जयपुर. हर साल प्रदेश में मिलावटी खाद्य पदार्थ और नकली दवाओं के हजारों मामले देखने को मिलते हैं. ऐसे में खाद्य पदार्थों और नकली दवाओं पर शिकंजा कसने के लिए सरकार की ओर से फूड ड्रग प्रशासनिक विभाग बनाने की तैयारी चल रही है. इस विभाग के गठन होने के बाद आईएएस और आरएएस अधिकारी इस विभाग की मॉनिटरिंग करेंगे (action against adulteration in Rajasthan).
हाल ही में सरकार की ओर से खाद्य पदार्थों में मिलावट की रोकथाम के लिए फूड सेफ्टी डाइरेक्टोरेट विभाग के गठन की मंजूरी मिल चुकी है. यह विभाग स्वास्थ्य भवन से संचालित होगा, साथ ही सरकार ने मुंबई गुजरात और दिल्ली की तर्ज पर फूड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन बनाने की तैयारी भी शुरू कर दी है. इस विभाग के बनने के बाद आईएएस और आरएएस लेवल के अधिकारी खाद्य पदार्थों की मिलावट के साथ-साथ नकली दवाओं की मॉनिटरिंग भी कर सकेंगे.
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आंकड़ों की बात करें तो हर बार बड़ी संख्या में प्रदेश में मिलावट से जुड़े और अमानक या नकली दवाओं के बड़े मामले सामने आते हैं. हालांकि, विभाग की ओर से खाद्य पदार्थों की मिलावट को लेकर तो फूड सेफ्टी डाइरेक्टोरेट विभाग का गठन कर दिया गया है लेकिन नकली दवाओं की मॉनिटरिंग या इससे जुड़ी कार्रवाई को लेकर बड़े स्तर के अधिकारियों की मॉनिटरिंग नहीं हो रही है. ऐसे में अन्य राज्यों की तर्ज पर प्रदेश में फूड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन विभाग बनाया जा सकता है.
मिलावट से जुड़े बड़े मामले
प्रदेश में हर साल मिलावट से जुड़े काफी मामले देखने को मिलते हैं. खाद्य पदार्थों में मिलावट की बात करें तो बीते 2 साल में तकरीबन 3000 से अधिक मिलावट के मामले प्रदेश भर में सामने आए हैं. जिसमें सर्वाधिक 400 से अधिक मिलावट के मामले अकेले जयपुर से देखने को मिले हैं. इसके अलावा नकली दवाओं के मामले भी बड़ी संख्या में हर साल प्रदेश में देखने को मिलते हैं.
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अमानक दवाओं की बात करें तो बीते 4 साल में बड़ी संख्या में अमानक या नकली दवाओं से जुड़े मामले सामने आए हैं. 2017 में तकरीबन 300 मामले, 2018 में 206, 2019 में 193, 2020 में तकरीबन 155 और पिछले साल 36 मामले नकली दवाओं से जुड़े प्रदेश में सामने आए हैं.
मामले को लेकर इंडियन फार्मासिस्ट एसोसिएशन के स्टेट प्रेसिडेंट सर्वेश्वर शर्मा का कहना है कि काफी राज्यों में फूड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन विभाग काम कर रहा है. हम भी सरकार से लगातार मांग कर रहे हैं कि फूड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन विभाग प्रदेश में बनाया जाए, इस विभाग की स्थापना के साथ ही इंस्पेक्टर राज भी खत्म हो पाएगा.