ETV Bharat / city

Special : सड़क हादसों में कमी लाएगी जयपुर पुलिस, कर रही ये 'खास' काम - इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट प्रोजेक्ट

राजधानी में होने वाले सड़क हादसों में कमी लाने के लिए और सड़क हादसों के चलते होने वाली मौत के आंकड़ों को कम करने के लिए जयपुर ट्रैफिक पुलिस नए-नए तरीके अपना रही है. इसे लेकर पुलिस एक 'खास' प्रोजेक्ट पर काम कर रही है और उम्मीद जता रही है कि इसके जरिये कई जिंदगियां बचाई जा सकती हैं. देखिये जयपुर से ये खास रिपोर्ट...

road accident in jaipur
सड़क हादसों में कमी लाएगी जयपुर पुलिस
author img

By

Published : Mar 18, 2021, 1:31 PM IST

Updated : Mar 18, 2021, 5:41 PM IST

जयपुर. राजधानी में सड़क हादसों पर कंट्रोल करने को लेकर जयपुर ट्रैफिक पुलिस की कोशिश लगातार जारी है. इसके लिए नए-नए तरीके भी अपनाए जा रहे हैं. इस मुद्दे पर ईटीवी भारत से बातचीत में डीसीपी ट्रैफिक आदर्श सिधु ने कई जानकारियां दी. उन्होंने बताया कि साउथ इंडिया में सड़क हादसों में कमी लाने के लिए और विशेषकर मौत के आंकड़ों को कम करने के लिए एक स्पेशल प्रोजेक्ट चलाया गया था, जिसे आई रेड नाम दिया गया था. हम इस पर भी काम कर रहे हैं.

सड़क हादसों में कमी लाने की कवायद...

उन्होंने आगे बताया कि इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट प्रोजेक्ट के तहत विभिन्न एजेंसी जिसमें ट्रैफिक पुलिस, मुंसिपल कॉरपोरेशन व अन्य विभाग ने मिलकर काम किया और सड़क हादसों में कमी लाने के तमाम पहलुओं पर गंभीर विचार करते हुए अनेक तरह के प्रयोग किए. आई रेड प्रोजेक्ट के तहत किए गए कार्यों के चलते ना केवल सड़क हादसों में होने वाली मौत के आंकड़ों में कमी दर्ज की गई, बल्कि सड़क हादसों की संख्या भी कम हुई.

road accident in jaipur
जयपुर में ट्रैफिक...

ट्रैफिक पुलिस लगातार कर रही काम...

आदर्श सिधु ने बताया कि सड़क हादसों में होने वाली मौत और सड़क हादसों की संख्या में कमी लाने के लिए ट्रैफिक पुलिस लगातार काम कर रही है. सड़क सुरक्षा माह के दौरान विभिन्न तरीके अपनाकर लोगों को यातायात नियमों की पालना करने के प्रति प्रेरित किया गया और इसके साथ ही यातायात नियमों के उल्लंघन को लेकर जागरूक भी किया गया. जयपुर ट्रैफिक पुलिस द्वारा की गई जागरूकता के चलते राजधानी में होने वाले सड़क हादसों में कमी दर्ज की गई. पूरे साल भर सड़क हादसों में इसी प्रकार से कमी दर्ज की जाए और सड़क हादसों में होने वाले मौत के आंकड़ों को कम किया जाए. इसके लिए लगातार नए प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है.

पढ़ें : SPECIAL: कोरोना काल में राजस्थान में बढ़ी मादक पदार्थों की तस्करी...पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाई

जयपुर ट्रैफिक पुलिस कर रही कई पायलट प्रोजेक्ट पर काम...

आदर्श सिधु ने बताया कि सबसे महत्वपूर्ण आई रेड प्रोजेक्ट है, जिसके तहत जयपुर ट्रैफिक पुलिस, नगर निगम और जेडीए के साथ मिलकर काम कर रही है. इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट प्रोजेक्ट के तहत जयपुर ट्रैफिक पुलिस द्वारा शहर के उन स्पॉट को चिन्हित किया जाता है, जहां पर सर्वाधिक सड़क हादसे घटित होते हैं और हादसों में लोगों की जान जाती है. उन तमाम स्पॉट को चिन्हित करने के बाद एक एप में डाला जाता है और फिर नगर निगम व जेडीए के साथ उन स्पॉट को लेकर चर्चा की जाती है. उन स्पॉट पर जिन खामियों के चलते सड़क हादसे घटित हो रहे हैं, उन्हें दूर करने का काम किया जाता है. इसके साथ ही शहर के तमाम प्रमुख मार्गों पर आईटीएमएस प्रोजेक्ट के तहत ऑटोमेटिक चालान जनरेट करने वाले कैमरे भी लगाए जा रहे हैं.

road accident in jaipur
सड़क हादसे की तस्वीर...

पढ़ें : SPECIAL : जयपुर हेरिटेज नगर निगम में सफाई व्यवस्था बेपटरी...पक्ष-विपक्ष में आरोप-प्रत्यारोप का दौर

BRTS कॉरिडोर में होने वाले हादसों को लेकर भी किया जा रहा मंथन...

डीसीपी ट्रैफिक आदर्श सिधु ने बताया कि राजधानी में बीआरटीएस कॉरिडोर में होने वाले हादसों को लेकर भी गंभीर चिंतन किया जा रहा है. राजधानी में चौमूं पुलिया से रोड नंबर 14 सीकर रोड, एलिवेटेड रोड से 200 फिट तक अजमेर रोड और 200 फिट रोड से प्रधान वाटिका तक बीआरटीएस कॉरिडोर बने हुए हैं. बीआरटीएस कॉरिडोर कितने व्यवहारिक है. इसे लेकर विभिन्न एजेंसियों के साथ चर्चा की जा रही है. शहर में अधिकांश बीआरटीएस कॉरिडोर में बसों का संचालन नहीं हो रहा है. जिसके चलते कॉरिडोर में आमजन अपने वाहनों को तेजी से दौड़ाते हैं और फिर सड़क हादसों का शिकार हो जाते हैं. ऐसे में बीआरटीएस कॉरिडोर में होने वाले हादसों को रोकने के लिए भी प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं और जल्द ही कॉरिडोर को लेकर भी अहम फैसला संभावित विभाग के द्वारा लिया जाने वाला है.

राजधानी में पिछले 3 वर्षों में हुए सड़क हादसों का तुलनात्मक अध्ययन...

eye red projects
सड़क हादसों का तुलनात्मक अध्ययन...

बीआरटीएस कॉरिडोर के अंदर पिछले 3 वर्षों में हुए सड़क हादसों का विवरण...

eye red projects
सड़क हादसों का विवरण...

जयपुर. राजधानी में सड़क हादसों पर कंट्रोल करने को लेकर जयपुर ट्रैफिक पुलिस की कोशिश लगातार जारी है. इसके लिए नए-नए तरीके भी अपनाए जा रहे हैं. इस मुद्दे पर ईटीवी भारत से बातचीत में डीसीपी ट्रैफिक आदर्श सिधु ने कई जानकारियां दी. उन्होंने बताया कि साउथ इंडिया में सड़क हादसों में कमी लाने के लिए और विशेषकर मौत के आंकड़ों को कम करने के लिए एक स्पेशल प्रोजेक्ट चलाया गया था, जिसे आई रेड नाम दिया गया था. हम इस पर भी काम कर रहे हैं.

सड़क हादसों में कमी लाने की कवायद...

उन्होंने आगे बताया कि इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट प्रोजेक्ट के तहत विभिन्न एजेंसी जिसमें ट्रैफिक पुलिस, मुंसिपल कॉरपोरेशन व अन्य विभाग ने मिलकर काम किया और सड़क हादसों में कमी लाने के तमाम पहलुओं पर गंभीर विचार करते हुए अनेक तरह के प्रयोग किए. आई रेड प्रोजेक्ट के तहत किए गए कार्यों के चलते ना केवल सड़क हादसों में होने वाली मौत के आंकड़ों में कमी दर्ज की गई, बल्कि सड़क हादसों की संख्या भी कम हुई.

road accident in jaipur
जयपुर में ट्रैफिक...

ट्रैफिक पुलिस लगातार कर रही काम...

आदर्श सिधु ने बताया कि सड़क हादसों में होने वाली मौत और सड़क हादसों की संख्या में कमी लाने के लिए ट्रैफिक पुलिस लगातार काम कर रही है. सड़क सुरक्षा माह के दौरान विभिन्न तरीके अपनाकर लोगों को यातायात नियमों की पालना करने के प्रति प्रेरित किया गया और इसके साथ ही यातायात नियमों के उल्लंघन को लेकर जागरूक भी किया गया. जयपुर ट्रैफिक पुलिस द्वारा की गई जागरूकता के चलते राजधानी में होने वाले सड़क हादसों में कमी दर्ज की गई. पूरे साल भर सड़क हादसों में इसी प्रकार से कमी दर्ज की जाए और सड़क हादसों में होने वाले मौत के आंकड़ों को कम किया जाए. इसके लिए लगातार नए प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है.

पढ़ें : SPECIAL: कोरोना काल में राजस्थान में बढ़ी मादक पदार्थों की तस्करी...पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाई

जयपुर ट्रैफिक पुलिस कर रही कई पायलट प्रोजेक्ट पर काम...

आदर्श सिधु ने बताया कि सबसे महत्वपूर्ण आई रेड प्रोजेक्ट है, जिसके तहत जयपुर ट्रैफिक पुलिस, नगर निगम और जेडीए के साथ मिलकर काम कर रही है. इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट प्रोजेक्ट के तहत जयपुर ट्रैफिक पुलिस द्वारा शहर के उन स्पॉट को चिन्हित किया जाता है, जहां पर सर्वाधिक सड़क हादसे घटित होते हैं और हादसों में लोगों की जान जाती है. उन तमाम स्पॉट को चिन्हित करने के बाद एक एप में डाला जाता है और फिर नगर निगम व जेडीए के साथ उन स्पॉट को लेकर चर्चा की जाती है. उन स्पॉट पर जिन खामियों के चलते सड़क हादसे घटित हो रहे हैं, उन्हें दूर करने का काम किया जाता है. इसके साथ ही शहर के तमाम प्रमुख मार्गों पर आईटीएमएस प्रोजेक्ट के तहत ऑटोमेटिक चालान जनरेट करने वाले कैमरे भी लगाए जा रहे हैं.

road accident in jaipur
सड़क हादसे की तस्वीर...

पढ़ें : SPECIAL : जयपुर हेरिटेज नगर निगम में सफाई व्यवस्था बेपटरी...पक्ष-विपक्ष में आरोप-प्रत्यारोप का दौर

BRTS कॉरिडोर में होने वाले हादसों को लेकर भी किया जा रहा मंथन...

डीसीपी ट्रैफिक आदर्श सिधु ने बताया कि राजधानी में बीआरटीएस कॉरिडोर में होने वाले हादसों को लेकर भी गंभीर चिंतन किया जा रहा है. राजधानी में चौमूं पुलिया से रोड नंबर 14 सीकर रोड, एलिवेटेड रोड से 200 फिट तक अजमेर रोड और 200 फिट रोड से प्रधान वाटिका तक बीआरटीएस कॉरिडोर बने हुए हैं. बीआरटीएस कॉरिडोर कितने व्यवहारिक है. इसे लेकर विभिन्न एजेंसियों के साथ चर्चा की जा रही है. शहर में अधिकांश बीआरटीएस कॉरिडोर में बसों का संचालन नहीं हो रहा है. जिसके चलते कॉरिडोर में आमजन अपने वाहनों को तेजी से दौड़ाते हैं और फिर सड़क हादसों का शिकार हो जाते हैं. ऐसे में बीआरटीएस कॉरिडोर में होने वाले हादसों को रोकने के लिए भी प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं और जल्द ही कॉरिडोर को लेकर भी अहम फैसला संभावित विभाग के द्वारा लिया जाने वाला है.

राजधानी में पिछले 3 वर्षों में हुए सड़क हादसों का तुलनात्मक अध्ययन...

eye red projects
सड़क हादसों का तुलनात्मक अध्ययन...

बीआरटीएस कॉरिडोर के अंदर पिछले 3 वर्षों में हुए सड़क हादसों का विवरण...

eye red projects
सड़क हादसों का विवरण...
Last Updated : Mar 18, 2021, 5:41 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.