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SPECIAL: जयपुर के MBA स्टूडेंट्स का प्रोजेक्ट अलाइव, एक कॉल पर ऑक्सीजन, दवा और बेड की जानकारी - Helpline number also released

जयपुर के 25 स्टूडेंट्स की एक टीम 'प्रोजेक्ट अलाइव' के जरिए एक क्लिक पर दवा, ऑक्सीजन, बेड और प्लाज्मा डोनर्स की जानकारी मुहैया करा रही है. देश के अलग-अलग कोनों के अलावा विदेशों से भी लोग कॉल कर इस सुविधा का लाभ उठा रहे हैं.

हेल्पलाइन नंबर भी जारी, जयपुर विवि के 25 विद्यार्थियों की टीम है कार्यरत, MBA Students' Project Alive, Providing oxygen, medicine, beds information
जयपुर के MBA स्टूडेंट्स का प्रोजेक्ट अलाइव
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Published : Apr 28, 2021, 9:17 PM IST

जयपुर. कोरोना संक्रमण की लगातार भयावह होती दूसरी लहर के बीच कोरोना मरीजों का आंकड़ा लगातार तेजी से बढ़ रहा है. अस्पतालों में बेड, ICU बेड, दवा और ऑक्सीजन की किल्लत से मरीजों और उनके परिजनों की भी परेशानी बढ़ रही है. ऐसे दौर में राजस्थान विश्वविद्यालय के आरए पोद्दार प्रबंध संस्थान के स्टूडेंट्स की एक टीम कोरोना मरीजों और उनके परिजनों की मदद के लिए हाथ बढ़ा रही है.

जयपुर के MBA स्टूडेंट्स का प्रोजेक्ट अलाइव

'प्रोजेक्ट अलाइव' के जरिए मदद

यह टीम अस्पतालों से संपर्क कर वहां उपलब्ध बेड, दवा, ऑक्सीजन, आईसीयू बेड और प्लाज्मा डोनर्स की जानकारी लेकर संक्रमित मरीजों और उनके परिजनों तक पहुंचा रही है. इसे 'प्रोजेक्ट अलाइव' नाम दिया गया है.

पढ़ें: SPECIAL : 1 मई से राजस्थान में वैक्सीनेशन का महाअभियान...चिकित्सा विभाग के पास पर्याप्त संसाधन, जरूरत पर सेशन साइट में होगी बढ़ोतरी

मरीजों और उनके परिजनों को राहत

राजस्थान विश्वविद्यालय के आरए पोद्दार इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के प्रशासन, स्टूडेंट्स और एक सामाजिक संस्था की ओर से तैयार इस प्रोजेक्ट के जरिए एक लाइव डाटा बेस तैयार किया जा रहा है. इसमें कोरोना के इलाज से जुड़ी सभी वेरीफाइड सूचनाओं को लोगों तक पहुंचाया जा रहा है. इससे संक्रमित मरीजों और उनके परिजनों को अस्पतालों और वहां मौजूद संसाधनों की अपडेटेड जानकारी मिल रही है.

हेल्पलाइन नंबर भी जारी, जयपुर विवि के 25 विद्यार्थियों की टीम है कार्यरत, MBA Students' Project Alive, Providing oxygen, medicine, beds information
खास-खास

इस अभियान में शामिल एक स्टूडेंट विदुषी बताती हैं कि 3 दिन में ही उनकी टीम 500 से ज्यादा लोगों की मदद कर चुकी है. इस दौरान करीब 2800 कॉल करके 150 हॉस्पिटल और 50 सप्लायर से संपर्क किया गया. कोविड मरीजों के इलाज में काम आने वाली दवाओं की जानकारी भी जुटाई जा रही है. यह जानकारी मरीजों के परिजनों तक पहुंचाई जा रही है.

पढ़ें: Special: जन अनुशासन पखवाड़े में नहीं दिखा अनुशासन, बिगड़े हालात...बेड नहीं, अब कुर्सियों पर देना पड़ रही ऑक्सीजन

देश-विदेश से आ रहे कॉल

अभी इस प्रोजेक्ट को शुरू हुए दो-तीन दिन हुए हैं. जयपुर के साथ ही देश के अलग-अलग कोनों से और विदेशों से भी कॉल आ रहे हैं. विदेशों में बैठे लोग यहां अपने रिश्तेदारों के लिए जानकारी जुटा रहे हैं. उनका कहना है कि वह दिन में तीन बार अस्पतालों और उनमें मुहैया संसाधनों के बारे में जानकारी अपडेट कर रहे हैं ताकि कोविड मरीजों और उनके परिजनों को रियल टाइम अपडेट मिल सके.

टीम से जुड़े एक छात्र अभिषेक सिंह का कहना है कि करीब 25 विद्यार्थियों की टीम इस प्रोजेक्ट पर अपने घरों से लैपटॉप और मोबाइल की मदद से काम कर रही है. यह लोग सभी हॉस्पिटल की रियल टाइम जानकारी वेबसाइट पर अपडेट कर रहे हैं. जिससे लोगों को बेड, ऑक्सीजन सिलेंडर, वेंटिलेटर और प्लाज्मा डोनर सहित अन्य जानकारी तुरंत पहुंचाने में मदद की जा सके और लोगों को अपने संक्रमित परिजनों को अस्पतालों में भर्ती करवाने के लिए इधर-उधर भटकना नहीं पड़े.

इस तरह ले सकते हैं मदद

राजस्थान विश्वविद्यालय के आरए पोद्दार प्रबंध संस्थान के प्रोफेसर भव्य सोनी का कहना है कि 'प्रोजेक्ट अलाइव' के तहत तीन मोबाइल नंबर जारी किए गए हैं. इन नंबरों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर पोस्ट किया गया है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक यह नंबर पहुंच सके. जरूरत पड़ने पर ज्यादा से ज्यादा लोग हमसे संपर्क कर जरूरी जानकारी ले सकें.

पढ़ें: SPECIAL: भरतपुर में चैरिटेबल ट्रस्ट बना रहा मेडिकल कॉलेज, गरीबों को मुफ्त इलाज

कोविड संक्रमित मरीजों के परिजन मोबाइल नंबर 9024014883, 7597398771 और 6378595814 पर कॉल कर अस्पतालों में मुहैया संसाधनों के लिए जानकारी जुटा सकते हैं. जल्द ही एक पोर्टल लांच करने की भी तैयारी है.

अब प्लाज्मा डोनेट करवाने पर खास ध्यान

प्रोफेसर भव्य सोनी बताते हैं कि कोविड संक्रमित मरीजों का प्लाज्मा थैरेपी से उपचार करने के लिए ऐसे लोगों का प्लाज्मा चाहिए होता है, जो पहले संक्रमित होकर रिकवर हो चुके हैं. प्रोजेक्ट अलाइव की टीम ऐसे लोगों से संपर्क कर रही है.

रिकवर हुए मरीजों को कर रहे मोटिवेट

रिकवर हुए मरीजों को प्लाज्मा डोनेट करने के लिए प्रोत्साहित करने पर भी अब ध्यान केंद्रित किया जा रहा है. टीम सदस्य अभिषेक सिंह का कहना है कि अबतक 50 से ज्यादा मरीजों के लिए प्लाज्मा डोनेट करवाया जा चुका है. अब ब्लड डोनेशन कैम्प लगाने वाली संस्थाओं और अन्य माध्यमों से प्लाज्मा डोनेट करने योग्य लोगों को भी चिह्नित किया जा रहा है.

जयपुर. कोरोना संक्रमण की लगातार भयावह होती दूसरी लहर के बीच कोरोना मरीजों का आंकड़ा लगातार तेजी से बढ़ रहा है. अस्पतालों में बेड, ICU बेड, दवा और ऑक्सीजन की किल्लत से मरीजों और उनके परिजनों की भी परेशानी बढ़ रही है. ऐसे दौर में राजस्थान विश्वविद्यालय के आरए पोद्दार प्रबंध संस्थान के स्टूडेंट्स की एक टीम कोरोना मरीजों और उनके परिजनों की मदद के लिए हाथ बढ़ा रही है.

जयपुर के MBA स्टूडेंट्स का प्रोजेक्ट अलाइव

'प्रोजेक्ट अलाइव' के जरिए मदद

यह टीम अस्पतालों से संपर्क कर वहां उपलब्ध बेड, दवा, ऑक्सीजन, आईसीयू बेड और प्लाज्मा डोनर्स की जानकारी लेकर संक्रमित मरीजों और उनके परिजनों तक पहुंचा रही है. इसे 'प्रोजेक्ट अलाइव' नाम दिया गया है.

पढ़ें: SPECIAL : 1 मई से राजस्थान में वैक्सीनेशन का महाअभियान...चिकित्सा विभाग के पास पर्याप्त संसाधन, जरूरत पर सेशन साइट में होगी बढ़ोतरी

मरीजों और उनके परिजनों को राहत

राजस्थान विश्वविद्यालय के आरए पोद्दार इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के प्रशासन, स्टूडेंट्स और एक सामाजिक संस्था की ओर से तैयार इस प्रोजेक्ट के जरिए एक लाइव डाटा बेस तैयार किया जा रहा है. इसमें कोरोना के इलाज से जुड़ी सभी वेरीफाइड सूचनाओं को लोगों तक पहुंचाया जा रहा है. इससे संक्रमित मरीजों और उनके परिजनों को अस्पतालों और वहां मौजूद संसाधनों की अपडेटेड जानकारी मिल रही है.

हेल्पलाइन नंबर भी जारी, जयपुर विवि के 25 विद्यार्थियों की टीम है कार्यरत, MBA Students' Project Alive, Providing oxygen, medicine, beds information
खास-खास

इस अभियान में शामिल एक स्टूडेंट विदुषी बताती हैं कि 3 दिन में ही उनकी टीम 500 से ज्यादा लोगों की मदद कर चुकी है. इस दौरान करीब 2800 कॉल करके 150 हॉस्पिटल और 50 सप्लायर से संपर्क किया गया. कोविड मरीजों के इलाज में काम आने वाली दवाओं की जानकारी भी जुटाई जा रही है. यह जानकारी मरीजों के परिजनों तक पहुंचाई जा रही है.

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देश-विदेश से आ रहे कॉल

अभी इस प्रोजेक्ट को शुरू हुए दो-तीन दिन हुए हैं. जयपुर के साथ ही देश के अलग-अलग कोनों से और विदेशों से भी कॉल आ रहे हैं. विदेशों में बैठे लोग यहां अपने रिश्तेदारों के लिए जानकारी जुटा रहे हैं. उनका कहना है कि वह दिन में तीन बार अस्पतालों और उनमें मुहैया संसाधनों के बारे में जानकारी अपडेट कर रहे हैं ताकि कोविड मरीजों और उनके परिजनों को रियल टाइम अपडेट मिल सके.

टीम से जुड़े एक छात्र अभिषेक सिंह का कहना है कि करीब 25 विद्यार्थियों की टीम इस प्रोजेक्ट पर अपने घरों से लैपटॉप और मोबाइल की मदद से काम कर रही है. यह लोग सभी हॉस्पिटल की रियल टाइम जानकारी वेबसाइट पर अपडेट कर रहे हैं. जिससे लोगों को बेड, ऑक्सीजन सिलेंडर, वेंटिलेटर और प्लाज्मा डोनर सहित अन्य जानकारी तुरंत पहुंचाने में मदद की जा सके और लोगों को अपने संक्रमित परिजनों को अस्पतालों में भर्ती करवाने के लिए इधर-उधर भटकना नहीं पड़े.

इस तरह ले सकते हैं मदद

राजस्थान विश्वविद्यालय के आरए पोद्दार प्रबंध संस्थान के प्रोफेसर भव्य सोनी का कहना है कि 'प्रोजेक्ट अलाइव' के तहत तीन मोबाइल नंबर जारी किए गए हैं. इन नंबरों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर पोस्ट किया गया है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक यह नंबर पहुंच सके. जरूरत पड़ने पर ज्यादा से ज्यादा लोग हमसे संपर्क कर जरूरी जानकारी ले सकें.

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कोविड संक्रमित मरीजों के परिजन मोबाइल नंबर 9024014883, 7597398771 और 6378595814 पर कॉल कर अस्पतालों में मुहैया संसाधनों के लिए जानकारी जुटा सकते हैं. जल्द ही एक पोर्टल लांच करने की भी तैयारी है.

अब प्लाज्मा डोनेट करवाने पर खास ध्यान

प्रोफेसर भव्य सोनी बताते हैं कि कोविड संक्रमित मरीजों का प्लाज्मा थैरेपी से उपचार करने के लिए ऐसे लोगों का प्लाज्मा चाहिए होता है, जो पहले संक्रमित होकर रिकवर हो चुके हैं. प्रोजेक्ट अलाइव की टीम ऐसे लोगों से संपर्क कर रही है.

रिकवर हुए मरीजों को कर रहे मोटिवेट

रिकवर हुए मरीजों को प्लाज्मा डोनेट करने के लिए प्रोत्साहित करने पर भी अब ध्यान केंद्रित किया जा रहा है. टीम सदस्य अभिषेक सिंह का कहना है कि अबतक 50 से ज्यादा मरीजों के लिए प्लाज्मा डोनेट करवाया जा चुका है. अब ब्लड डोनेशन कैम्प लगाने वाली संस्थाओं और अन्य माध्यमों से प्लाज्मा डोनेट करने योग्य लोगों को भी चिह्नित किया जा रहा है.

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