जयपुर. राजस्थान में पहली बार बिजली उत्पादन के लिए पहाड़ी पर पानी का स्टोरेज होगा. ऊर्जा विभाग ने इसके लिए कोटा के नजदीक जवाहर सागर बांध से सटी पहाड़ियों को चिन्हित भी कर लिया है. सरकार ने इसकी जिम्मेदारी राज्य विद्युत उत्पादन निगम को दी है. प्रोजेक्ट निर्माण की अधिकतम सीमा 3 वर्ष रखी गई है.
राजस्थान उत्पादन निगम के अधिकारी के अनुसार कोटा के नजदीक जवाहर सागर बांध पर सटीक पहाड़ियों पर पानी स्टोरेज किया जाएगा. इसके लिए यहां स्टोरेज टैंक बनेगा. पहले बांध से यहां पानी एकत्रित करेंगे और जरूरत के आधार पर पानी को नीचे लाकर टरबाइन के जरिए बिजली का उत्पादन किया जाएगा. हाइड्रो पंप स्टोरेज सिस्टम (Hydro Pump Storage System) के लिए पहाड़ी पर दो जगह तालाब बनाए जाएंगे और दोनों में 2 पॉइंट 4 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी भरा जाएगा.
टरबाइन के जरिए निचले वाले तालाब से पानी को ऊपर पंप कर पानी स्टोर किया जाएगा. जब बिजली की जरूरत होगी तो पानी को वापस टरबाइन के जरिए नीचे वाले जलाशय में लाएंगे. इस प्रक्रिया से बिजली का उत्पादन होगा, जिसे डिस्कॉम को सप्लाई किया जाएगा. यहां 200 मेगावाट क्षमता का पंप स्टोरेज प्लांट बनाने का काम शुरू किया जाएगा. इससे एक दिन में अधिकतम 16 लाख यूनिट बिजली उत्पादित हो पाएगी, जिसकी उत्पादन लागत भी बेहद कम होगी.
जवाहर सागर बांध पर फिलहाल हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर स्टेशन संचालित है. यहां 33 मेगावाट की 3 यूनिट है और साल भर में करीब 8 महीने यहां बिजली का उत्पादन होता है. राजस्थान उत्पादन निगम के अधिकारी ने बताया कि इसका वेरिएबल चार्ज केवल 30 पैसे प्रति यूनिट है.