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पॉक्सो कोर्ट का फैसला: नाबालिग की सहमति का महत्व नहीं, भुगतनी होगी आजीवन कारावास की सजा

जिले की पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत ने नाबालिग का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म करने वाले 22 वर्षीय अभियुक्त दिनेश बेनीवाल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई (POCSO court decision in minor rape case) है. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि नाबालिग की सहमति कानून की नजर में कोई महत्व नहीं है. बता दें कि नाबालिग पीड़िता ने कहा था कि उसने अपनी सहमति से संबंध बनाए थे.

POCSO court decision in minor rape case
पॉक्सो कोर्ट का फैसला: नाबालिग की सहमति का महत्व नहीं, भुगतनी होगी आजीवन कारावास की सजा
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Published : Apr 30, 2022, 8:35 PM IST

जयपुर. जिले की पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत ने नाबालिग का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म करने वाले 22 वर्षीय अभियुक्त दिनेश बेनीवाल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई (Rape accused sentenced to life imprisonment in Jaipur) है. अदालत ने कहा कि अभियुक्त को शेष जीवन जेल में रखा जाए. वहीं अदालत ने अभियुक्त पर तीन लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि नाबालिग की सहमति कानून की नजर में कोई महत्व नहीं (POCSO court says minor consent not important in physical relation) है.

अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक विजया पारीक ने अदालत को बताया कि 14 अगस्त, 2019 को पीड़िता के चाचा ने मनोहरपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में कहा गया था कि उसकी दसवीं कक्षा में पढ़ने वाली भतीजी स्कूल गई थी. वहीं उसके पिता ने स्कूल जाकर पता किया, तो मालूम चला कि वह स्कूल पहुंची ही नहीं. मामले के ट्रायल के दौरान पीड़िता ने अदालत को बताया कि उसके भाई का डांस टीचर दिनेश बेनीवाल उसे ट्रेन से दिल्ली ले गया था. वहां दिनेश ने किराए का कमरा लिया और 18 अगस्त तक दोनों वहां साथ रहे. इस दौरान दिनेश ने उसके साथ कई बार संबंध बनाए. जब 18 अगस्त को वापस मनोहरपुर आ रहे थे, तो उसने अपने पिता से बात की थी. पिता के कहने पर दोनों दिल्ली स्थित उसकी बुआ के चले गए. जहां उसका पिता और पुलिस पहुंच गई. पीड़िता ने कहा कि उसने अपनी सहमति से संबंध बनाए थे.

जयपुर. जिले की पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत ने नाबालिग का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म करने वाले 22 वर्षीय अभियुक्त दिनेश बेनीवाल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई (Rape accused sentenced to life imprisonment in Jaipur) है. अदालत ने कहा कि अभियुक्त को शेष जीवन जेल में रखा जाए. वहीं अदालत ने अभियुक्त पर तीन लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि नाबालिग की सहमति कानून की नजर में कोई महत्व नहीं (POCSO court says minor consent not important in physical relation) है.

अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक विजया पारीक ने अदालत को बताया कि 14 अगस्त, 2019 को पीड़िता के चाचा ने मनोहरपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में कहा गया था कि उसकी दसवीं कक्षा में पढ़ने वाली भतीजी स्कूल गई थी. वहीं उसके पिता ने स्कूल जाकर पता किया, तो मालूम चला कि वह स्कूल पहुंची ही नहीं. मामले के ट्रायल के दौरान पीड़िता ने अदालत को बताया कि उसके भाई का डांस टीचर दिनेश बेनीवाल उसे ट्रेन से दिल्ली ले गया था. वहां दिनेश ने किराए का कमरा लिया और 18 अगस्त तक दोनों वहां साथ रहे. इस दौरान दिनेश ने उसके साथ कई बार संबंध बनाए. जब 18 अगस्त को वापस मनोहरपुर आ रहे थे, तो उसने अपने पिता से बात की थी. पिता के कहने पर दोनों दिल्ली स्थित उसकी बुआ के चले गए. जहां उसका पिता और पुलिस पहुंच गई. पीड़िता ने कहा कि उसने अपनी सहमति से संबंध बनाए थे.

पढ़ें: संबंध बनाने के लिए नाबालिग की सहमति मान्य नहीं, कोर्ट ने दुष्कर्मी को सुनाई 20 साल की सजा

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