जयपुर. वसुंधरा राजे सरकार के अंतिम 6 माह में हुए निर्णय की समीक्षा के लिए बनाई गई मंत्रिमंडलीय उपसमिति के भंग होने पर सियासत गरमा गई है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने इस मामले में प्रदेश की गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा की राज्य सरकार की हालत इस मामले में खोदा पहाड़ निकली चुहिया के समान हो चुकी है.
पूनिया ने कहा कि गहलोत सरकार ने पिछली भाजपा सरकार के निर्णयों की समीक्षा द्वेष के आधार पर थी जबकि तर्कों के आधार पर मंत्रिमंडलीय उप समिति को निर्णय में कोई खामी नहीं मिली. वहीं, भाजपा के लगाए गए आरोपों को सत्तारूढ़ कांग्रेस ने सिरे से खारिज कर दिया.
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ऊर्जा मंत्री डॉक्टर बी. डी. कल्ला के अनुसार प्रदेश सरकार ने अपना काम ईमानदारी से किया और करीब 8 मामलों में वसुंधरा सरकार के निर्णय में खामी पाई गई. उनके अनुसार विपक्ष का काम केवल आरोप लगाना है इसलिए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष आरोप लगाएंगे ही लेकिन उन्हें इस बात को लेकर खुश होना चाहिए कि प्रदेश सरकार ने अपना काम पूरा इमानदारी से किया.
गौरतलब है कि वसुंधरा राजे सरकार के अंतिम 6 माह के कार्यकाल में लिए गए निर्णय की समीक्षा के लिए प्रदेश गहलोत सरकार ने यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल सब कमेटी बनाई थी. कमेटी ने लंबे समय तक समीक्षा की लेकिन अधिकतर विभागों अधिकारियों की ओर से पूछे गए प्रश्नों के मामले में जवाब ही नहीं दिया गया.
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कुछ मामलों पर समीक्षा हुई उसके बाद कमेटी ने तमाम मामले संबंधित विभागों को भेज दिया. वहीं जो मामले इस कमेटी में गए थे उस में से अधिकांश पूरी तरह सही पाए गए. अब भाजपा नेता इस पूरे मामले में प्रदेश सरकार पर निशाना साध रहे हैं.