ETV Bharat / city

Special: कोरोना से मृत व्यक्ति का नहीं किया जाता पोस्टमार्टम, जानें अंतिम संस्कार तक की पूरी प्रक्रिया - COVID-19 guideline for dead body

राजस्थान में कोरोना का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है. प्रदेश में 80 हजार से अधिक पॉजिटिव केस दर्ज किए गए हैं. वहीं, कोरोना के चलते राजस्थान में 1 हजार से अधिक मौतें हो चुकी हैं. ऐसे में संक्रमित मरीजों की मौत के बाद अस्पताल प्रशासन बॉडी को कैसे हैंडल करता है, पॉस्टमार्टम और अंतिम संस्कार की क्या प्रक्रिया होती है. देखिये ये खास रिपोर्ट...

जयपुर न्यूज, COVID-19 guideline for dead body
संक्रमित की अंतिम संस्कार के दौरान फॉलो की जाती है ये गाइडलाइन
author img

By

Published : Aug 31, 2020, 3:12 PM IST

जयपुर. राजस्थान में बड़ी संख्या में कोरोना मरीज अस्पतालों में अपना इलाज करवा रहे हैं. गाइडलाइन के हिसाब से यदि कोई सामान्य मरीज अस्पताल में भर्ती होता है तो उसका कोविड-19 टेस्ट किया जाता है. यदि मरीज पॉजिटिव पाया जाता है तो पहले कोरोना का इलाज और बाद में पॉजिटिव से नेगेटिव आने पर अन्य बीमारी का इलाज किया जाता है.

संक्रमित की अंतिम संस्कार के दौरान फॉलो की जाती है ये गाइडलाइन...

इसके अलावा यदि किसी ऐसे व्यक्ति की अस्पताल में मौत होती है जो अन्य किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहा था और इलाज के दौरान यदि वह पॉजिटिव पाया जाता है तो इस हालात में मरीज का पोस्टमार्टम नहीं किया जाता है. इस मामले को लेकर चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर नरोत्तम शर्मा ने बताया कि गाइडलाइन के अनुसार अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों कि सबसे पहले कोविड-19 जांच की जाती है. इलाज के दौरान मरीज दम तोड़ता है तो उसका पोस्टमार्टम नहीं किया जाता.

यह भी पढ़ें. SPECIAL: सामान्य इन्फ्लूएंजा से अलग है कोविड-19... गले में खराश, छींक और रनिंग नोज नहीं है कोरोना के लक्षण

इलाज के दौरान बरतते हैं सावधानी...

चिकित्सकों का कहना है कि एहतियात के तौर पर यदि किसी मरीज का इलाज अस्पताल में किया जाता है तो इलाज कर रहे सभी चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ और अन्य कर्मचारियों को सुरक्षा उपकरण दिए जाते हैं. जिसमें पीपीई किट, ग्लव्स, मास्क, फील्ड मास्क और अन्य उपकरण दिए जाते हैं, जिससे संक्रमण फैलने का खतरा नहीं हो. हालांकि, इसके बावजूद भी चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ और अन्य कर्मचारी आमतौर पर कोरोना की चपेट में आ जाते हैं.

जयपुर न्यूज, COVID-19 guideline for dead body
इलाज के दौरान दिए जाते हैं सभी सुरक्षा उपकरण...

मृतक की भी होती है जांच...

वहीं, डॉक्टर नरोत्तम शर्मा ने यह भी बताया कि आमतौर पर कई बार ऐसे मरीजों को अस्पताल में लाया जाता है, जो काफी सीरियस होते हैं. प्राथमिक तौर पर उनका इलाज किया जाता है. यदि वे इलाज के दौरान में दम तोड़ देते हैं तो मृतक मरीज का भी कोरोना टेस्ट किया जाता है. जिससे पता चल सके कि मरीज की मौत कहीं कोरोना के कारण तो नहीं हुई है.

सुरक्षा मानकों के साथ अंतिम संस्कार...

इसके अलावा कोरोना से मृत व्यक्ति का अंतिम संस्कार भी सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुए किया जाता है. इसमें नगर निगम और चिकित्सा विभाग के कर्मचारी शामिल होते हैं और कोरोना से मृत व्यक्ति को सील पैक पॉलिथीन में लपेटकर एंबुलेंस से श्मशान घाट या फिर कब्रिस्तान पहुंचाया जाता है. संक्रमित व्यक्ति की डेड बॉडी का अंतिम संस्कार सिर्फ नगर निगम के अधिकृत कर्मचारी ही करते हैं.

यह भी पढ़ें. SPECIAL: अजमेर में गहराया कोरोना संकट, बढ़ती मृत्यु दर और बिना लक्षण वाले मरीजों ने बढ़ाई चिंता

मोर्चरी से अंतिम संस्कार वाली जगह होती है सैनिटाइज...

मृत व्यक्ति के अंतिम संस्कार के बाद अस्पताल के मुर्दाघर से लेकर अंतिम संस्कार करने वाली जगह को पूर्ण रूप से सैनिटाइज किया जाता है. जिससे संक्रमण फैलने का खतरा नहीं हो और इस दौरान उपयोग में आने वाली सुरक्षा उपकरणों को डिस्पोज कर दिया जाता है.

जयपुर न्यूज, COVID-19 guideline for dead body
कोरोना संक्रमित के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया...

मुर्दाघर में भी सुरक्षा...

कोरोना से मृत व्यक्ति को सबसे पहले मुर्दाघर में लाया जाता है. इस दौरान वहां उपस्थित चिकित्सक, नर्सिंग कर्मी और अन्य कर्मचारियों को सुरक्षा उपकरण दिए जाते हैं, ताकि संक्रमण ना फैल सके. इसे लेकर एक विस्तृत गाइडलाइन भी बनाई गई है. वहीं, अधिकृत व्यक्ति के अलावा अन्य कोई मुर्दा घर में प्रवेश नहीं कर सकता है.

जयपुर. राजस्थान में बड़ी संख्या में कोरोना मरीज अस्पतालों में अपना इलाज करवा रहे हैं. गाइडलाइन के हिसाब से यदि कोई सामान्य मरीज अस्पताल में भर्ती होता है तो उसका कोविड-19 टेस्ट किया जाता है. यदि मरीज पॉजिटिव पाया जाता है तो पहले कोरोना का इलाज और बाद में पॉजिटिव से नेगेटिव आने पर अन्य बीमारी का इलाज किया जाता है.

संक्रमित की अंतिम संस्कार के दौरान फॉलो की जाती है ये गाइडलाइन...

इसके अलावा यदि किसी ऐसे व्यक्ति की अस्पताल में मौत होती है जो अन्य किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहा था और इलाज के दौरान यदि वह पॉजिटिव पाया जाता है तो इस हालात में मरीज का पोस्टमार्टम नहीं किया जाता है. इस मामले को लेकर चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर नरोत्तम शर्मा ने बताया कि गाइडलाइन के अनुसार अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों कि सबसे पहले कोविड-19 जांच की जाती है. इलाज के दौरान मरीज दम तोड़ता है तो उसका पोस्टमार्टम नहीं किया जाता.

यह भी पढ़ें. SPECIAL: सामान्य इन्फ्लूएंजा से अलग है कोविड-19... गले में खराश, छींक और रनिंग नोज नहीं है कोरोना के लक्षण

इलाज के दौरान बरतते हैं सावधानी...

चिकित्सकों का कहना है कि एहतियात के तौर पर यदि किसी मरीज का इलाज अस्पताल में किया जाता है तो इलाज कर रहे सभी चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ और अन्य कर्मचारियों को सुरक्षा उपकरण दिए जाते हैं. जिसमें पीपीई किट, ग्लव्स, मास्क, फील्ड मास्क और अन्य उपकरण दिए जाते हैं, जिससे संक्रमण फैलने का खतरा नहीं हो. हालांकि, इसके बावजूद भी चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ और अन्य कर्मचारी आमतौर पर कोरोना की चपेट में आ जाते हैं.

जयपुर न्यूज, COVID-19 guideline for dead body
इलाज के दौरान दिए जाते हैं सभी सुरक्षा उपकरण...

मृतक की भी होती है जांच...

वहीं, डॉक्टर नरोत्तम शर्मा ने यह भी बताया कि आमतौर पर कई बार ऐसे मरीजों को अस्पताल में लाया जाता है, जो काफी सीरियस होते हैं. प्राथमिक तौर पर उनका इलाज किया जाता है. यदि वे इलाज के दौरान में दम तोड़ देते हैं तो मृतक मरीज का भी कोरोना टेस्ट किया जाता है. जिससे पता चल सके कि मरीज की मौत कहीं कोरोना के कारण तो नहीं हुई है.

सुरक्षा मानकों के साथ अंतिम संस्कार...

इसके अलावा कोरोना से मृत व्यक्ति का अंतिम संस्कार भी सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुए किया जाता है. इसमें नगर निगम और चिकित्सा विभाग के कर्मचारी शामिल होते हैं और कोरोना से मृत व्यक्ति को सील पैक पॉलिथीन में लपेटकर एंबुलेंस से श्मशान घाट या फिर कब्रिस्तान पहुंचाया जाता है. संक्रमित व्यक्ति की डेड बॉडी का अंतिम संस्कार सिर्फ नगर निगम के अधिकृत कर्मचारी ही करते हैं.

यह भी पढ़ें. SPECIAL: अजमेर में गहराया कोरोना संकट, बढ़ती मृत्यु दर और बिना लक्षण वाले मरीजों ने बढ़ाई चिंता

मोर्चरी से अंतिम संस्कार वाली जगह होती है सैनिटाइज...

मृत व्यक्ति के अंतिम संस्कार के बाद अस्पताल के मुर्दाघर से लेकर अंतिम संस्कार करने वाली जगह को पूर्ण रूप से सैनिटाइज किया जाता है. जिससे संक्रमण फैलने का खतरा नहीं हो और इस दौरान उपयोग में आने वाली सुरक्षा उपकरणों को डिस्पोज कर दिया जाता है.

जयपुर न्यूज, COVID-19 guideline for dead body
कोरोना संक्रमित के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया...

मुर्दाघर में भी सुरक्षा...

कोरोना से मृत व्यक्ति को सबसे पहले मुर्दाघर में लाया जाता है. इस दौरान वहां उपस्थित चिकित्सक, नर्सिंग कर्मी और अन्य कर्मचारियों को सुरक्षा उपकरण दिए जाते हैं, ताकि संक्रमण ना फैल सके. इसे लेकर एक विस्तृत गाइडलाइन भी बनाई गई है. वहीं, अधिकृत व्यक्ति के अलावा अन्य कोई मुर्दा घर में प्रवेश नहीं कर सकता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.