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POCSO court: नाबालिगों का अपहरण कर दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त को 20 साल की सजा

पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत ने दो नाबालिगों का अपहरण करने (POCSO court sentenced the accused) और एक पीड़िता के साथ दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त को 20 साल की सजा सुनाई है.

POCSO court sentenced the accused,  POCSO court
पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत.
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Published : Sep 7, 2022, 7:58 PM IST

जयपुर. जिले की पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत ने दो नाबालिगों का अपहरण करने और (accused of kidnapping and raping minors) एक पीड़िता के साथ दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त अमित शर्मा को बीस साल की सजा सुनाई है. साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर 1 लाख 90 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने कहा कि नाबालिग की सहमति कानून में कोई महत्व नहीं रखती है.

सुनवाई के दौरान पीड़िता अपने बयानों से पक्षद्रोही हुई हैं, लेकिन डीएनए रिपोर्ट से साबित है कि अभियुक्त ने एक पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया था. अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक विजया पारीक ने अदालत को बताया कि 4 जून 2020 को पीड़ित पक्ष की ओर से रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी. इसमें बताया था कि परिवार की तीन चचेरी बहनें एक दिन पहले घर से निकली थी, लेकिन वापस घर नहीं आई. रिपोर्ट में अभियुक्त पर अपहरण का संदेह भी जताया गया.

पढ़ेंः Dholpur : नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को 20 साल की सजा, 75000 का अर्थदंड

वहीं रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने करीब एक सप्ताह बाद तीनों युवतियों को बरामद कर अभियुक्त को गिरफ्तार किया. सुनवाई के दौरान एक युवती बालिग और बाकी दोनों नाबालिग साबित हुई. तीनों ने बताया कि वे अभियुक्त के साथ घूमने दिल्ली गई थी और उनके साथ अभियुक्त ने कोई गलत हरकत नहीं की. हालांकि डीएनए रिपोर्ट में आया कि अभियुक्त ने एक नाबालिग पीड़िता के साथ संबंध बनाए थे. इस पर अदालत ने मेडिकल साक्ष्य के आधार पर अभियुक्त को सजा सुनाई है.

जयपुर. जिले की पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत ने दो नाबालिगों का अपहरण करने और (accused of kidnapping and raping minors) एक पीड़िता के साथ दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त अमित शर्मा को बीस साल की सजा सुनाई है. साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर 1 लाख 90 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने कहा कि नाबालिग की सहमति कानून में कोई महत्व नहीं रखती है.

सुनवाई के दौरान पीड़िता अपने बयानों से पक्षद्रोही हुई हैं, लेकिन डीएनए रिपोर्ट से साबित है कि अभियुक्त ने एक पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया था. अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक विजया पारीक ने अदालत को बताया कि 4 जून 2020 को पीड़ित पक्ष की ओर से रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी. इसमें बताया था कि परिवार की तीन चचेरी बहनें एक दिन पहले घर से निकली थी, लेकिन वापस घर नहीं आई. रिपोर्ट में अभियुक्त पर अपहरण का संदेह भी जताया गया.

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वहीं रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने करीब एक सप्ताह बाद तीनों युवतियों को बरामद कर अभियुक्त को गिरफ्तार किया. सुनवाई के दौरान एक युवती बालिग और बाकी दोनों नाबालिग साबित हुई. तीनों ने बताया कि वे अभियुक्त के साथ घूमने दिल्ली गई थी और उनके साथ अभियुक्त ने कोई गलत हरकत नहीं की. हालांकि डीएनए रिपोर्ट में आया कि अभियुक्त ने एक नाबालिग पीड़िता के साथ संबंध बनाए थे. इस पर अदालत ने मेडिकल साक्ष्य के आधार पर अभियुक्त को सजा सुनाई है.

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