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प्रदेश के सभी आयुर्वेदिक जिला चिकित्सालयों में खोले जाएंगे पोस्ट कोविड सेंटर

राजस्थान के सभी जिला आयुर्वेद चिकित्सालयों में पोस्ट कोविड सेंटर खोले जाएंगे. जिसमें कोरोना काल में पॉजिटिव से नेगेटिव आए मरीजों का विशेषज्ञों की ओर से उपचार किया जाएगा. मरीजों का उपचार होम्योपैथिक, आयुर्वेदिक और यूनानी चिकित्सा पद्धति के जरिए किया जाएगा. इसको लेकर मंगलवार को स्वास्थ्य भवन में एक बैठक का भी आयोजन किया गया जिसमें चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा भी मौजूद रहे.

जयपुर की ताजा हिंदी खबरें,Medical Minister Raghu Sharma
प्रदेश के सभी आयुर्वेदिक जिला चिकित्सालयों में खोले जाएंगे पोस्ट कोविड सेंटर
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Published : Dec 15, 2020, 7:55 PM IST

जयपुर. प्रदेश के सभी जिला आयुर्वेद चिकित्सालयों में पोस्ट कोविड सेंटर खोले जाएंगे. इन सेंटर्स में होम्योपैथिक, आयुर्वेदिक और यूनानी चिकित्सा पद्धति के जरिए कोरोना काल में पॉजिटिव से नेगेटिव आए मरीजों का विशेषज्ञों की ओर से उपचार किया जाएगा. मंगलवार को स्वास्थ्य भवन में इसे लेकर एक बैठक भी आयोजित की गई. जहां आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी, योग और प्राकृतिक चिकित्सा विभाग की विभागीय सलाहकार समिति के सदस्यों के अलावा प्रदेश के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा भी मौजूद रहे.

इस मौके पर चिकित्सा मंत्री मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि प्रदेश में मेडिको टूरिज्म की प्रबल संभावना है, इसी को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में 20 ऐसी जगहों को चिन्हित किया गया है, जहां सबसे ज्यादा पर्यटकों की आवाजाही है. उन्होंने बताया कि इस स्थानों पर पीपीई मोड पर अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त योगा केंद्र खोले जाएंगे.

मंत्री ने कहा की पूरी दुनिया ने कोराना काल में आयुष पद्धति का लोहा माना है. जहां किसी भी चिकित्सा पद्धति में कोई कोई इलाज नहीं खोजा गया था, वहीं आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति से सकारात्मक परिणाम आने लगे थे. उन्होंने कहा कि सरकार आयुर्वेद, होम्योपैथी और यूनानी चिकित्सा पद्धति के संरक्षण और संवर्धन के लिए संकल्पित है और इसकी बेहतरी के लिए काम कर रही है. बैठक में राज्य में आयुर्वेद व भारतीय चिकित्सा पद्धतियों के विकास के बारे में विस्तार से चर्चा की गई और दिशा-निर्देश दिए गए.

मंत्री ने प्रदेश भर में 17 स्थानों पर बोटनिकल गार्डन विकसित करने के लिए रूपरेखा बनाने के निर्देश दिए. इन स्थानों पर संबंधित द्रव्य गुण विज्ञान के विशेषज्ञ चिकित्सको को तैनात करने और कृषकों के सहयोग से विकसित करने के निर्देश दिए. उन्होंने यहां सार्वजनिक निजी सहभागिता से विकसित करने का सुझाव दिया गया. उन्होंने प्रत्येक आयुष चिकित्सालय में 10 प्रकार के औषधीय पादप लगाने के निर्देश दिए.

पढ़ें- राजस्थान : जिला परिषद चुनाव में बगावत करने वाले इन 4 भाजपा नेताओं पर गिरी गाज...

उन्होंने गूगल, तुलसी, गिलोय, अश्वगंधा, अर्जुन सहित अन्य पौधे लगाने पर विशेष बल दिया गया. इस मौके पर निरोगी राजस्थान अभियान में आयुर्वेद और भारतीय चिकित्सा विभाग की भूमिका को बढ़ाकर इसे जन आन्दोलन बनाने, आयुर्वेद चिकित्सा केन्द्रों को हैल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर्स के रूप में विकसित करने, मेडिसिनल प्लान्ट्स की खेती को बढावा देने, विभागान्तर्गत संचालित रसायनशालाओं का सुदृढीकरण करने, राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय जोधपुर अवस्थित पंचकर्म केन्द्र को सेन्टर फॉर एक्सीलेंस के रूप में विकसित करने, राजस्थान योग और प्राकृतिक चिकित्सा बोर्ड के पुर्नगठन की कार्रवाई करने, विभागान्तर्गत रिक्त पदों पर भर्ती की कार्रवाई करने, आयुष संविदा चिकित्सकों और नर्स कम्पाउण्डर्स के मानदेय वृद्धि के लिए पूरक प्रस्ताव राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अन्तर्गत भारत सरकार को भिजवाए जाने सहित कई विषयों पर चर्चा की गई.

जयपुर. प्रदेश के सभी जिला आयुर्वेद चिकित्सालयों में पोस्ट कोविड सेंटर खोले जाएंगे. इन सेंटर्स में होम्योपैथिक, आयुर्वेदिक और यूनानी चिकित्सा पद्धति के जरिए कोरोना काल में पॉजिटिव से नेगेटिव आए मरीजों का विशेषज्ञों की ओर से उपचार किया जाएगा. मंगलवार को स्वास्थ्य भवन में इसे लेकर एक बैठक भी आयोजित की गई. जहां आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी, योग और प्राकृतिक चिकित्सा विभाग की विभागीय सलाहकार समिति के सदस्यों के अलावा प्रदेश के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा भी मौजूद रहे.

इस मौके पर चिकित्सा मंत्री मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि प्रदेश में मेडिको टूरिज्म की प्रबल संभावना है, इसी को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में 20 ऐसी जगहों को चिन्हित किया गया है, जहां सबसे ज्यादा पर्यटकों की आवाजाही है. उन्होंने बताया कि इस स्थानों पर पीपीई मोड पर अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त योगा केंद्र खोले जाएंगे.

मंत्री ने कहा की पूरी दुनिया ने कोराना काल में आयुष पद्धति का लोहा माना है. जहां किसी भी चिकित्सा पद्धति में कोई कोई इलाज नहीं खोजा गया था, वहीं आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति से सकारात्मक परिणाम आने लगे थे. उन्होंने कहा कि सरकार आयुर्वेद, होम्योपैथी और यूनानी चिकित्सा पद्धति के संरक्षण और संवर्धन के लिए संकल्पित है और इसकी बेहतरी के लिए काम कर रही है. बैठक में राज्य में आयुर्वेद व भारतीय चिकित्सा पद्धतियों के विकास के बारे में विस्तार से चर्चा की गई और दिशा-निर्देश दिए गए.

मंत्री ने प्रदेश भर में 17 स्थानों पर बोटनिकल गार्डन विकसित करने के लिए रूपरेखा बनाने के निर्देश दिए. इन स्थानों पर संबंधित द्रव्य गुण विज्ञान के विशेषज्ञ चिकित्सको को तैनात करने और कृषकों के सहयोग से विकसित करने के निर्देश दिए. उन्होंने यहां सार्वजनिक निजी सहभागिता से विकसित करने का सुझाव दिया गया. उन्होंने प्रत्येक आयुष चिकित्सालय में 10 प्रकार के औषधीय पादप लगाने के निर्देश दिए.

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उन्होंने गूगल, तुलसी, गिलोय, अश्वगंधा, अर्जुन सहित अन्य पौधे लगाने पर विशेष बल दिया गया. इस मौके पर निरोगी राजस्थान अभियान में आयुर्वेद और भारतीय चिकित्सा विभाग की भूमिका को बढ़ाकर इसे जन आन्दोलन बनाने, आयुर्वेद चिकित्सा केन्द्रों को हैल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर्स के रूप में विकसित करने, मेडिसिनल प्लान्ट्स की खेती को बढावा देने, विभागान्तर्गत संचालित रसायनशालाओं का सुदृढीकरण करने, राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय जोधपुर अवस्थित पंचकर्म केन्द्र को सेन्टर फॉर एक्सीलेंस के रूप में विकसित करने, राजस्थान योग और प्राकृतिक चिकित्सा बोर्ड के पुर्नगठन की कार्रवाई करने, विभागान्तर्गत रिक्त पदों पर भर्ती की कार्रवाई करने, आयुष संविदा चिकित्सकों और नर्स कम्पाउण्डर्स के मानदेय वृद्धि के लिए पूरक प्रस्ताव राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अन्तर्गत भारत सरकार को भिजवाए जाने सहित कई विषयों पर चर्चा की गई.

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