जयपुर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से गुरुवार सुबह 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रट कॉरिडोर के 306 किलोमीटर लंबे न्यू रेवाड़ी न्यू मदार खंड को देश के लिए समर्पित किया जाएगा. इस दौरान प्रधानमंत्री न्यू अटेली से न्यू किशनगढ़ के लिए इलेक्ट्रिक ट्रेक्शन से चलने वाली 1.5 किलोमीटर लंबी दुनिया की पहली long-haul कंटेनर ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे.
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल, राजस्थान और हरियाणा के राज्यपाल और मुख्यमंत्री भी उपस्थित रहेंगे. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 दिसंबर 2020 को ईडीएफसी के 351 किलोमीटर लंबे खंड का लोकार्पण किया था.
बता दें कि डब्ल्यूबीएफसी के इस खंड में हरियाणा के महेंद्रगढ़ और रेवाड़ी जिले भी शामिल है. राजस्थान के जयपुर, अजमेर, सीकर, नागौर, अलवर जिले से होकर ये गुजर रहा है. इसमें नवनिर्मित स्टेशन भी शामिल हैं. इसमें न्यू भागेगा, न्यू श्रीमाधोपुर, मलिकपुर, न्यू सुकून और न्यू किशनगढ़ क्रॉसिंग स्टेशन है. रेवाड़ी न्यू अटेली फुलेरा जंक्शन स्टेशन है.
बता दें कि उत्तर पश्चिम रेलवे की ओर से ये कार्यक्रम किशनगढ़ में आयोजित किया जाएगा. रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस रूट पर 7 जनवरी को एक ट्रेन अजमेर से न्यू किशनगढ़ और एक ट्रेन अलवर के पास कठवास से चलेगी. ट्रेन इस रूट पर संचालित होने वाली पहली डबल स्टेप मालगाड़ी होगी. जिनकी लंबाई करीब 1.5 किलोमीटर यानी दो मालगाड़ी के बराबर होगी. कॉरिडोर में संचालित होने वाली गुड्स ऑटो सिगनलिंग सिस्टम पर नॉनस्टॉप संचालित होगी. इस रूट के शुरू होने के बाद मुंबई से अहमदाबाद से दिल्ली आने वाली गुड्स ट्रेन अजमेर के बाद फ्रेट कॉरिडोर से ही संचालित होगी.
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माल गाड़ियों की औसत गति 70 किलोमीटर प्रति घंटे होगी
फ्रेट कॉरिडोर से भारतीय रेलवे पट्टियों पर 75 किलोमीटर प्रति घंटे की मौजूदा अधिकतम गति के मुकाबले 100 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम गति से मालगाड़ी चल सकेगी. ऐसे में जिन माल गाड़ियों को स्टेशनों पर जाते आते वक्त क्रॉसिंग के समय काफी वक्त लगता था, तो वो वक्त अब खत्म हो जाएगा और समय के साथ रेलवे के राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी.
मार्बल, नमक और टाइल्स उद्योग के व्यापारी के लिए है खुशखबरी
बता दे कि सांभर के नमक उद्योग, किशनगढ़ के मार्बल उद्योग और सीकर जिले के श्रीमाधोपुर के पत्थर उद्योग को फायदा मिलेगा. स्टेशन के आस-पास के परिवहन को इस कॉरिडोर से लाभ होगा. पत्थर का स्टॉक, फेल्सपार पाउडर का टाइल्स निर्माण में उपयोग होता है. सीकर जिले के स्टेशन के आस-पास का इलाका काफी समृद्ध है. उसके परिवहन को भी इस कॉरिडोर से फायदा होगा. अभी राज्य का 227 किलोमीटर शामिल होगा और दूसरे चरण में अजमेर से पालनपुर को जोड़ा जाएगा अभी जहां मार्बल और सीमेंट उद्योग शामिल है.