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पीएम मोदी के राजस्थान दौरे की तैयारियां : 7 मार्च को पोकरण में 'वायुशक्ति युद्धाभ्यास', PM मोदी बनेंगे साक्षी

7 मार्च को भारतीय वायुसेना अपना दमखम (Vayushakti exercise in Pokhran Jaisalmer) दिखाएगी. इस युद्धाभ्यास में पहली बार राफेल लड़ाकू विमान शामिल होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) इस आयोजन में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे. प्रधानमंत्री के दौरे की तैयारियों को लेकर आज मुख्य सचिव उषा शर्मा की अध्यक्षता में बैठक होगी.

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Published : Mar 3, 2022, 10:09 AM IST

PM Narendra Modi Rajasthan Tour
पीएम मोदी के राजस्थान दौरे की तैयारियां

जयपुर. राजस्थान के पोकरण की रेगिस्तानी रेत में हर तीन साल में भारतीय वायुसेना अपना दमखम दिखाती है. विश्व की चौथी सबसे बड़ी वायुसेना के इस युद्धाभ्यास (Vayushakti exercise in Pokhran Jaisalmer) में पहली बार राफेल लड़ाकू विमान शामिल होगा. सबसे खास बात ये है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) इस आयोजन में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे. ऐसे में स्वाभाविक है कि दुनियाभर की निगाहें इस आयोजन पर होंगी. प्रधानमंत्री के दौरे की तैयारियों को लेकर आज मुख्य सचिव उषा शर्मा की अध्यक्षता में बैठक होगी.

दरअसल, 7 मार्च को पोकरण में होने वाले युद्धाभ्यास में 148 विमान अपना युद्ध कौशल दिखाएंगे. इस आयोजन को देखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी 7 मार्च को सुबह जैसलमेर पहुंचेंगे. प्रधानमंत्री के मिनट-टू-मिनट कार्यक्रम और व्यवस्थाओं की तैयारियों को लेकर मुख्य सचिव उषा शर्मा आज अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश देंगी. हालांकि, प्रधानमंत्री के मिनट-टू-मिनट कार्यक्रम की जानकारी अभी तक जारी नहीं हुई है. लेकिन यह माना जा रहा है कि आज होने वाली बैठक के बाद में कार्यक्रम जारी होगा.

पढ़ें- PM मोदी की मौजूदगी में होगा 'वायुशक्ति युद्धाभ्यास', राफेल दिखाएगा दम

पीएम कर सकते हैं करणी माता के दर्शन: माना यह भी जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसलमेर के करणी माता के दर्शन करने भी जा सकते हैं. ऐसे में सभी आवश्यक व्यवस्थाओं को लेकर और किस तरह से रूट चार्ट रहेगा इसको लेकर चर्चा होगी. बता दें, वायुसेना 120 डिग्री स्वीप में 1.5 से 3 किमी के रेगिस्तानी हिस्से में निर्धारित लक्ष्यों को टारगेट करेगी. इनमें बारूद के ढेर, टैंक काफिले, पुल, वाहन और हवाई सहित अन्य पारंपरिक लक्ष्य शामिल होंगे. इस युद्धाभ्यास में 148 विमान हिस्सा लेंगे जिसमें 109 लड़ाकू विमान, 24 हेलीकॉप्टर होंगे. जगुआर लड़ाकू विमान, सुखोई-30 लड़ाकू विमान, मिग-29 लड़ाकू विमान, तेजस लड़ाकू विमान और अन्य विमान 'वायुशक्ति युद्धाभ्यास-2022' में अपनी क्षमता का प्रदर्शन करेंगे.

अपनी खरीद को व्यापक बनाने की कोशिश के बीच भारतीय वायु सेना फ्रांस के राफेल, मिराज 2000, स्वदेशी एलसीए तेजस, रूसी मिग 29 और सुखोई 30, जगुआर और मिग 21 की गरज से सभी का ध्यान आकर्षित करेगी. युद्धाभ्यास के दौरान आकाश मिसाइल प्रणाली और स्पाइडर मिसाइल प्रणाली की क्षमता का भी प्रदर्शन होगा. ये अपने लक्ष्य को नेस्तानाबूत कर देंगी.

परिवहन विमान सी-17 और सी-130जे भी इस अभ्यास का हिस्सा होंगे. चिनूक हेलीकॉप्टर एक 'अंडरस्लंग' ऑपरेशन में एम-777 हॉवित्जर लेकर ऊंचाई तक उड़कर अपनी क्षमता का प्रदर्शन करेगा. अपाचे हेलीकॉप्टर अपने मिसाइल राकेट के साथ, एमआई35 अपने 80 मिमी रॉकेट के साथ अपनी ताकत दिखाएंगे. अपने 70 मिमी रॉकेटों और 20 एमएम गन के साथ स्वदेशी हल्का लड़ाकू हेलीकॉप्टर शामिल होगा. प्रदर्शन में कई नए प्लेटफॉर्म होंगे जो अत्याधुनिक सैन्य उड्डयन प्रौद्योगिकी को दर्शाएंगे. कुल मिलाकर दुनियाभर की नजरें इस युद्धाभ्यास पर होंगी.

रूस-यूक्रेन बीच चल रही जंग युद्धाभ्यास महत्वपूर्ण: रूस-यूक्रेन बीच चल रही जंग के बीच भारतीय वायु सेना का यह युद्धाभ्यास काफी महत्वपूर्ण है. वायु सेना के अभ्यास में पहली बार अत्याधुनिक विमान राफेल भी शामिल होगा. भारतीय वायुसेना हर तीन साल में पोकरण रेंज में वायु शक्ति अभ्यास करती है. इसमें वह अपनी तैयारी के हर पहलू का प्रदर्शन करती है. पिछली बार 2019 में यह अभ्यास हुआ था. अभ्यास में कुल 148 विमान शामिल होंगे. इनमें से 109 लड़ाकू विमान शामिल हैं.

जयपुर. राजस्थान के पोकरण की रेगिस्तानी रेत में हर तीन साल में भारतीय वायुसेना अपना दमखम दिखाती है. विश्व की चौथी सबसे बड़ी वायुसेना के इस युद्धाभ्यास (Vayushakti exercise in Pokhran Jaisalmer) में पहली बार राफेल लड़ाकू विमान शामिल होगा. सबसे खास बात ये है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) इस आयोजन में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे. ऐसे में स्वाभाविक है कि दुनियाभर की निगाहें इस आयोजन पर होंगी. प्रधानमंत्री के दौरे की तैयारियों को लेकर आज मुख्य सचिव उषा शर्मा की अध्यक्षता में बैठक होगी.

दरअसल, 7 मार्च को पोकरण में होने वाले युद्धाभ्यास में 148 विमान अपना युद्ध कौशल दिखाएंगे. इस आयोजन को देखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी 7 मार्च को सुबह जैसलमेर पहुंचेंगे. प्रधानमंत्री के मिनट-टू-मिनट कार्यक्रम और व्यवस्थाओं की तैयारियों को लेकर मुख्य सचिव उषा शर्मा आज अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश देंगी. हालांकि, प्रधानमंत्री के मिनट-टू-मिनट कार्यक्रम की जानकारी अभी तक जारी नहीं हुई है. लेकिन यह माना जा रहा है कि आज होने वाली बैठक के बाद में कार्यक्रम जारी होगा.

पढ़ें- PM मोदी की मौजूदगी में होगा 'वायुशक्ति युद्धाभ्यास', राफेल दिखाएगा दम

पीएम कर सकते हैं करणी माता के दर्शन: माना यह भी जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसलमेर के करणी माता के दर्शन करने भी जा सकते हैं. ऐसे में सभी आवश्यक व्यवस्थाओं को लेकर और किस तरह से रूट चार्ट रहेगा इसको लेकर चर्चा होगी. बता दें, वायुसेना 120 डिग्री स्वीप में 1.5 से 3 किमी के रेगिस्तानी हिस्से में निर्धारित लक्ष्यों को टारगेट करेगी. इनमें बारूद के ढेर, टैंक काफिले, पुल, वाहन और हवाई सहित अन्य पारंपरिक लक्ष्य शामिल होंगे. इस युद्धाभ्यास में 148 विमान हिस्सा लेंगे जिसमें 109 लड़ाकू विमान, 24 हेलीकॉप्टर होंगे. जगुआर लड़ाकू विमान, सुखोई-30 लड़ाकू विमान, मिग-29 लड़ाकू विमान, तेजस लड़ाकू विमान और अन्य विमान 'वायुशक्ति युद्धाभ्यास-2022' में अपनी क्षमता का प्रदर्शन करेंगे.

अपनी खरीद को व्यापक बनाने की कोशिश के बीच भारतीय वायु सेना फ्रांस के राफेल, मिराज 2000, स्वदेशी एलसीए तेजस, रूसी मिग 29 और सुखोई 30, जगुआर और मिग 21 की गरज से सभी का ध्यान आकर्षित करेगी. युद्धाभ्यास के दौरान आकाश मिसाइल प्रणाली और स्पाइडर मिसाइल प्रणाली की क्षमता का भी प्रदर्शन होगा. ये अपने लक्ष्य को नेस्तानाबूत कर देंगी.

परिवहन विमान सी-17 और सी-130जे भी इस अभ्यास का हिस्सा होंगे. चिनूक हेलीकॉप्टर एक 'अंडरस्लंग' ऑपरेशन में एम-777 हॉवित्जर लेकर ऊंचाई तक उड़कर अपनी क्षमता का प्रदर्शन करेगा. अपाचे हेलीकॉप्टर अपने मिसाइल राकेट के साथ, एमआई35 अपने 80 मिमी रॉकेट के साथ अपनी ताकत दिखाएंगे. अपने 70 मिमी रॉकेटों और 20 एमएम गन के साथ स्वदेशी हल्का लड़ाकू हेलीकॉप्टर शामिल होगा. प्रदर्शन में कई नए प्लेटफॉर्म होंगे जो अत्याधुनिक सैन्य उड्डयन प्रौद्योगिकी को दर्शाएंगे. कुल मिलाकर दुनियाभर की नजरें इस युद्धाभ्यास पर होंगी.

रूस-यूक्रेन बीच चल रही जंग युद्धाभ्यास महत्वपूर्ण: रूस-यूक्रेन बीच चल रही जंग के बीच भारतीय वायु सेना का यह युद्धाभ्यास काफी महत्वपूर्ण है. वायु सेना के अभ्यास में पहली बार अत्याधुनिक विमान राफेल भी शामिल होगा. भारतीय वायुसेना हर तीन साल में पोकरण रेंज में वायु शक्ति अभ्यास करती है. इसमें वह अपनी तैयारी के हर पहलू का प्रदर्शन करती है. पिछली बार 2019 में यह अभ्यास हुआ था. अभ्यास में कुल 148 विमान शामिल होंगे. इनमें से 109 लड़ाकू विमान शामिल हैं.

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