है। स्मार्ट मीटर से होने वाले फायदे और उपभोक्ताओं के विचार जानने के मकसद से अधिकारी दौरा करके आए हैं। अगर राजस्थान में पूर्व में हुए टेंडर के तहत साढ़े 6 लाख स्मार्ट मीटर आते हैं तो उसे सबसे पहले अर्बन एरिया के उपभोक्ताओं को देकर कवर किया जाएगा। जयपुर डिस्कॉम के प्रबंध निदेशक एके गुप्ता के अनुसार रूलर क्षेत्र में जिन उपभोक्ताओं के वहां 200 यूनिट से अधिक बिजली की खपत है वहां स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। गुप्ता के अनुसार एनसीआर क्षेत्र में तो डेवलपर के जरिए लगभग सभी उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट मीटर लगा दिए गए हैं जबकि दिल्ली और यूपी में यह काम जोर शोर से चल रहा है।

बाईट- एके गुप्ता, एमडी, जयपुर डिस्कॉम

(vo3) स्मार्ट मीटर के यह है फायदे-

डिस्कॉम अधिकारियों के अनुसार स्मार्ट मीटर के कई फायदे हैं जिसमें आप कहीं पर भी बैठ कर अपने घर का बिजली लोड और खपत चेक करने के साथ ही बिजली सप्लाय बन्द चालू कर सकते हो तो वही स्मार्ट मीटर में प्रीपेड फीचर्स भी है। हल्की डिस्कॉम अधिकारियों के अनुसार यह काम बहुत बड़ा है इसलिए डिस्कॉम इसमें कैपिटल इन्वेस्टमेंट करने के मूड में नहीं है बल्कि किसी ना किसी डेवलपर्स के जरिए ही यह मीटर लगाने का काम दिया जाएगा और उसके एवज में 60 से 80 रुपये प्रति माह प्रति कनेक्शन 5 साल तक देने का विचार भी है। डिस्कॉम को फिलहाल इंतजार है कैबिनेट सब कमेटी के निर्णय क,जिसके बाद ही इस दिशा में आगे काम आगे बढ़ाया जा सके।

(Edited vo pkg)






Body:(Edited vo pkg)


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