जयपुर. न्यायाधीश पंकज भंडारी ने यह आदेश आरोपी रोहित तिवाड़ी की ओर से दायर आपराधिक याचिका पर दिए. याचिका में कहा गया कि प्रकरण में पुलिस खानापूर्ति कर असली आरोपी को तलाशने के बजाए याचिकाकर्ता को फंसा रही है.
पुलिस ने शुरू में उसे गैर कानूनी तरीके से हिरासत में रखा और जब इसके खिलाफ मजिस्ट्रेट कोर्ट में प्रार्थना पत्र पेश किया गया तो याचिकाकर्ता को प्रकरण में आरोपी बना दिया गया. इसके अलावा पुलिस ने जरूरी साक्ष्यों से छेड़छाड़ करते हुए याचिकाकर्ता के मोबाइल में व्हाट्सएप स्टेटस को भी अपग्रेड किया. याचिका में आरोप लगाया गया कि पुलिस ने कई खाली कागजों पर उसके हस्ताक्षर भी कर रखे हैं.
यह भी पढ़ेंः हरियाणा कोर्ट के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका पर फैसला सुरक्षित
ऐसे में मामले में जांच सीबीआई से कराई जाए. इसका विरोध करते हुए राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि पुलिस जांच में साबित हो गया है कि याचिकाकर्ता के कहने पर ही आरोपी सौरभ ने उसकी पत्नी श्वेता और 21 माह के बेटे श्रीयम की हत्या की थी. दोनों पक्षों को सुनने के बाद एकलपीठ ने याचिका को खारिज करते हुए मामले की जांच सीबीआई से कराने से इनकार कर दिया है. गौरतलब है कि गत 7 जनवरी को प्रताप नगर के यूनिक टावर अपार्टमेंट में रोहित की पत्नी और बेटे की हत्या हुई थी.