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दूसरे राज्यों से आए श्रमिकों के सामने गहराया रोजी-रोटी का संकट, वापस लौटने को भी तरसे - लॉकडाउन में दिहाड़ी मजदूर

मंगलवार रात 12 बजे से प्रधानमंत्री ने पूरे देश में लॉकडाउन जारी कर दिया है. वहीं राजस्थान में मंगलवार से पहले भी लॉकडाउन जारी था. जिसके चलते यहां दूसरे राज्यों से आए दिहाड़ी मजदूरों पर रोटी का संकट मंडरा रहा है.

दिहाड़ी मजदूरों पर मुसीबत, problems of wage laborers
दिहाड़ी मजदूरों पर मुसीबत
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Published : Mar 25, 2020, 12:42 PM IST

जयपुर. राजस्थान सहित पूरे देश में लॉकडाउन की स्थिति बनी हुई है. जिसके बाद कोरोना वायरस के कहर से बचने के लिए अब लोगों को घरों पर ही रहना होगा. इस पूरी स्थिति में दिहाड़ी पर काम करने आए दूसरे राज्यों के मजदूरों पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है. पहले तो उन्हें रोटी कमाने को काम नहीं मिल रहा. साथ ही भारतीय रेल बंद होने के कारण अपने राज्य वापस लौटने के लिए भी कोई रास्ता सामने नहीं है.

दिहाड़ी मजदूरों पर मुसीबत बनकर टूटा लॉकडाउन

बता दें कि राजस्थान सरकार श्रम विभाग में रजिस्टर्ड 25 लाख मजदूरों को सहायता के तौर पर एक हजार रुपए दे रही है. लेकिन ऐसी स्थिति में अनरजिस्टर्ड श्रमिकों के पास अपनी मुसीबतों का कोई हल नहीं है.

पढ़ें: COVID-19: जोधपुर में कोरोना पॉजिटिव का चौथा मामला, प्रदेश में संक्रमित लोगों की संख्या हुई 33

इन मजदूरों की प्रधानमंत्री से अपील है कि इन्हें किसी भी तरीके से इनके राज्यों में वापस जाने का मौका दिया जाए. बुधवार को जिले में चौखटी पर ये दिहाड़ी मजदूर किसी समाजिक संगठन या मददगारों से खाना मिलने की उम्मीद में बैठे नजर आए. जिससे इनका बीते कई दिनों से काम चल रहा है.

गौरतलब है कि ये तमाम मजदूर अपने मुंह को बांधकर और बकायदा आपस में कुछ दूरी बनाकर बैठे हैं. इनका कहना है कि किसी तरीके से अगर उन्हें अपने राज्यों में लौटने का मौका मिल जाए, तो वह भी अपने घरों में बंद हो जाएंगे.

जयपुर. राजस्थान सहित पूरे देश में लॉकडाउन की स्थिति बनी हुई है. जिसके बाद कोरोना वायरस के कहर से बचने के लिए अब लोगों को घरों पर ही रहना होगा. इस पूरी स्थिति में दिहाड़ी पर काम करने आए दूसरे राज्यों के मजदूरों पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है. पहले तो उन्हें रोटी कमाने को काम नहीं मिल रहा. साथ ही भारतीय रेल बंद होने के कारण अपने राज्य वापस लौटने के लिए भी कोई रास्ता सामने नहीं है.

दिहाड़ी मजदूरों पर मुसीबत बनकर टूटा लॉकडाउन

बता दें कि राजस्थान सरकार श्रम विभाग में रजिस्टर्ड 25 लाख मजदूरों को सहायता के तौर पर एक हजार रुपए दे रही है. लेकिन ऐसी स्थिति में अनरजिस्टर्ड श्रमिकों के पास अपनी मुसीबतों का कोई हल नहीं है.

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इन मजदूरों की प्रधानमंत्री से अपील है कि इन्हें किसी भी तरीके से इनके राज्यों में वापस जाने का मौका दिया जाए. बुधवार को जिले में चौखटी पर ये दिहाड़ी मजदूर किसी समाजिक संगठन या मददगारों से खाना मिलने की उम्मीद में बैठे नजर आए. जिससे इनका बीते कई दिनों से काम चल रहा है.

गौरतलब है कि ये तमाम मजदूर अपने मुंह को बांधकर और बकायदा आपस में कुछ दूरी बनाकर बैठे हैं. इनका कहना है कि किसी तरीके से अगर उन्हें अपने राज्यों में लौटने का मौका मिल जाए, तो वह भी अपने घरों में बंद हो जाएंगे.

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