ETV Bharat / city

Bureaucracy के बाद पुलिस महकमे में फेरबदल का Post Mortem - bureaucracy in rajasthan

66 आईपीएस अफसरों के तबादले की इस लिस्ट का पोस्टमार्टम करें, तो इसमें कई चौंकाने वाले नाम सामने आए हैं. इसमें कई अफसरों को प्रमोट किया गया है और कईयों को तो डिमोट भी किया गया है. वहीं इसमें कई अफसर ऐसे भी हैं, जिनको उनके हिसाब से बेहतरीन विभाग दिया गया है.

etv bharat news  jaipur news  post mortem of police reshuffle  bureaucracy in rajasthan  gehlot government
पुलिस महकमे में फेरबदल का Post Mortem
author img

By

Published : Jul 4, 2020, 3:16 AM IST

जयपुर. राजस्थान में ब्यूरोक्रेसी धीरे-धीरे बदलती नजर आ रही है. जहां सरकार ने पहले गुरुवार को 103 आईएएस के तबादले करने के बाद शुक्रवार को प्रदेश के पुलिस महकमें में बड़ा फेरबदल किया है. राजस्थान में 66 आईपीएस अफसरों के तबादले किए गए हैं. इसको लेकर कार्मिक विभाग ने आदेश जारी किए हैं. ऐसे में इन तबादलों में क्या कुछ खास चौंकाने वाला रहा वो हम आपको पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बताते हैं.

पुलिस महकमे में फेरबदल का Post Mortem

आईपीएस सूची में सबसे सरप्राइज नाम है, भगवान लाल सोनी यानि बीएल सोनी. जो अभी तक पुलिस मुख्यालय में डीजी क्राइम की जिम्मेदारी संभाल रहे थे, उनको सीधे पीएचक्यू से बाहर भेज दिया गया है और उनको डीजी जेल लगाया है. बीएल सोनी को अगले राजस्थान के अगले डीजीपी की तौर पर देखा जा रहा था. ऐसे में कहीं ना कहीं बीएल सोनी का डिमोट हुआ है. बीएल सोनी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के काफी करीबी माने जाते हैं और वो जयपुर के पहले पुलिस कमिश्नर की भी जिम्मेदारी संभाले चुके हैं. साथ ही बतौर क्राइम ब्रांच में एडीजी से उनका डीजी में प्रमोशन भी हुआ. उन्होंने काफी अच्छा काम किया और मादक पदार्थों की तस्करी को रोकने की रिकॉर्ड कार्रवाई भी की. लेकिन इसके बावजूद ऐसा क्या हुआ कि बीएल सोनी को पुलिस मुख्यालय से बाहर भेजा गया.

यह भी पढ़ेंः ब्यूरोक्रेसी में बड़ा बदलाव : राजस्थान में 103 IAS के तबादले, राजीव स्वरूप नए मुख्य सचिव

इसके अलावा इस सूची में मुख्यमंत्री के गृह जिले जोधपुर में पुलिस कमिश्नर को बदला गया है. जोस मोहन जो अभी तक आईजी बीकानेर की जिम्मेदारी संभाल रहे थे, उनको अब जोधपुर आयुक्त की जिम्मेदारी दी गई है. जोस मोहन युवा अफसर हैं और अब जोधपुर मुख्यमंत्री का गृह जिला है तो बड़ी चुनौती होगी उनके सामने. वहीं इसके अलावा एसीबी में अच्छे काम का ADG सौरभ श्रीवास्तव को पुरस्कार मिला है, जिनको सरकार ने ADG क्राइम जैसी अहम पोस्टिंग दी है. सौरभ श्रीवास्तव ने एसीबी में शानदार काम किया और रिकॉर्ड ट्रैप करवाने में उनका अहम योगदान रहा.

यह भी पढ़ेंः राजे का Twitter War...क्या सरकार ने वास्तव में अपराधियों के सामने हथियार डाल दिए हैं?

वहीं बात करें भरतपुर रेंज को लेकर तो सबकी निगाहें इस पर भी थी, क्योंकि भरतपुर में जिस तरह का घुस कांड हुआ था. इस घूसकांड डीआईजी तक उसकी लपेट गई थी उसके बाद संजीव कुमार नर्जरी को लगाया गया है. संजीव कुमार अजमेर रेंज में आईजी थे, लेकिन कुछ महीने पहले नागौर में एक दलित की बर्बरता पूर्ण पिटाई हुई और उसका वीडियो वायरल हुआ उसके बाद संजीव कुमार नर्जरी को एपीओ किया गया था. कुछ दिनों तक उनकी तबियत भी नासाज रही, लेकिन अब उनको भरतपुर रेंज में आईजी की जिम्मेदारी मिली है.

ये भी मुख्यमंत्री के काफी करीबी है और सीएमओ में सीएम अशोक गहलोत के साथ काम कर चुके हैं. लेकिन फिर भी संजीव कुमार नर्जरी के सामने सबसे बड़ी चुनौती होगी स्थानीय नेताओं से सामंजस्य बिठाना. क्योंकि डीआईजी घूसकांड तो बाद में हुआ है. वहां डीआईजी का जनप्रतिनिधियों के साथ विवाद पहले से रहा है. भरतपुर रेंज में एक से एक बेबाक और दबंग नेता हैं, चाह वो मंत्री विश्वेंद्र सिंह हो या फिर विधायक गिरिराज सिंह मलिंगा यहां तक कि रमेश मीणा हो उनके साथ तालमेल बिठाना संजीव कुमार के किए बड़ी चुनौती होगा.

यह भी पढ़ेंः राजस्थान के नए मुख्य सचिव का राजीव स्वरूप ने संभाला पदभार

इसके अलावा विशाल बंसल, प्रशाखा माथुर, डॉ. बीएल मीणा, प्रसन्न खमेसरा व अंशुमान भौमिया को ठंड की पोस्ट में लगा दिया गया है. इस बार इनको पूरा भरोसा था कि मिलेगी कोई गर्म पोस्ट लेकिन उम्मीदे पूरी नहीं हो पाई. अब फिर इनको लम्बा इंतज़ार करना पड़ सकता है या फिर किसी संशोधन में इनका भाग्योदय होगा. इसके अलावा कई काबिल अफसरों के नाम की बड़ी उम्मीद थी. लेकिन वो काबिल अधिकारी इस सूची में जगह नहीं बना पाए, जिसमें आईपीएस विकास शर्मा, अभिजीत सिंह कादियान जैसे और भी नाम हैं जो पुलिसिंग में युवा आईपीएस में बेहतरीन अधिकारी माने जाते हैं. ऐसे में संभवतः अपडेट नई लिस्ट में इनको भी जगह मिल सकती है.

जयपुर. राजस्थान में ब्यूरोक्रेसी धीरे-धीरे बदलती नजर आ रही है. जहां सरकार ने पहले गुरुवार को 103 आईएएस के तबादले करने के बाद शुक्रवार को प्रदेश के पुलिस महकमें में बड़ा फेरबदल किया है. राजस्थान में 66 आईपीएस अफसरों के तबादले किए गए हैं. इसको लेकर कार्मिक विभाग ने आदेश जारी किए हैं. ऐसे में इन तबादलों में क्या कुछ खास चौंकाने वाला रहा वो हम आपको पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बताते हैं.

पुलिस महकमे में फेरबदल का Post Mortem

आईपीएस सूची में सबसे सरप्राइज नाम है, भगवान लाल सोनी यानि बीएल सोनी. जो अभी तक पुलिस मुख्यालय में डीजी क्राइम की जिम्मेदारी संभाल रहे थे, उनको सीधे पीएचक्यू से बाहर भेज दिया गया है और उनको डीजी जेल लगाया है. बीएल सोनी को अगले राजस्थान के अगले डीजीपी की तौर पर देखा जा रहा था. ऐसे में कहीं ना कहीं बीएल सोनी का डिमोट हुआ है. बीएल सोनी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के काफी करीबी माने जाते हैं और वो जयपुर के पहले पुलिस कमिश्नर की भी जिम्मेदारी संभाले चुके हैं. साथ ही बतौर क्राइम ब्रांच में एडीजी से उनका डीजी में प्रमोशन भी हुआ. उन्होंने काफी अच्छा काम किया और मादक पदार्थों की तस्करी को रोकने की रिकॉर्ड कार्रवाई भी की. लेकिन इसके बावजूद ऐसा क्या हुआ कि बीएल सोनी को पुलिस मुख्यालय से बाहर भेजा गया.

यह भी पढ़ेंः ब्यूरोक्रेसी में बड़ा बदलाव : राजस्थान में 103 IAS के तबादले, राजीव स्वरूप नए मुख्य सचिव

इसके अलावा इस सूची में मुख्यमंत्री के गृह जिले जोधपुर में पुलिस कमिश्नर को बदला गया है. जोस मोहन जो अभी तक आईजी बीकानेर की जिम्मेदारी संभाल रहे थे, उनको अब जोधपुर आयुक्त की जिम्मेदारी दी गई है. जोस मोहन युवा अफसर हैं और अब जोधपुर मुख्यमंत्री का गृह जिला है तो बड़ी चुनौती होगी उनके सामने. वहीं इसके अलावा एसीबी में अच्छे काम का ADG सौरभ श्रीवास्तव को पुरस्कार मिला है, जिनको सरकार ने ADG क्राइम जैसी अहम पोस्टिंग दी है. सौरभ श्रीवास्तव ने एसीबी में शानदार काम किया और रिकॉर्ड ट्रैप करवाने में उनका अहम योगदान रहा.

यह भी पढ़ेंः राजे का Twitter War...क्या सरकार ने वास्तव में अपराधियों के सामने हथियार डाल दिए हैं?

वहीं बात करें भरतपुर रेंज को लेकर तो सबकी निगाहें इस पर भी थी, क्योंकि भरतपुर में जिस तरह का घुस कांड हुआ था. इस घूसकांड डीआईजी तक उसकी लपेट गई थी उसके बाद संजीव कुमार नर्जरी को लगाया गया है. संजीव कुमार अजमेर रेंज में आईजी थे, लेकिन कुछ महीने पहले नागौर में एक दलित की बर्बरता पूर्ण पिटाई हुई और उसका वीडियो वायरल हुआ उसके बाद संजीव कुमार नर्जरी को एपीओ किया गया था. कुछ दिनों तक उनकी तबियत भी नासाज रही, लेकिन अब उनको भरतपुर रेंज में आईजी की जिम्मेदारी मिली है.

ये भी मुख्यमंत्री के काफी करीबी है और सीएमओ में सीएम अशोक गहलोत के साथ काम कर चुके हैं. लेकिन फिर भी संजीव कुमार नर्जरी के सामने सबसे बड़ी चुनौती होगी स्थानीय नेताओं से सामंजस्य बिठाना. क्योंकि डीआईजी घूसकांड तो बाद में हुआ है. वहां डीआईजी का जनप्रतिनिधियों के साथ विवाद पहले से रहा है. भरतपुर रेंज में एक से एक बेबाक और दबंग नेता हैं, चाह वो मंत्री विश्वेंद्र सिंह हो या फिर विधायक गिरिराज सिंह मलिंगा यहां तक कि रमेश मीणा हो उनके साथ तालमेल बिठाना संजीव कुमार के किए बड़ी चुनौती होगा.

यह भी पढ़ेंः राजस्थान के नए मुख्य सचिव का राजीव स्वरूप ने संभाला पदभार

इसके अलावा विशाल बंसल, प्रशाखा माथुर, डॉ. बीएल मीणा, प्रसन्न खमेसरा व अंशुमान भौमिया को ठंड की पोस्ट में लगा दिया गया है. इस बार इनको पूरा भरोसा था कि मिलेगी कोई गर्म पोस्ट लेकिन उम्मीदे पूरी नहीं हो पाई. अब फिर इनको लम्बा इंतज़ार करना पड़ सकता है या फिर किसी संशोधन में इनका भाग्योदय होगा. इसके अलावा कई काबिल अफसरों के नाम की बड़ी उम्मीद थी. लेकिन वो काबिल अधिकारी इस सूची में जगह नहीं बना पाए, जिसमें आईपीएस विकास शर्मा, अभिजीत सिंह कादियान जैसे और भी नाम हैं जो पुलिसिंग में युवा आईपीएस में बेहतरीन अधिकारी माने जाते हैं. ऐसे में संभवतः अपडेट नई लिस्ट में इनको भी जगह मिल सकती है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.