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सुप्रीम कोर्ट की रोक : तीन साल तक की सजा मामले के आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं करने के आदेश पर रोक

सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाईकोर्ट के गत 17 मई के उस आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है, जिसमें डीजीपी को अधिकतम तीन साल की सजा वाले अपराध के आरोपियों को आगामी 17 जुलाई तक गिरफ्तार नहीं करने के निर्देश दिए गए थे.

Supreme Court's decision on the High Court
राजस्थान हाईकोर्ट फैसले पर सुप्रीम कोर्ट की रोक
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Published : May 25, 2021, 9:52 PM IST

जयपुर. सुप्रीम कोर्ट ने इसके साथ ही ऐसे मामलों में पेश अग्रिम जमानत याचिकाओं को सूचीबद्ध नहीं करने के संबंध में दिए हाईकोर्ट के निर्देश पर भी रोक लगाई है. सुप्रीम कोर्ट की अवकाशकालीन पीठ ने यह आदेश राजस्थान हाईकोर्ट प्रशासन की ओर से दायर एसएलपी पर दिए.

एसएलपी में कहा गया कि हाईकोर्ट की एकलपीठ के आदेश को लागू करने में परेशानी हो रही है और बाद में जमानत याचिकाएं लंबित हो जाएगी. पिछले साल भी लॉकडाउन के दौरान समान एकलपीठ ने जमानत याचिकाओं को सूचीबद्ध नहीं करने के निर्देश दिए थे. उस पर भी सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व में रोक लगाई थी.

पढ़ें- Special: कोरोना की दूसरी लहर ने बिगाड़ा टूर एंड ट्रेवल्स उद्योग का गणित

वहीं राज्य सरकार की ओर से भी हाईकोर्ट प्रशासन की दलीलों का समर्थन किया गया. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने हाईकोर्ट की एकलपीठ के आदेश पर रोक लगाते हुए मामले को पिछली साल दायर की गई एसएलपी के साथ ही सूचीबद्द करने के आदेश दिए हैं.

गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने थानसिंह की अग्रिम जमानत याचिक पर सुनवाई करते हुए डीजपी को निर्देश दिए थे कि वह तीन साल तक की सजा वाले अपराध के आरोपियों को आगामी 17 जुलाई तक गिरफ्तार नहीं करे और हाइकोर्ट प्रशासन ऐसी अग्रिम जमानत याचिकाओं को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध भी न करें.

जयपुर. सुप्रीम कोर्ट ने इसके साथ ही ऐसे मामलों में पेश अग्रिम जमानत याचिकाओं को सूचीबद्ध नहीं करने के संबंध में दिए हाईकोर्ट के निर्देश पर भी रोक लगाई है. सुप्रीम कोर्ट की अवकाशकालीन पीठ ने यह आदेश राजस्थान हाईकोर्ट प्रशासन की ओर से दायर एसएलपी पर दिए.

एसएलपी में कहा गया कि हाईकोर्ट की एकलपीठ के आदेश को लागू करने में परेशानी हो रही है और बाद में जमानत याचिकाएं लंबित हो जाएगी. पिछले साल भी लॉकडाउन के दौरान समान एकलपीठ ने जमानत याचिकाओं को सूचीबद्ध नहीं करने के निर्देश दिए थे. उस पर भी सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व में रोक लगाई थी.

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वहीं राज्य सरकार की ओर से भी हाईकोर्ट प्रशासन की दलीलों का समर्थन किया गया. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने हाईकोर्ट की एकलपीठ के आदेश पर रोक लगाते हुए मामले को पिछली साल दायर की गई एसएलपी के साथ ही सूचीबद्द करने के आदेश दिए हैं.

गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने थानसिंह की अग्रिम जमानत याचिक पर सुनवाई करते हुए डीजपी को निर्देश दिए थे कि वह तीन साल तक की सजा वाले अपराध के आरोपियों को आगामी 17 जुलाई तक गिरफ्तार नहीं करे और हाइकोर्ट प्रशासन ऐसी अग्रिम जमानत याचिकाओं को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध भी न करें.

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