जयपुर. पुलिस अधिकारी का निशाना कितना अचूक है, इसका आकलन सिमुलेशन फायरिंग के तहत किया जाता है. इसके साथ ही इस फायरिंग तकनीक के जरिए पुलिस अधिकारी अपने निशाने को और भी ज्यादा एक्यूरेट बना सकता है. किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए और बदमाशों पर काबू पाने के लिए निशाने का अचूक होना बेहद आवश्यक है.
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डीसीपी हेड क्वॉर्टर डॉ. अमृता दुहन ने बताया, राजस्थान पुलिस एकेडमी में इंस्पेक्टर और उससे ऊपर की रैंक के अधिकारियों के लिए सिमुलेशन फायरिंग का कोर्स करवाया जा रहा है. यह एक कंप्यूटर बेस्ड फायरिंग कोर्स होता है, जिसमें हथियारों में गोलियों का प्रयोग नहीं किया जाता है. बल्कि एक कंप्यूटराइज प्रोग्राम के तहत स्क्रीन पर निशाना लगाया जाता है, जिससे निशाना लगाने वाले व्यक्ति की निशाना लगाने की क्षमता और हथियार की हैंडलिंग से संबंधित तमाम बारीकियों का आकलन किया जाता है.
यह कोर्स इंडोर फायरिंग रेंज में आयोजित किया जाता है और इसके काफी सकारात्मक परिणाम देखने को मिलते हैं. किसी भी तरह की आपातकालीन स्थिति में बदमाशों से निपटने के लिए और बदमाशों को काबू में करने के लिए अचूक निशाना लगाने के लिए अधिकारियों को मेंटली प्रिपेयर रहने के उद्देश्य के साथ यह कोर्स करवाया जाता है.