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जयुपर: चूड़ी कारखाने से 2 बाल मजदूरों को पुलिस ने कराया मुक्त - Child labor in jaipur

चूड़ी के कारखाने से पुलिस ने बाल मजदूरों को रिहा कराया है. पुलिस ने यह कार्रवाई बचपन बचाओ आंदोलन समिति के साथ मिलकर की. भट्टा बस्ती इलाके एक चूड़ी कारखाने से पुलिस ने 2 बाल मजदूरों को छुड़वाया है. दोनों बाल मजदूर पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं.

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चूड़ी कारखाने से 2 बाल मजदूरों को पुलिस ने कराया मुक्त
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Published : Jul 20, 2020, 12:33 AM IST

जयपुर. चूड़ी के कारखाने से पुलिस ने बाल मजदूरों को रिहा कराया है. पुलिस ने यह कार्रवाई बचपन बचाओ आंदोलन समिति के साथ मिलकर की. भट्टा बस्ती इलाके एक चूड़ी कारखाने से पुलिस ने 2 बाल मजदूरों को छुड़वाया है. दोनों बाल मजदूर पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं. पुलिस के अनुसार दोनों बच्चों को पढ़ाई-लिखाई का लालच देकर जयपुर लाया गया था और बाद में उनसे चूड़ी बनाने के कारखाने में काम करवाया जा रहा था.

पढ़ें: डूंगरपुर: 6 बाल मजदूरों को कराया गया मुक्त, मजदूरी के लिए भेजा जा रहा था गुजरात

पुलिस ने बालश्रम करवाने वाले आरोपी सरफुद्दीन को भी मौके से गिरफ्तार कर लिया. बचपन बचाओ आंदोलन को इन बाल मजदूरों की सूचना मिली थी कि दो बच्चों से चूड़ी बनाने के कारखाने में काम करवाया जा रहा है. जिसके बाद पुलिस ने दोनों बाल मजदूरों को कारखाने से छुड़वाया. जानकारी के मुताबिक बच्चों से करीब 17 से 18 घंटे काम करवाया जाता था और समय पर भोजन भी नहीं दिया जाता था. बच्चों को कारखाने से बाहर भी नहीं जाने दिया जाता था. बच्चों से जबरदस्ती दिन-रात काम करवाया जा रहा था.

शनिवार को भी बाल श्रमिकों को करवाया था मुक्त

जयपुर पुलिस ने शनिवार को भी चूड़ी बनाने के कारखाने से 9 बाल मजदूरों को छुड़वाया था. सभी 9 बाल मजदूर बिहार के रहने वाले थे. डीसीपी नॉर्थ राजीव पचार और एडीसीपी नॉर्थ धर्मेंद्र सागर के निर्देशन में विशेष अनुसंधान इकाई महिला अपराध नॉर्थ के एएसआई अरविंद कुमार और बचपन बचाओ आंदोलन की सूचना पर कार्रवाई को भट्ठा बस्ती थाना पुलिस के सहयोग से अंजाम दिया गया था. वहीं दूसरी जगह भट्टा बस्ती इलाके के ही संजय नगर में भी 5 बाल श्रमिकों को मुक्त करवाया गया था, जो कि बिहार के रहने वाले ही बताए जा रहे हैं.

बता दें कि दो दिन पहले बंधुआ मजदूरी के खिलाफ कार्रवाई की गई थी. बंधुआ मजदूरी के खिलाफ शिप्रा पथ थाना पुलिस और बचपन बचाओ आंदोलन समिति ने बड़ी कार्रवाई करते हुए नेपाल के दो युवक एक होटल से मुक्त करवाए थे. जो कि 12 साल से बंधक बनाकर रखे हुए थे. दोनों युवकों को बाहर भी नहीं जाने दिया जा रहा था. बचपन बचाओ आंदोलन समिति की सूचना पर कार्रवाई की गई.

जयपुर. चूड़ी के कारखाने से पुलिस ने बाल मजदूरों को रिहा कराया है. पुलिस ने यह कार्रवाई बचपन बचाओ आंदोलन समिति के साथ मिलकर की. भट्टा बस्ती इलाके एक चूड़ी कारखाने से पुलिस ने 2 बाल मजदूरों को छुड़वाया है. दोनों बाल मजदूर पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं. पुलिस के अनुसार दोनों बच्चों को पढ़ाई-लिखाई का लालच देकर जयपुर लाया गया था और बाद में उनसे चूड़ी बनाने के कारखाने में काम करवाया जा रहा था.

पढ़ें: डूंगरपुर: 6 बाल मजदूरों को कराया गया मुक्त, मजदूरी के लिए भेजा जा रहा था गुजरात

पुलिस ने बालश्रम करवाने वाले आरोपी सरफुद्दीन को भी मौके से गिरफ्तार कर लिया. बचपन बचाओ आंदोलन को इन बाल मजदूरों की सूचना मिली थी कि दो बच्चों से चूड़ी बनाने के कारखाने में काम करवाया जा रहा है. जिसके बाद पुलिस ने दोनों बाल मजदूरों को कारखाने से छुड़वाया. जानकारी के मुताबिक बच्चों से करीब 17 से 18 घंटे काम करवाया जाता था और समय पर भोजन भी नहीं दिया जाता था. बच्चों को कारखाने से बाहर भी नहीं जाने दिया जाता था. बच्चों से जबरदस्ती दिन-रात काम करवाया जा रहा था.

शनिवार को भी बाल श्रमिकों को करवाया था मुक्त

जयपुर पुलिस ने शनिवार को भी चूड़ी बनाने के कारखाने से 9 बाल मजदूरों को छुड़वाया था. सभी 9 बाल मजदूर बिहार के रहने वाले थे. डीसीपी नॉर्थ राजीव पचार और एडीसीपी नॉर्थ धर्मेंद्र सागर के निर्देशन में विशेष अनुसंधान इकाई महिला अपराध नॉर्थ के एएसआई अरविंद कुमार और बचपन बचाओ आंदोलन की सूचना पर कार्रवाई को भट्ठा बस्ती थाना पुलिस के सहयोग से अंजाम दिया गया था. वहीं दूसरी जगह भट्टा बस्ती इलाके के ही संजय नगर में भी 5 बाल श्रमिकों को मुक्त करवाया गया था, जो कि बिहार के रहने वाले ही बताए जा रहे हैं.

बता दें कि दो दिन पहले बंधुआ मजदूरी के खिलाफ कार्रवाई की गई थी. बंधुआ मजदूरी के खिलाफ शिप्रा पथ थाना पुलिस और बचपन बचाओ आंदोलन समिति ने बड़ी कार्रवाई करते हुए नेपाल के दो युवक एक होटल से मुक्त करवाए थे. जो कि 12 साल से बंधक बनाकर रखे हुए थे. दोनों युवकों को बाहर भी नहीं जाने दिया जा रहा था. बचपन बचाओ आंदोलन समिति की सूचना पर कार्रवाई की गई.

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