जयपुर. राजस्थान में अब कोई भी प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसी अपने नाम के साथ डिटेक्टिव, इन्वेस्टिगेशन जैसे शब्दों का प्रयोग नहीं कर सकेगी. इसको लेकर राजस्थान प्राइवेट सुरक्षा एजेंसी नियम 2006 में संशोधन किया गया है. नियमों में संशोधन को लेकर राजस्थान गृह रक्षा कार्यालय के नियंत्रण प्राधिकारी राजीव दासोत द्वारा राजस्थान राजपत्र में अधिसूचना जारी की गई है.
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वहीं, जिन भी प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसी और निजी सुरक्षा प्रशिक्षण संस्थान द्वारा इन शब्दों का प्रयोग किया जा रहा है. उन्हें उनके नाम में से इन शब्दों को तुरंत प्रभाव से हटाने के निर्देश दिए गए हैं. गृह रक्षा राजस्थान कार्यालय के नियंत्रण प्राधिकारी राजीव दासोत ने 17 अगस्त को राजस्थान राज्य पत्र में अधिसूचना जारी करते हुए राजस्थान प्राइवेट सुरक्षा एजेंसी नियम 2006 के नियम 5 में संशोधन किया है.
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इसके तहत अब प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसी अपने नाम में डिटेक्टिव, इन्वेस्टिगेशन, सर्विलांस, इंटेलिजेंस, इंटेरोगेशन, फैसिलिटी, लेबर सप्लायर सहित अन्य शब्दों का प्रयोग नहीं कर सकेगी. इसके साथ ही जिन प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसी या निजी सुरक्षा प्रशिक्षण संस्थान द्वारा इन शब्दों का प्रयोग किया जा रहा है, उन्हें अपने नाम में संशोधन कराते हुए इन शब्दों को हटाने के निर्देश दिए गए हैं.
साथ ही एक माह का वक्त भी दिया गया है. जिसके 1 माह बाद भी प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसी या निजी सुरक्षा प्रशिक्षण संस्थान द्वारा इन शब्दों का प्रयोग किया जाता है, तो फिर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.