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जयपुर: प्राइवेट बस ऑपरेटर्स एसोसिएशन ने सरकार से की 11 सूत्रीय मांग

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Published : Aug 24, 2020, 6:42 PM IST

कोरोना के चलते परिवहन पर भी खासा असर पड़ा है. इसी को देखते हुए एक बार फिर से प्राइवेट बस ऑपरेटर्स एसोसिएशन ने ट्रांसपोटर्स को राहत देने की मांग की है. फिलहाल, इससे पहले भी ट्रांसपोटर्स को परिवहन विभाग मदद कर रहा है.

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बस ऑपरेटर्स की सरकार से 11 सूत्रीय मांग

जयपुर. देश भर में कोरोना का कहर लगातार बना हुआ है. इसके चलते देश की अर्थव्यवस्था भी बिगड़ गई है. इस बीच सड़कों पर प्राइवेट वाहन भी नहीं चल पा रहे हैं. वहीं कोरोना का सबसे ज्यादा असर ट्रांसपोर्टेशन पर देखने को मिला है. ऐसे में जहां परिवहन विभाग के द्वारा लगातार ट्रांसपोटर्स को राहत दी गई है. वहीं अब ट्रांसपोटर्स के द्वारा एक बार फिर राहत देने की मांग की जा रही है.

बस ऑपरेटर्स की सरकार से 11 सूत्रीय मांग

प्राइवेट बस ऑपरेटर्स एसोसिएशन स्टेज कैरिज के अध्यक्ष कैलाश चंद शर्मा ने बताया कि हमारी बस ऑपरेटर की जो समस्या है, वह बहुत ही कठिन परिस्थितियों में है. राज्य सरकार के द्वारा हमें तीन माह के टैक्स माफी और 3 माह के टैक्स में राहत दी थी. साथ ही कहा गया था कि अभी सरकार द्वारा इस सहायता का उपयोग कीजिए. यदि बसों के संचालन में किसी तरह की कोई परेशानी आएगी तो सरकार हमेशा आपके साथ खड़ी रहेगी.

यह भी पढ़ेंः अजमेर में किसानों का 'हल्ला बोल' जारी, रैली निकालकर संभागीय आयुक्त को सौंपा मांग पत्र

कैलाश चंद शर्मा ने कहा कि मार्च महीने से बस ऑपरेटर्स की बसें खड़ी हुई हैं और यात्री भार नहीं होने की वजह से सड़कों पर बसें नहीं चल पा रही हैं. बसों को चलाना सड़कों पर मुश्किल हो रहा है. ऐसे में सरकार को राहत देनी चाहिए. शर्मा ने कहा कि हमने आरसी सरेंडर की भी बात कही, लेकिन विभाग के द्वारा आरसी सरेंडर भी नहीं की जा रही है. उन्होंने कहा कि जो बसें यात्री भार के अभाव में नहीं चल पा रही हैं, उसका टैक्स बस ऑपरेटर नहीं दे पाएंगे. ऐसे में शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से लेकर परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास से भी आग्रह किया गया है. मंत्री के द्वारा राहत देने का आश्वासन दिया गया था. लेकिन अब मंत्री के द्वारा भी राहत नहीं दी जा रही है.

ये है प्राइवेट बस ऑपरेटर्स की 11 सूत्रीय मांग

  • समस्त स्टेट कैरिज बसों का 1 साल तक का टैक्स माफ किया जाए.
  • बिना शर्त आरसी सरेंडर की जाए.
  • स्टेट कैरिज बसों का 50 किलोमीटर का स्लैब बनाया जाए.
  • परमिट शर्तों के उल्लंघन का जुर्माना कम कर, अवैध रूप से वसूला जा रहा एक माह का अतिरिक्त कर बंद किया जाए.
  • वाहन के सारे दस्तावेज आरसी परमिट फिटनेस पॉल्यूशन बीमा अवधि बढ़ाकर एक साल किया जाए.
  • पेट्रोल और डीजल के दामों में कमी की जाए.
  • जिला परिवहन कार्यालय के फिटनेस सेंटर दोबारा चालू किए जाए.
  • बस मालिक, चालक और परिचालकों के लिए जारी हो आर्थिक पैकेज.
  • लोक परिवहन सेवा की बसों की मॉडल कंडीशन रोडवेज और ठेका गाड़ी स्लीपर बसों की हो सामान.
  • अराष्ट्रीयकृत मार्गों को राष्ट्रीयकरण करने की परिवहन मंत्री की घोषणा को वापस लेकर निरस्त कर लोक परिवहन सेवा की बसों को अनुज्ञा पत्र रिन्यूअल किया जाए
  • राज्य सरकार कोरोना काल में बसों की मौड़ी मॉडल कंडीशन को बढ़ाकर पांच साल तक किया जाए

जयपुर. देश भर में कोरोना का कहर लगातार बना हुआ है. इसके चलते देश की अर्थव्यवस्था भी बिगड़ गई है. इस बीच सड़कों पर प्राइवेट वाहन भी नहीं चल पा रहे हैं. वहीं कोरोना का सबसे ज्यादा असर ट्रांसपोर्टेशन पर देखने को मिला है. ऐसे में जहां परिवहन विभाग के द्वारा लगातार ट्रांसपोटर्स को राहत दी गई है. वहीं अब ट्रांसपोटर्स के द्वारा एक बार फिर राहत देने की मांग की जा रही है.

बस ऑपरेटर्स की सरकार से 11 सूत्रीय मांग

प्राइवेट बस ऑपरेटर्स एसोसिएशन स्टेज कैरिज के अध्यक्ष कैलाश चंद शर्मा ने बताया कि हमारी बस ऑपरेटर की जो समस्या है, वह बहुत ही कठिन परिस्थितियों में है. राज्य सरकार के द्वारा हमें तीन माह के टैक्स माफी और 3 माह के टैक्स में राहत दी थी. साथ ही कहा गया था कि अभी सरकार द्वारा इस सहायता का उपयोग कीजिए. यदि बसों के संचालन में किसी तरह की कोई परेशानी आएगी तो सरकार हमेशा आपके साथ खड़ी रहेगी.

यह भी पढ़ेंः अजमेर में किसानों का 'हल्ला बोल' जारी, रैली निकालकर संभागीय आयुक्त को सौंपा मांग पत्र

कैलाश चंद शर्मा ने कहा कि मार्च महीने से बस ऑपरेटर्स की बसें खड़ी हुई हैं और यात्री भार नहीं होने की वजह से सड़कों पर बसें नहीं चल पा रही हैं. बसों को चलाना सड़कों पर मुश्किल हो रहा है. ऐसे में सरकार को राहत देनी चाहिए. शर्मा ने कहा कि हमने आरसी सरेंडर की भी बात कही, लेकिन विभाग के द्वारा आरसी सरेंडर भी नहीं की जा रही है. उन्होंने कहा कि जो बसें यात्री भार के अभाव में नहीं चल पा रही हैं, उसका टैक्स बस ऑपरेटर नहीं दे पाएंगे. ऐसे में शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से लेकर परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास से भी आग्रह किया गया है. मंत्री के द्वारा राहत देने का आश्वासन दिया गया था. लेकिन अब मंत्री के द्वारा भी राहत नहीं दी जा रही है.

ये है प्राइवेट बस ऑपरेटर्स की 11 सूत्रीय मांग

  • समस्त स्टेट कैरिज बसों का 1 साल तक का टैक्स माफ किया जाए.
  • बिना शर्त आरसी सरेंडर की जाए.
  • स्टेट कैरिज बसों का 50 किलोमीटर का स्लैब बनाया जाए.
  • परमिट शर्तों के उल्लंघन का जुर्माना कम कर, अवैध रूप से वसूला जा रहा एक माह का अतिरिक्त कर बंद किया जाए.
  • वाहन के सारे दस्तावेज आरसी परमिट फिटनेस पॉल्यूशन बीमा अवधि बढ़ाकर एक साल किया जाए.
  • पेट्रोल और डीजल के दामों में कमी की जाए.
  • जिला परिवहन कार्यालय के फिटनेस सेंटर दोबारा चालू किए जाए.
  • बस मालिक, चालक और परिचालकों के लिए जारी हो आर्थिक पैकेज.
  • लोक परिवहन सेवा की बसों की मॉडल कंडीशन रोडवेज और ठेका गाड़ी स्लीपर बसों की हो सामान.
  • अराष्ट्रीयकृत मार्गों को राष्ट्रीयकरण करने की परिवहन मंत्री की घोषणा को वापस लेकर निरस्त कर लोक परिवहन सेवा की बसों को अनुज्ञा पत्र रिन्यूअल किया जाए
  • राज्य सरकार कोरोना काल में बसों की मौड़ी मॉडल कंडीशन को बढ़ाकर पांच साल तक किया जाए
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