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Special: सदन में माननीय को लग रही कोरोना वैक्सीन लेकिन प्रदेश में खत्म हुआ स्टॉक, शुरू हुई सियासत

कोरोना उपचार प्रबंधन में देशभर में सिरमौर रहने वाला राजस्थान अब कोरोना वैक्सीनेशन के काम में पिछड़ रहा है. इसकी वजह केंद्र से मिलने वाली वैक्सीन आपूर्ति व्यवस्था में ढिलाई है और अब यही प्रदेश में सियासत का मुद्दा बन चुका है. चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने जहां कोरोना वैक्सीन खत्म होने की बात कही है तो दूसरी ओर विधानसभा के भीतर विधायक और उनके परिजनों को वैक्सीनेशन का काम यथावत जारी है.

Politics on corona vaccine in Rajasthan,  Politics on Corona Vaccine
राजस्थान में कोरोना वैक्सीन पर सियासत
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Published : Mar 9, 2021, 10:49 PM IST

जयपुर. राजस्थान विधानसभा के भीतर सोमवार से विधायक, पूर्व विधायक और उनके परिजनों को कोरोना वैक्सीन लगाने का काम शुरू हुआ, जो मंगलवार को भी यथावत जारी रहा. मंत्रियों के साथ कई विधायकों ने मंगलवार को कोरोना का टीका लगवाया, लेकिन विधानसभा के बाहर अब कोरोना का टीकाकरण का काम प्रभावित होना तय है. इसका कारण है कि केंद्र की ओर से पर्याप्त मात्रा में राजस्थान को वैक्सीन उपलब्ध नहीं कराना.

राजस्थान में कोरोना वैक्सीन पर सियासत

पढ़ें- राजस्थान विधानसभा: सदन में विधायक घोघरा ने खुद को हिंदू मानने से किया इनकार...ओबीसी आरक्षण में भी उठी वर्गीकरण की मांग

नहीं बची कोरोना वैक्सीन, केंद्र से की मांग तो कहा वैक्सीनेशन कार्य की गति करें धीमी: रघु शर्मा

चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा कहते हैं कि अब हमारे पास वैक्सीन नहीं बची. शर्मा को मौजूदा स्थिति की जानकारी पहले से थी इसलिए 5 मार्च को शर्मा ने नीति आयोग और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से बात भी की और पत्राचार भी किया. वहीं, मुख्यमंत्री ने भी इस मामले में केंद्र को पत्र लिखा तब कहीं जाकर जयपुर में 82 हजार और उदयपुर में 57 हजार कोरोना वैक्सीन भेजी गई.

अब जिस प्रदेश में दो से ढाई लाख व्यक्तियों को प्रतिदिन वैक्सीन लगाई जा रही हो वहां ये संख्या ऊंट के मुंह में जीरे के बराबर है. चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा कहते हैं कि हमारे पास वैक्सीन रखने की पर्याप्त व्यवस्था है और टीकाकरण करने के लिए बेहतरीन स्टाफ भी, लेकिन नहीं है तो केवल कोरोना वैक्सीन. शर्मा ने कहा कि हमने केंद्र सरकार से 60 लाख वैक्सीन उपलब्ध कराने की मांग की है, लेकिन केंद्र सरकार ने कहा कि राजस्थान में वैक्सीनेशन कार्य की गति को स्लो करें.

केंद्र में भाजपा की सरकार है और राजस्थान में कांग्रेस की, लिहाजा कोरोना वैक्सीन की कमी हुई तो मुद्दा सियासी हो गया. यही कारण है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद डोटासरा ने भी इस मामले में केंद्र की मोदी सरकार पर जुबानी हमला कर दिया. डोटासरा ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना वैक्सीन बनाने वाले वैज्ञानिकों के बीच जाकर फोटो सेशन कर अपनी ब्रांडिंग का काम तो बखूबी करते हैं, लेकिन राजस्थान में कोरोना वैक्सीन भेजने पर उनका ध्यान नहीं है.

ना करें सियासी बयानबाजी क्योंकि अब बढ़ गई है वैक्सीन की डिमांड: पूनिया

वहीं, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया भी कहते हैं कि इस मामले में किसी सियासी बयानबाजी की आवश्यकता नहीं है क्योंकि अब डिमांड बढ़ गई है. यहां पर भी डिमांड और सप्लाई का नियम लागू होता है. पूनिया ने कहा कि मुझे पूरा भरोसा है कि जल्द ही यहां पर बड़ी मात्रा में वैक्सीन आ जाएगी.

जयपुर में है पर्याप्त स्टॉक, नेता जी को नहीं आएगी कोई कमी

चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा कहते हैं कि हमारे पास व्यक्ति नहीं है क्योंकि केंद्र उपलब्ध नहीं करा रहा बावजूद इसके राजस्थान विधानसभा में वैक्सीनेशन का काम जारी है वो इसलिए क्योंकि जयपुर में वैक्सीन प्रयाप्त मात्रा में उपलब्ध है, जिससे विधानसभा के भीतर तो वैक्सीनेशन का काम आराम से हो जाएगा. जयपुर सीएमएचओ डॉ. नरोत्तम शर्मा कहते हैं कि जल्द ही केंद्र से भी और वैक्सीन आने की उम्मीद है.

पढ़ें- SPECIAL : राजस्थान में 1 करोड़ 65 लाख उपभोक्ताओं की एलपीजी सब्सिडी हुई बंद

राजस्थान की आबादी करीब 7 करोड़ है, लेकिन 1 जनवरी से शुरू हुए वैक्सीनेशन के काम में अब तक केवल प्रदेश में 2 लाख 36 हजार से अधिक लोगों को ही वैक्सीन लग पाई है जो प्रदेश की आबादी का मात्र 3.05 फीसदी है. मतलब अभी बड़ी मात्रा में राजस्थान में लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाना बाकी है, लेकिन यह तभी संभव है जब पर्याप्त मात्रा में कोरोना वैक्सीन प्रदेश को उपलब्ध हो सके. इसमें राजनीति कम और काम ज्यादा हो.

जयपुर. राजस्थान विधानसभा के भीतर सोमवार से विधायक, पूर्व विधायक और उनके परिजनों को कोरोना वैक्सीन लगाने का काम शुरू हुआ, जो मंगलवार को भी यथावत जारी रहा. मंत्रियों के साथ कई विधायकों ने मंगलवार को कोरोना का टीका लगवाया, लेकिन विधानसभा के बाहर अब कोरोना का टीकाकरण का काम प्रभावित होना तय है. इसका कारण है कि केंद्र की ओर से पर्याप्त मात्रा में राजस्थान को वैक्सीन उपलब्ध नहीं कराना.

राजस्थान में कोरोना वैक्सीन पर सियासत

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नहीं बची कोरोना वैक्सीन, केंद्र से की मांग तो कहा वैक्सीनेशन कार्य की गति करें धीमी: रघु शर्मा

चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा कहते हैं कि अब हमारे पास वैक्सीन नहीं बची. शर्मा को मौजूदा स्थिति की जानकारी पहले से थी इसलिए 5 मार्च को शर्मा ने नीति आयोग और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से बात भी की और पत्राचार भी किया. वहीं, मुख्यमंत्री ने भी इस मामले में केंद्र को पत्र लिखा तब कहीं जाकर जयपुर में 82 हजार और उदयपुर में 57 हजार कोरोना वैक्सीन भेजी गई.

अब जिस प्रदेश में दो से ढाई लाख व्यक्तियों को प्रतिदिन वैक्सीन लगाई जा रही हो वहां ये संख्या ऊंट के मुंह में जीरे के बराबर है. चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा कहते हैं कि हमारे पास वैक्सीन रखने की पर्याप्त व्यवस्था है और टीकाकरण करने के लिए बेहतरीन स्टाफ भी, लेकिन नहीं है तो केवल कोरोना वैक्सीन. शर्मा ने कहा कि हमने केंद्र सरकार से 60 लाख वैक्सीन उपलब्ध कराने की मांग की है, लेकिन केंद्र सरकार ने कहा कि राजस्थान में वैक्सीनेशन कार्य की गति को स्लो करें.

केंद्र में भाजपा की सरकार है और राजस्थान में कांग्रेस की, लिहाजा कोरोना वैक्सीन की कमी हुई तो मुद्दा सियासी हो गया. यही कारण है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद डोटासरा ने भी इस मामले में केंद्र की मोदी सरकार पर जुबानी हमला कर दिया. डोटासरा ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना वैक्सीन बनाने वाले वैज्ञानिकों के बीच जाकर फोटो सेशन कर अपनी ब्रांडिंग का काम तो बखूबी करते हैं, लेकिन राजस्थान में कोरोना वैक्सीन भेजने पर उनका ध्यान नहीं है.

ना करें सियासी बयानबाजी क्योंकि अब बढ़ गई है वैक्सीन की डिमांड: पूनिया

वहीं, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया भी कहते हैं कि इस मामले में किसी सियासी बयानबाजी की आवश्यकता नहीं है क्योंकि अब डिमांड बढ़ गई है. यहां पर भी डिमांड और सप्लाई का नियम लागू होता है. पूनिया ने कहा कि मुझे पूरा भरोसा है कि जल्द ही यहां पर बड़ी मात्रा में वैक्सीन आ जाएगी.

जयपुर में है पर्याप्त स्टॉक, नेता जी को नहीं आएगी कोई कमी

चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा कहते हैं कि हमारे पास व्यक्ति नहीं है क्योंकि केंद्र उपलब्ध नहीं करा रहा बावजूद इसके राजस्थान विधानसभा में वैक्सीनेशन का काम जारी है वो इसलिए क्योंकि जयपुर में वैक्सीन प्रयाप्त मात्रा में उपलब्ध है, जिससे विधानसभा के भीतर तो वैक्सीनेशन का काम आराम से हो जाएगा. जयपुर सीएमएचओ डॉ. नरोत्तम शर्मा कहते हैं कि जल्द ही केंद्र से भी और वैक्सीन आने की उम्मीद है.

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राजस्थान की आबादी करीब 7 करोड़ है, लेकिन 1 जनवरी से शुरू हुए वैक्सीनेशन के काम में अब तक केवल प्रदेश में 2 लाख 36 हजार से अधिक लोगों को ही वैक्सीन लग पाई है जो प्रदेश की आबादी का मात्र 3.05 फीसदी है. मतलब अभी बड़ी मात्रा में राजस्थान में लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाना बाकी है, लेकिन यह तभी संभव है जब पर्याप्त मात्रा में कोरोना वैक्सीन प्रदेश को उपलब्ध हो सके. इसमें राजनीति कम और काम ज्यादा हो.

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