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जयपुर : फीस को लेकर निजी स्कूल संचालकों का आंदोलन शुरू, अनिश्चितकाल के लिए बंद की Online क्लासेज

फीस के मुद्दे को लेकर निजी स्कूल संचालकों ने आंदोलन शुरू कर दिया है. निजी स्कूल संचालकों ने गुरुवार से अनिश्चितकालीन बंद की शुरुआत कर दी है और फीस नहीं मिलने तक ऑनलाइन क्लासेज बंद रखने का निर्णय किया है. इस बंद को प्रदेश के करीब 50 हजार स्कूल संचालकों ने समर्थन दिया है.

Online Classes Closed in Rajasthan, Private School Operators Movement
फीस को लेकर निजी स्कूल संचालकों का आंदोलन शुरू
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Published : Nov 5, 2020, 7:16 PM IST

जयपुर. निजी स्कूल संचालकों और अभिभावकों के बीच फीस मुद्दे को लेकर टकराव लगातार जारी है. इस मुद्दे को लेकर अभिभावक लगातार आंदोलन कर रहे हैं और अब निजी स्कूल संचालकों ने भी फीस भुगतान को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया है. निजी स्कूल संचालकों ने गुरुवार से अनिश्चितकालीन बंद की शुरुआत कर दी है और फीस का भुगतान नहीं होने पर ऑनलाइन क्लासेज को बंद कर दिया है.

फीस को लेकर निजी स्कूल संचालकों का आंदोलन शुरू

इस अनिश्चितकालीन बंद को प्रदेश के करीब 50 हजार स्कूल संचालकों ने अपना समर्थन दिया है. इस आंदोलन के तहत गुरुवार को निजी स्कूल संचालकों ने सांकेतिक रूप से कलेक्ट्रेट सर्किल पर धरना दिया और मानव श्रृंखला बनाकर अपना विरोध जताया. निजी स्कूल संचालक गुरुवार को जयपुर जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे और यहां सांकेतिक धरना देकर अपना विरोध जताया. मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा गया. फोरम ऑफ प्राइवेट स्कूल ऑफ राजस्थान, स्कूल शिक्षा संघर्ष समिति और स्कूल शिक्षा परिवार की ओर से यह आंदोलन चलाया जा रहा है.

पढ़ें- गुलाबी नगरी में सियासी उलटफेर...गुर्जर के एलान पर भड़के धाबाई के समर्थक

फोरम के संदीप बख्शी ने कहा कि पिछले 8 महीने से निजी स्कूल संचालकों का फीस का भुगतान नहीं हुआ है, इसके चलते निजी स्कूलों के सामने बड़ा आर्थिक संकट पैदा हो गया है. प्रदेश के 50 हजार निजी स्कूलों के करीब 11 लाख स्टाफ को वेतन का भुगतान नहीं हो पाया है, जिसके चलते स्टाफ के सामने नौकरी जाने का भी संकट खड़ा हुआ है. उन्होंने मांग की कि सरकार या तो वेतन का भुगतान करवाए या फिर निजी स्कूलों का स्कूल खोलने तक राहत फंड की घोषणा करे.

वहीं, शिक्षा बचाओ संघर्ष समिति की अध्यक्ष हेमलता शर्मा ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों की हालत और भी ज्यादा खराब है. इस आर्थिक संकट के चलते अब तक 16 स्कूल संचालक आत्महत्या कर चुके हैं, सरकार जल्द ही कोई कदम नहीं उठाती है तो 50 हजार स्कूल संचालकों के परिवारों के साथ जयपुर में प्रदर्शन करेंगे.

पढ़ें- गुर्जर आंदोलन के कारण रेलवे ने बदले इन ट्रेनों के रूट

स्कूल शिक्षा परिवार के अध्यक्ष अनिल शर्मा ने बताया कि इस संबंध में राज्य सरकार से भी कई बार गुहार लगा चुके हैं, लेकिन सरकार ने भी हमारी सुनवाई नहीं की. सरकार कुछ न कुछ बहाने बनाकर इस मामले को टालती रही है. वेतन नहीं मिलने के कारण शिक्षकों ने काम करने से भी इनकार कर दिया है, लेकिन हम चाहते हैं कि सरकार कोई रास्ता निकाले, ताकि बच्चों की पढ़ाई का नुकसान नहीं हो. अनिल शर्मा ने मांग की कि इस संबंध में मुख्यमंत्री दखल दें और बैठ कर बात करें, ताकि शिक्षक भी दिवाली मना सकें.

जयपुर. निजी स्कूल संचालकों और अभिभावकों के बीच फीस मुद्दे को लेकर टकराव लगातार जारी है. इस मुद्दे को लेकर अभिभावक लगातार आंदोलन कर रहे हैं और अब निजी स्कूल संचालकों ने भी फीस भुगतान को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया है. निजी स्कूल संचालकों ने गुरुवार से अनिश्चितकालीन बंद की शुरुआत कर दी है और फीस का भुगतान नहीं होने पर ऑनलाइन क्लासेज को बंद कर दिया है.

फीस को लेकर निजी स्कूल संचालकों का आंदोलन शुरू

इस अनिश्चितकालीन बंद को प्रदेश के करीब 50 हजार स्कूल संचालकों ने अपना समर्थन दिया है. इस आंदोलन के तहत गुरुवार को निजी स्कूल संचालकों ने सांकेतिक रूप से कलेक्ट्रेट सर्किल पर धरना दिया और मानव श्रृंखला बनाकर अपना विरोध जताया. निजी स्कूल संचालक गुरुवार को जयपुर जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे और यहां सांकेतिक धरना देकर अपना विरोध जताया. मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा गया. फोरम ऑफ प्राइवेट स्कूल ऑफ राजस्थान, स्कूल शिक्षा संघर्ष समिति और स्कूल शिक्षा परिवार की ओर से यह आंदोलन चलाया जा रहा है.

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फोरम के संदीप बख्शी ने कहा कि पिछले 8 महीने से निजी स्कूल संचालकों का फीस का भुगतान नहीं हुआ है, इसके चलते निजी स्कूलों के सामने बड़ा आर्थिक संकट पैदा हो गया है. प्रदेश के 50 हजार निजी स्कूलों के करीब 11 लाख स्टाफ को वेतन का भुगतान नहीं हो पाया है, जिसके चलते स्टाफ के सामने नौकरी जाने का भी संकट खड़ा हुआ है. उन्होंने मांग की कि सरकार या तो वेतन का भुगतान करवाए या फिर निजी स्कूलों का स्कूल खोलने तक राहत फंड की घोषणा करे.

वहीं, शिक्षा बचाओ संघर्ष समिति की अध्यक्ष हेमलता शर्मा ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों की हालत और भी ज्यादा खराब है. इस आर्थिक संकट के चलते अब तक 16 स्कूल संचालक आत्महत्या कर चुके हैं, सरकार जल्द ही कोई कदम नहीं उठाती है तो 50 हजार स्कूल संचालकों के परिवारों के साथ जयपुर में प्रदर्शन करेंगे.

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स्कूल शिक्षा परिवार के अध्यक्ष अनिल शर्मा ने बताया कि इस संबंध में राज्य सरकार से भी कई बार गुहार लगा चुके हैं, लेकिन सरकार ने भी हमारी सुनवाई नहीं की. सरकार कुछ न कुछ बहाने बनाकर इस मामले को टालती रही है. वेतन नहीं मिलने के कारण शिक्षकों ने काम करने से भी इनकार कर दिया है, लेकिन हम चाहते हैं कि सरकार कोई रास्ता निकाले, ताकि बच्चों की पढ़ाई का नुकसान नहीं हो. अनिल शर्मा ने मांग की कि इस संबंध में मुख्यमंत्री दखल दें और बैठ कर बात करें, ताकि शिक्षक भी दिवाली मना सकें.

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