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देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था ब्रिटिश सरकार का तोहफा नहीं आवाम की ताकत है : प्रणब मुखर्जी

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज जयपुर में राष्ट्रमंडल संसदीय संघ राजस्थान शाखा और सीएसडीएस की ओर से आयोजित एक दिवसीय सेमिनार उद्घाटन सत्र को संबोधित किया. जहां उन्होंने कहा कि देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था ना तो एक्सीडेंटल है और ना ही ब्रिटिश सरकार का तोहफा है, बल्कि यह हिंदुस्तान की आवाम की ताकत है.

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Published : Aug 1, 2019, 4:32 PM IST

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में हुई सेमिनार के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए प्रणब मुखर्जी ने कहा कि देश के लगभग आधे लोगों ने किसी भी पार्टी को चाहे कांग्रेस या भाजपा को मत नहीं दिया. लेकिन जिन्होंने मत नहीं दिया उन्हें भी साथ में लेकर चलना होगा.

पढ़ें: बारिश के चलते ढहा मकान, एक बच्चे समेत तीन लोगों के दबे होने की आशंका

इस दौरान प्रणब मुखर्जी ने देश के इतिहास, संविधान और लोकतंत्र प्रणाली पर प्रकाश डाला और कहा कि आजादी के बाद देश के संविधान का गठन हुआ तब हर पहलू का ध्यान रखा गया. मुखर्जी के अनुसार 17 लोकसभा चुनाव हो चुके हैं, लेकिन अभी भी किसी दल को 50 फीसदी मत नहीं मिले. इस दौरान उन्होंने राजीव गांधी और जवाहरलाल नेहरू के प्रधानमंत्री कार्यकाल का भी जिक्र किया. प्रणब मुखर्जी के अनुसार पड़ोसी मुल्क हमारे साथ आजाद हुआ, लेकिन वहां आज भी राजनीतिक अस्थिरता बनी है.

राष्ट्रमंडल संसदीय संघ और सीएसडीएस की सेमिनार

जनप्रतिनिधि केवल सड़क, बिजली, पानी और ट्रांसफर-पोस्टिंग में ही उलझ कर रह जाते हैं : गहलोत
वहीं, सेमिनार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी संबोधित किया. गहलोत ने कहा कि इस तरह के आयोजन से हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है. उन्होंने प्रणब मुखर्जी से खुद का पुराना नाता बताया और कहा कि वह उनके लिए हमेशा प्रेरणा दाई रहे हैं. गहलोत ने कहा कि आज भी चुने हुए जनप्रतिनिधि केवल सड़क, बिजली, पानी, और ट्रांसफर-पोस्टिंग में ही उलझ कर रह जाते हैं. जबकि इस सेमिनार और वरिष्ठ जनों के सानिध्य में विधायिका का मूल स्वरूप समझ में आता है.

राजस्थान में पहली बार हुआ आयोजन, ये हुए शामिल...
राष्ट्रमंडल संसदीय संघ का आयोजन राजस्थान में पहली बार हुआ है. इसमें राजस्थान विधानसभा के सदस्य और पूर्व सदस्य, मीडिया, एनजीओ और अन्य गणमान्य लोग भी शामिल हुए.

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में हुई सेमिनार के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए प्रणब मुखर्जी ने कहा कि देश के लगभग आधे लोगों ने किसी भी पार्टी को चाहे कांग्रेस या भाजपा को मत नहीं दिया. लेकिन जिन्होंने मत नहीं दिया उन्हें भी साथ में लेकर चलना होगा.

पढ़ें: बारिश के चलते ढहा मकान, एक बच्चे समेत तीन लोगों के दबे होने की आशंका

इस दौरान प्रणब मुखर्जी ने देश के इतिहास, संविधान और लोकतंत्र प्रणाली पर प्रकाश डाला और कहा कि आजादी के बाद देश के संविधान का गठन हुआ तब हर पहलू का ध्यान रखा गया. मुखर्जी के अनुसार 17 लोकसभा चुनाव हो चुके हैं, लेकिन अभी भी किसी दल को 50 फीसदी मत नहीं मिले. इस दौरान उन्होंने राजीव गांधी और जवाहरलाल नेहरू के प्रधानमंत्री कार्यकाल का भी जिक्र किया. प्रणब मुखर्जी के अनुसार पड़ोसी मुल्क हमारे साथ आजाद हुआ, लेकिन वहां आज भी राजनीतिक अस्थिरता बनी है.

राष्ट्रमंडल संसदीय संघ और सीएसडीएस की सेमिनार

जनप्रतिनिधि केवल सड़क, बिजली, पानी और ट्रांसफर-पोस्टिंग में ही उलझ कर रह जाते हैं : गहलोत
वहीं, सेमिनार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी संबोधित किया. गहलोत ने कहा कि इस तरह के आयोजन से हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है. उन्होंने प्रणब मुखर्जी से खुद का पुराना नाता बताया और कहा कि वह उनके लिए हमेशा प्रेरणा दाई रहे हैं. गहलोत ने कहा कि आज भी चुने हुए जनप्रतिनिधि केवल सड़क, बिजली, पानी, और ट्रांसफर-पोस्टिंग में ही उलझ कर रह जाते हैं. जबकि इस सेमिनार और वरिष्ठ जनों के सानिध्य में विधायिका का मूल स्वरूप समझ में आता है.

राजस्थान में पहली बार हुआ आयोजन, ये हुए शामिल...
राष्ट्रमंडल संसदीय संघ का आयोजन राजस्थान में पहली बार हुआ है. इसमें राजस्थान विधानसभा के सदस्य और पूर्व सदस्य, मीडिया, एनजीओ और अन्य गणमान्य लोग भी शामिल हुए.

Intro:लोकतांत्रिक व्यवस्था ना तो एक्सीडेंटल और ना ही ब्रिटिश सरकार का तोहफा- प्रणव मुखर्जी

राष्ट्रमंडल संसदीय संघ और सीएसडीएस की सेमिनार में बोले प्रणव मुखर्जी

जयपुर(इंट्रो)
जयपुर में राष्ट्रमंडल संसदीय संघ राजस्थान शाखा और सीएसडीएस की ओर से आयोजित एक दिवसीय सेमिनार उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने कहा है कि देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था ना तो एक्सीडेंटल है और ना ही ब्रिटिश सरकार का तोहफा है, बल्कि यह हिंदुस्तान की आवाम की ताकत है।




Body:पड़ोसी मुल्क हमारे साथ आजाद हुए लेकिन आज भी वहां राजनीतिक अस्थिरता है-मुखर्जी

राजस्थान विधानसभा में हुई इस सेमिनार के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए प्रणव मुखर्जी ने कहा कि देश के लगभग आधे लोगों ने किसी भी पार्टी को चाहे कांग्रेस या भाजपा को मत नहीं दिया लेकिन जिन्होंने मत नहीं दिया उन्हें भी साथ में लेकर चलना होगा। इस दौरान प्रणब मुखर्जी ने देश के इतिहास संविधान और लोकतंत्र प्रणाली पर प्रकाश डाला और कहा कि आजादी के बाद देश के संविधान का गठन हुआ तब हर पहलू का ध्यान रखा गया मुखर्जी के अनुसार 17 लोकसभा चुनाव हो चुके हैं लेकिन अभी भी किसी दल को 50 फ़ीसदी मत नहीं मिले इस दौरान उन्होंने राजीव गांधी और जवाहरलाल नेहरू के प्रधान मंत्री कार्यकाल का भी जिक्र किया। प्रणब मुखर्जी के अनुसार पड़ोसी मुल्क हमारे साथ आजाद हुआ लेकिन वह आज भी राजनीतिक अस्थिरता बनी है।

(बाईट- प्रणव मुखर्जी, पूर्व राष्ट्रपति)

जनप्रतिनिधि केवल सड़क बिजली पानी ट्रांसफर पोस्टिंग में ही उलझ कर रह जाते हैं -गहलोत

सेमिनार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी संबोधित किया गहलोत ने कहा कि इस तरह के आयोजन से हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है उन्होंने प्रणव मुखर्जी से खुद का पुराना नाता बताया और कहा कि वह उनके लिए हमेशा प्रेरणा दाई रहे हैं गहलोत ने कहा कि आज भी चुने हुए जनप्रतिनिधि केवल सड़क बिजली पानी और ट्रांसफर पोस्टिंग में ही उलझ कर रह जाते हैं जबकि इस सेमिनार और वरिष्ठ जनों के सानिध्य में विधायिका का मूल स्वरूप समझ में आता है।

बाईट-अशोक गहलोत,मुख्यमंत्री

राजस्थान में पहली बार हुआ आयोजन,ये हुए शामिल-

राष्ट्रमंडल संसदीय संघ का आयोजन राजस्थान में पहली बार हुआ है इसमें राजस्थान विधानसभा के सदस्य और पूर्व सदस्य, मीडिया,एनजीओ और अन्य गणमान्य लोग भी शामिल हुए।

(edited vo pkg_pranav mukharji)

(note- इस खबर का Edited vo pkg व्हाट्सएप पर भेजा है कृपा कर वहां से इस्तेमाल करें क्योंकि wrap नहीं चल रहा)


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