जयपुर. उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ (Rajendra Rathore) ने कहा कि देश की आजादी में किसी के योगदान को राजनीतिक चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए. आजादी में अकेले पंडित जवाहर लाल नेहरू का नहीं, बल्कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, भगत सिंह, चन्द्रशेखर आजाद, वीर सावरकर और सरदार वल्लभ भाई पटेल जैसे असंख्य राष्ट्रनायकों का योगदान रहा है.
राठौड़ ने कहा कि एक ओर चंद दिन पहले ही कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष डोटासरा (Govind Singh Dotasra) ने देश की आजादी में वीर सावरकर के गौरवमयी इतिहास को स्वीकार किया था और अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उनके योगदान को नकार रहे हैं. अंतर्कलह से घिरी कांग्रेस सरकार में वीर सावरकर के विषय पर विचारों में कलह से मुख्यमंत्री और प्रदेशाध्यक्ष के बीच की लड़ाई सार्वजनिक हो गई है.
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देश की आजादी में वीर सावरकर के योगदान पर सवालिया निशान लगाने से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के इतिहास को पढ़ना चाहिए, जिन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में वीर सावरकर के योगदान को स्वीकारा था और उन पर डाक टिकट भी जारी किया था. राठौड़ ने कहा कि लगता है कि अब कांग्रेस सरकार का एक ही एजेंडा है, एक परिवार विशेष का बखान कर देश की आजादी में अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को कमतर दिखाना.
सतीश पूनिया ने भी किया पलटवार
वहीं, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने पलटवार करते हुए कहा कि देश के आजादी का आंदोलन कांग्रेस और नेहरू खानदान की मिल्कियत नहीं थी बल्कि कई स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान के कारण देश को आजादी मिली. लेकिन गहलोत यह बताएं कि कांग्रेस ने अपने शासनकाल में नेहरू-गांधी खानदान के अलावा किन महापुरुषों के नाम पर देश में स्मारक और संस्थाएं बनवाए.
सतीश पूनिया ने गहलोत के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस, सुखदेव, राजगुरु, राम प्रसाद बिस्मिल सहित कई स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान के कारण भारत को आजादी मिली. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने 50 साल से अधिक के अपने शासनकाल में शहीदों का आकलन खुद ही कमतर किया, सिर्फ नेहरू खानदान का गुणगान किया और उन्हीं के नाम पर स्मारक और भवन बनवाए. कांग्रेस में वंश परिवार और चापलूसी की परंपरा रही है. मुख्यमंत्री गहलोत सोनिया गांधी को खुश करने के लिए ऐसे बयान देते हैं जबकि मोदी सरकार स्वतंत्रता सेनानियों और शहीदों का पूरा मान सम्मान करती है और उनके इतिहास को संजोने का काम भी कर रही है.
सतीश पूनिया ने अपने बयान में कहा कि मोदी सरकार ने ही महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर महात्मा गांधी के कृतित्व और व्यक्तित्व को लेकर देश भर में आयोजन किए. देश जानता है कि नेहरू से लेकर राजीव गांधी तक कांग्रेस ने अपने ही नेताओं का कितना सम्मान किया है सबको पता है.
यह बयान दिया था सीएम गहलोत ने...
बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को एक ट्वीट कर भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद द्वारा जारी किए गए आजादी के अमृत महोत्सव के पोस्टर में पंडित जवाहरलाल नेहरु की तस्वीर न लगाने पर सवाल खड़े किए थे. गहलोत ने ट्वीट में लिखा था कि नेहरू की तस्वीर न लगाना सिर्फ निंदनीय है बल्कि केंद्र सरकार की छोटी सोच का प्रदर्शन भी है.
साथ ही गहलोत ने यह भी कहा कि पंडित नेहरू आजादी की लड़ाई में 9 बार जेल गए और उन्होंने अपने जीवन के करीब 9 साल जेल में गुजारे. अंग्रेजों का विरोध करते हुए उन्होंने अंग्रेजों द्वारा किए गए बल प्रयोग का सीना तान कर सामना कियाय वहीं, विनायक दामोदर सावरकर ने जेल जाने के एक साल बाद ही अंग्रेजों से माफी मांगना शुरू कर दिया था और कोई 6 बार माफी मांगी. जेल से रिहा होने के बाद ब्रिटिश एजेंट बनकर काम भी किया.