ETV Bharat / city

सांस्कृतिक कार्यक्रमों में अब नहीं दिखेंगे प्लास्टिक के झंडे, गृह मंत्रालय ने राज्यों को लिखी चिट्ठी

प्लास्टिक के राष्ट्रीय ध्वज पर केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. जिसके तहत अब सांस्कृतिक कार्यक्रमों में प्लास्टिक के झंडे नहीं दिखेंगे. गृह मंत्रालय ने देश के सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखा है. जिसमें भारतीय झंडा संहिता और राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971 का राज्यों को कड़ाई से पालन करने की बात कही गई है.

jaipur news, राजस्थान की खबर
author img

By

Published : Sep 25, 2019, 6:51 PM IST

जयपुर. अब तक देखा जाता है कि चाहे कोई भी राष्ट्रीय सांस्कृतिक कार्यक्रम हो, उसमें कलाकार प्लास्टिक के बने राष्ट्रीय ध्वज का इस्तेमाल करते हैं. इन चरणों में भले ही एकबारगी प्रोग्राम तो रंगारंग हो जाता है, लेकिन उसके बाद झंडों के क्या हाल होते हैं यह किसी से छिपी नहीं है.

प्लास्टिक के झंडे पर गृह मंत्रालय का बड़ा फैसला

ऐसे में अब केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय ने देश के सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखा है. इस पत्र में लिखा गया है कि राष्ट्रीय ध्वज के लिए एक सार्वभौमिक लगाव, आदर और वफादारी होती है. लेकिन राष्ट्रीय ध्वज को लेकर बनाए गए कानूनों और परंपराओं को लेकर जनता के साथ सरकारी एजेंसियों में भी जागरूकता का अभाव दिखाई पड़ती है.

पढ़ें : जयपुर पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पंडित उपाध्याय को किया नमन, जानी राष्ट्रीय स्मारक की खासियत

वहीं, अब यह तय किया गया है कि महत्वपूर्ण राष्ट्रीय सांस्कृतिक और खेलकूद के अवसरों पर कागज के बने राष्ट्रीय झंडे की जगह प्लास्टिक के झंडे का इस्तेमाल किया जाता है. प्लास्टिक से बने यह झंडे कागज की तरह समाप्त नहीं होते हैं और लंबे समय तक इन झंडों का निपटान करना भी मुश्किल हो जाता है. ऐसे में प्लास्टिक से बने झंडे पर रोक लगाई जाए.

ऐसे में अब साफ है कि आगे आने वाले समय में चाहे कोई राष्ट्रीय सांस्कृतिक कार्यक्रम क्यों ना हो, कहीं पर भी प्लास्टिक के झंडों का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. सड़कों पर बिकने वाले प्लास्टिक के झंडों पर भी रोक रहेगी.

जयपुर. अब तक देखा जाता है कि चाहे कोई भी राष्ट्रीय सांस्कृतिक कार्यक्रम हो, उसमें कलाकार प्लास्टिक के बने राष्ट्रीय ध्वज का इस्तेमाल करते हैं. इन चरणों में भले ही एकबारगी प्रोग्राम तो रंगारंग हो जाता है, लेकिन उसके बाद झंडों के क्या हाल होते हैं यह किसी से छिपी नहीं है.

प्लास्टिक के झंडे पर गृह मंत्रालय का बड़ा फैसला

ऐसे में अब केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय ने देश के सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखा है. इस पत्र में लिखा गया है कि राष्ट्रीय ध्वज के लिए एक सार्वभौमिक लगाव, आदर और वफादारी होती है. लेकिन राष्ट्रीय ध्वज को लेकर बनाए गए कानूनों और परंपराओं को लेकर जनता के साथ सरकारी एजेंसियों में भी जागरूकता का अभाव दिखाई पड़ती है.

पढ़ें : जयपुर पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पंडित उपाध्याय को किया नमन, जानी राष्ट्रीय स्मारक की खासियत

वहीं, अब यह तय किया गया है कि महत्वपूर्ण राष्ट्रीय सांस्कृतिक और खेलकूद के अवसरों पर कागज के बने राष्ट्रीय झंडे की जगह प्लास्टिक के झंडे का इस्तेमाल किया जाता है. प्लास्टिक से बने यह झंडे कागज की तरह समाप्त नहीं होते हैं और लंबे समय तक इन झंडों का निपटान करना भी मुश्किल हो जाता है. ऐसे में प्लास्टिक से बने झंडे पर रोक लगाई जाए.

ऐसे में अब साफ है कि आगे आने वाले समय में चाहे कोई राष्ट्रीय सांस्कृतिक कार्यक्रम क्यों ना हो, कहीं पर भी प्लास्टिक के झंडों का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. सड़कों पर बिकने वाले प्लास्टिक के झंडों पर भी रोक रहेगी.

Intro:अब नहीं दिखेंगे प्लास्टिक के राष्ट्रीय ध्वज सांस्कृतिक कार्यक्रमों में गृह मंत्रालय ने लिखा देश के सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र भारतीय झंडा संहिता और राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971 का राज्यों को करना होगा कड़ाई से पालन


Body:अब तक देखा जाता है कि चाहे कोई भी राष्ट्रीय सांस्कृतिक कार्यक्रम हो उस कार्यक्रम में कलाकार प्लास्टिक के बने राष्ट्रीय ध्वज का इस्तेमाल करते हैं इन चरणों में भले ही एकबारगी कार्यक्रम तो रंगारंग हो जाता है लेकिन कार्यक्रम के बाद झंडू के क्या हाल होते हैं यह किसी से छिपी नहीं है ऐसे में अब केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय ने देश के सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखा है इस पत्र में लिखा गया है कि राष्ट्रीय ध्वज के लिए एक सार्वभौमिक लगाओ आदर और वफादारी होती है लेकिन राष्ट्रीय ध्वज को लेकर बनाए गए कानूनों अभ्यास परंपराओं के संबंध में परंपरा निभाने में जनता के साथ ही सरकारी एजेंसियां भी जागरूकता का अभाव दिखाती है ऐसे में अब यह तय किया गया है कि महत्वपूर्ण राष्ट्रीय सांस्कृतिक और खेलकूद के अवसरों पर कागज के बने राष्ट्रीय झंडे की जगह प्लास्टिक के झंडू का इस्तेमाल किया जाता है और प्लास्टिक से बने यह झंडे कागज की तरह समाप्त नहीं होते हैं और लंबे समय तक इन झंडों का निपटान करना भी मुश्किल हो जाता है ऐसे में प्लास्टिक से बने झंडू पर रोक लगाई जाए ऐसे में अब साफ है कि आगे आने वाले समय में चाहे कोई राष्ट्रीय सांस्कृतिक कार्यक्रम क्यों ना हो कहीं पर भी प्लास्टिक के झंडों का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा और सड़कों पर बिकने वाले प्लास्टिक के झंडों पर भी रोक रहेगी
पीटीसी अजीत


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.