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पुजारी मौत मामला: पूनिया ने किया धरना समाप्त करने का एलान, मीणा और चतुर्वेदी ने कहा- देर से ही सही लेकिन दुरुस्त आई सरकार - Rajasthan News

पुजारी मौत मामले में जयपुर के सिविल लाइंस फाटक पर चल रहा धरना रविवार को समाप्त हो गया. मामले में रविवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने धरना समाप्त करने का एलान किया. सांसद किरोड़ी लाल मीणा और भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि सरकार देर आई, लेकिन दुरुस्त आई.

Priest death case in Rajasthan,  Priest death case
पुजारी मौत मामला
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Published : Apr 11, 2021, 3:26 PM IST

जयपुर. महुआ पुजारी शंभू दयाल की मौत के मामले में जयपुर के सिविल लाइंस फाटक पर चल रहा धरना रविवार को सरकार से हुई वार्ता के बाद समाप्त कर दिया गया. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने धरना स्थल पर सांसद किरोड़ी लाल मीणा, रामचरण बोहरा और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी की मौजूदगी में धरना समाप्त की घोषणा की. इसके बाद पुलिस ने मृतक पुजारी के शव को पोस्टमार्टम के लिए एसएमएस अस्पताल भिजवाया, जहां से शव को पुजारी के पैतृक गांव में ले जाकर अंत्येष्टि कराई जाएगी.

सरकार ने सभी मांगें मान ली है

पढ़ें- Exclusive: पुजारी मौत मामले पर बोले कटारिया- अभियुक्त को नहीं पकड़ेंगे तो लोकतंत्र में विरोध करना अधिकार

सरकार ने सभी मांगें मान ली है

वहीं, सरकार से वार्ता के बाद धरना स्थल पर मीडिया से रूबरू हुए भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि देर से ही सही लेकिन सरकार ने प्रतिनिधिमंडल से वार्ता के दौरान सभी मांगें मान ली. मीणा के अनुसार ऐसी कोई मांग नहीं थी जिसके लिए सरकार इतने दिन लगाते हैं, लेकिन काफी लंबा समय लगा और आखिरकार आंदोलनकारियों की मांग सरकार ने मान ली. मीणा ने यह भी कहा कि सरकार की निरंकुशता ही है कि 100 जूते भी खाए, प्याज भी खाए और काम भी करना पड़ा.

वहीं, पूर्व कैबिनेट मंत्री और भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी ने भी सकारात्मक वातावरण में सरकार की ओर से वार्ता करने और संपूर्ण मांग माने जाने की बात कही. चतुर्वेदी ने कहा कि प्रदेश में मंदिर माफी की जमीनों पर से अतिक्रमण हटाए जाने के लिए सख्त कानून भी बनाया जाएगा. इस कानून की अनुशंसा के लिए सरकार जल्द ही एक कमेटी का गठन करेगी, जो विभिन्न राज्यों में इस संबंध में बनाए गए कानून का अध्ययन कर राजस्थान में इस पर अमलीजामा पहनाने का काम करेगी.

देर से ही सही लेकिन दुरुस्त आई सरकार

चतुर्वेदी ने बताया कि वार्ता में राजस्व विभाग की ओर से मंदिर माफी की जमीनों के संरक्षण के लिए अधिनियम बनाए जाने की अनुशंसा होगी. इसके लिए जल्द ही कमेटी भी बनेगी. वहीं, थाना महुआ में इस पूरे प्रकरण में दर्ज मामले के अनुसंधान महानिरीक्षक पुलिस जयपुर की देखरेख में किया जाएगा. साथ ही महुआ में 0.62 हेक्टेयर में पट्टे बनाकर 172 दुकानों का निर्माण किया गया है, उसकी भी जांच होकर कार्रवाई की जाएगी. जांच पूर्ण होने तक यह दुकानें सील रहेगी.

पढ़ें- पुजारी मौत प्रकरण: धरना स्थल पर पहुंचे सतीश पूनिया, पैदल मार्च के रूप में किया शक्ति प्रदर्शन

वहीं, महुआ में 0.02 हेक्टेयर जमीन पर किए गए अतिक्रमण हटा दिए गए थे, उसका सत्यापन किया जाएगा और पूरा अतिक्रमण फिर से हटाया जाएगा. इसके साथ ही मृतक पुजारी की 2 बीघा जमीन पर 145 सीआरपीसी के अंतर्गत कार्रवाई किया जाना प्रस्तावित है. ग्राम टिकरी में स्थित मंदिर माफी की 26 बीघा जमीन पर भी 145 सीआरपीसी के अंतर्गत कार्रवाई कर दुकानों को सील कर कब्जा लेने और जांच कर हटाने की कार्रवाई आरंभ की जाएगी.

इसके साथ ही एडीएम दौसा की ओर से कथित दुर्व्यवहार की जांच होगी. वहीं तत्कालिक योग नगरपालिका महुआ की भूमिका की जांच और अनुशासित कार्रवाई की जाएगी. इसी तरह 8 अप्रैल को महुआ में पुलिस के बल प्रयोग में जगदीश सैनी के अचेत होने और मृत्यु के संबंध में भी जांच की जाएगी, जिस पर सहमति बनाई गई.

जयपुर. महुआ पुजारी शंभू दयाल की मौत के मामले में जयपुर के सिविल लाइंस फाटक पर चल रहा धरना रविवार को सरकार से हुई वार्ता के बाद समाप्त कर दिया गया. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने धरना स्थल पर सांसद किरोड़ी लाल मीणा, रामचरण बोहरा और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी की मौजूदगी में धरना समाप्त की घोषणा की. इसके बाद पुलिस ने मृतक पुजारी के शव को पोस्टमार्टम के लिए एसएमएस अस्पताल भिजवाया, जहां से शव को पुजारी के पैतृक गांव में ले जाकर अंत्येष्टि कराई जाएगी.

सरकार ने सभी मांगें मान ली है

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सरकार ने सभी मांगें मान ली है

वहीं, सरकार से वार्ता के बाद धरना स्थल पर मीडिया से रूबरू हुए भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि देर से ही सही लेकिन सरकार ने प्रतिनिधिमंडल से वार्ता के दौरान सभी मांगें मान ली. मीणा के अनुसार ऐसी कोई मांग नहीं थी जिसके लिए सरकार इतने दिन लगाते हैं, लेकिन काफी लंबा समय लगा और आखिरकार आंदोलनकारियों की मांग सरकार ने मान ली. मीणा ने यह भी कहा कि सरकार की निरंकुशता ही है कि 100 जूते भी खाए, प्याज भी खाए और काम भी करना पड़ा.

वहीं, पूर्व कैबिनेट मंत्री और भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी ने भी सकारात्मक वातावरण में सरकार की ओर से वार्ता करने और संपूर्ण मांग माने जाने की बात कही. चतुर्वेदी ने कहा कि प्रदेश में मंदिर माफी की जमीनों पर से अतिक्रमण हटाए जाने के लिए सख्त कानून भी बनाया जाएगा. इस कानून की अनुशंसा के लिए सरकार जल्द ही एक कमेटी का गठन करेगी, जो विभिन्न राज्यों में इस संबंध में बनाए गए कानून का अध्ययन कर राजस्थान में इस पर अमलीजामा पहनाने का काम करेगी.

देर से ही सही लेकिन दुरुस्त आई सरकार

चतुर्वेदी ने बताया कि वार्ता में राजस्व विभाग की ओर से मंदिर माफी की जमीनों के संरक्षण के लिए अधिनियम बनाए जाने की अनुशंसा होगी. इसके लिए जल्द ही कमेटी भी बनेगी. वहीं, थाना महुआ में इस पूरे प्रकरण में दर्ज मामले के अनुसंधान महानिरीक्षक पुलिस जयपुर की देखरेख में किया जाएगा. साथ ही महुआ में 0.62 हेक्टेयर में पट्टे बनाकर 172 दुकानों का निर्माण किया गया है, उसकी भी जांच होकर कार्रवाई की जाएगी. जांच पूर्ण होने तक यह दुकानें सील रहेगी.

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वहीं, महुआ में 0.02 हेक्टेयर जमीन पर किए गए अतिक्रमण हटा दिए गए थे, उसका सत्यापन किया जाएगा और पूरा अतिक्रमण फिर से हटाया जाएगा. इसके साथ ही मृतक पुजारी की 2 बीघा जमीन पर 145 सीआरपीसी के अंतर्गत कार्रवाई किया जाना प्रस्तावित है. ग्राम टिकरी में स्थित मंदिर माफी की 26 बीघा जमीन पर भी 145 सीआरपीसी के अंतर्गत कार्रवाई कर दुकानों को सील कर कब्जा लेने और जांच कर हटाने की कार्रवाई आरंभ की जाएगी.

इसके साथ ही एडीएम दौसा की ओर से कथित दुर्व्यवहार की जांच होगी. वहीं तत्कालिक योग नगरपालिका महुआ की भूमिका की जांच और अनुशासित कार्रवाई की जाएगी. इसी तरह 8 अप्रैल को महुआ में पुलिस के बल प्रयोग में जगदीश सैनी के अचेत होने और मृत्यु के संबंध में भी जांच की जाएगी, जिस पर सहमति बनाई गई.

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