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लाइसेंस फीस के बाद अब फायर एनओसी और सामुदायिक केंद्रों से भी राजस्व एकत्र करने का बनाया प्लान - Rajasthan News

ग्रेटर नगर निगम महापौर शील धाभाई ने कहा कि सामुदायिक केंद्र नगर निगम की संपत्ति है, जिन्हें जनता के लिए कम से कम दरों पर रिनोवेट कर देने की तैयारी की जा रही है. निगम में राजस्व वृद्धि के लिए होटल, कोचिंग सेंटर, रूफटॉप और फायर एनओसी के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया जाएगा.

Greater Municipal Corporation,  Rajasthan News
ग्रेटर नगर निगम का प्लान
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Published : Jun 26, 2021, 4:50 AM IST

जयपुर. नगर निगम में राजस्व वृद्धि के लिए होटल, कोचिंग सेंटर, रूफटॉप और फायर एनओसी के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया जाएगा. जिन प्रतिष्ठानों के पास फायर एनओसी नहीं मिलेगी, उनसे जुर्माना भी वसूला जाएगा. इसके साथ ही ग्रेटर निगम महापौर शील धाभाई ने सीएफओ जगदीश फुलवारी को अग्नि सुरक्षा के लिए मुख्यालय में लगे फायर सिस्टम्स की जांच करने के भी निर्देश दिए. साथ ही सामुदायिक केंद्रों को भी सुधारने के प्रयास करते हुए इनसे राजस्व इकट्ठा करने का प्लान तैयार किया गया.

पढ़ें-शिक्षा मंत्री डोटासरा बोले- अभी नहीं खुलेंगे सरकारी स्कूल, जानिए क्यों...

महापौर शील धाभाई के अनुसार सामुदायिक केंद्र नगर निगम की संपत्ति है, जिन्हें जनता के लिए कम से कम दरों पर रिनोवेट कर देने की तैयारी की जा रही है. उन्होंने कहा कि बीते दिनों मालवीय नगर जोन का दौरा किया, जहां सामुदायिक केंद्र की दरें भी ज्यादा थी जिन्हें कम करने के निर्देश दिए.

ग्रेटर नगर निगम का प्लान

सामुदायिक केंद्रों में यदि लोगों को बेहतर सुविधा मिलेगी तो वे ज्यादा से ज्यादा इनका इस्तेमाल करेंगे. इससे निगम को भी रेवेन्यू मिलेगा. महापौर ने कहा कि ग्रेटर नगर निगम के 150 वार्ड में मुश्किल से 25 वार्डों में सामुदायिक केंद्र है, उनके भी हालात कुछ खास नहीं हैं. ऐसे में सामुदायिक केंद्रों की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ उनके जीर्णोद्धार के भी प्रयास किए जा रहे हैं. महापौर ने फिलहाल इस पर स्टडी कर क्षेत्र सुविधा अनुसार दरें निर्धारित करने की बात कही.

पढ़ें- Delta Plus Variant In Rajasthan: बीकानेर में मिला राजस्थान का पहला केस, चिंता बढ़ी

इसके साथ ही महापौर ने आमजन और कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए नगर निगम ग्रेटर मुख्यालय में जल्द ही आग से सुरक्षा के लिए एक नया सिस्टम लगाए जाने की बात कही और प्रतिष्ठानों के फायर एनओसी के लिए विशेष अभियान शुरू करने के निर्देश दिए.

इससे पहले महापौर ने तंबाकू उत्पाद बेचने, अस्पताल-क्लीनिक-हॉस्पिटल और पीजी संचालन के लिए निगम से लाइसेंस लेने के नियमों को अमलीजामा पहनाने के भी निर्देश दिए थे. अनुमान है कि इससे निगम के राजस्व में सालाना 25 करोड़ धनराशि एकत्र होगी. हालांकि, इस लाइसेंस फीस को लेकर व्यापारियों में गफलत की स्थिति जरूर पैदा हो गई है, जिसके समाधान के लिए व्यापारी वर्ग मुख्यालय जा पहुंचा. इसे लेकर महापौर ने स्पष्ट किया कि खुदरा और फुटकर व्यापारियों से किसी तरह का कोई नया शुल्क वसूलने का निगम का मानस नहीं है.

पढ़ें- Rajasthan Unlock 3.0 की Guideline पर मंथन, गहलोत कैबिनेट बैठक में मिली मंजूरी...जानिए कहां सख्ती, कहां छूट

उधर, भवन निर्माण समिति के चेयरमैन जितेंद्र श्रीमाली की अध्यक्षता में समिति की बैठक हुई, जिसमें उप विभाजन पुनर्गठन और भवन निर्माण अनुज्ञा के लिए समय निर्धारित करने का निर्णय लिया गया ताकि आम जनता को सुविधा और समय सीमा में सभी प्रकार अनुमोदन दिए जा सके. बैठक में निगम क्षेत्र में अवैध निर्माण की रोकथाम के लिए नगर निगम की विभिन्न योजनाओं में खाली पड़ी जमीन का लैंड बैंक तैयार करने के लिए सभी जोन से सूचना मंगवाने का निर्णय लिया गया है.

जयपुर. नगर निगम में राजस्व वृद्धि के लिए होटल, कोचिंग सेंटर, रूफटॉप और फायर एनओसी के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया जाएगा. जिन प्रतिष्ठानों के पास फायर एनओसी नहीं मिलेगी, उनसे जुर्माना भी वसूला जाएगा. इसके साथ ही ग्रेटर निगम महापौर शील धाभाई ने सीएफओ जगदीश फुलवारी को अग्नि सुरक्षा के लिए मुख्यालय में लगे फायर सिस्टम्स की जांच करने के भी निर्देश दिए. साथ ही सामुदायिक केंद्रों को भी सुधारने के प्रयास करते हुए इनसे राजस्व इकट्ठा करने का प्लान तैयार किया गया.

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महापौर शील धाभाई के अनुसार सामुदायिक केंद्र नगर निगम की संपत्ति है, जिन्हें जनता के लिए कम से कम दरों पर रिनोवेट कर देने की तैयारी की जा रही है. उन्होंने कहा कि बीते दिनों मालवीय नगर जोन का दौरा किया, जहां सामुदायिक केंद्र की दरें भी ज्यादा थी जिन्हें कम करने के निर्देश दिए.

ग्रेटर नगर निगम का प्लान

सामुदायिक केंद्रों में यदि लोगों को बेहतर सुविधा मिलेगी तो वे ज्यादा से ज्यादा इनका इस्तेमाल करेंगे. इससे निगम को भी रेवेन्यू मिलेगा. महापौर ने कहा कि ग्रेटर नगर निगम के 150 वार्ड में मुश्किल से 25 वार्डों में सामुदायिक केंद्र है, उनके भी हालात कुछ खास नहीं हैं. ऐसे में सामुदायिक केंद्रों की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ उनके जीर्णोद्धार के भी प्रयास किए जा रहे हैं. महापौर ने फिलहाल इस पर स्टडी कर क्षेत्र सुविधा अनुसार दरें निर्धारित करने की बात कही.

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इसके साथ ही महापौर ने आमजन और कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए नगर निगम ग्रेटर मुख्यालय में जल्द ही आग से सुरक्षा के लिए एक नया सिस्टम लगाए जाने की बात कही और प्रतिष्ठानों के फायर एनओसी के लिए विशेष अभियान शुरू करने के निर्देश दिए.

इससे पहले महापौर ने तंबाकू उत्पाद बेचने, अस्पताल-क्लीनिक-हॉस्पिटल और पीजी संचालन के लिए निगम से लाइसेंस लेने के नियमों को अमलीजामा पहनाने के भी निर्देश दिए थे. अनुमान है कि इससे निगम के राजस्व में सालाना 25 करोड़ धनराशि एकत्र होगी. हालांकि, इस लाइसेंस फीस को लेकर व्यापारियों में गफलत की स्थिति जरूर पैदा हो गई है, जिसके समाधान के लिए व्यापारी वर्ग मुख्यालय जा पहुंचा. इसे लेकर महापौर ने स्पष्ट किया कि खुदरा और फुटकर व्यापारियों से किसी तरह का कोई नया शुल्क वसूलने का निगम का मानस नहीं है.

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उधर, भवन निर्माण समिति के चेयरमैन जितेंद्र श्रीमाली की अध्यक्षता में समिति की बैठक हुई, जिसमें उप विभाजन पुनर्गठन और भवन निर्माण अनुज्ञा के लिए समय निर्धारित करने का निर्णय लिया गया ताकि आम जनता को सुविधा और समय सीमा में सभी प्रकार अनुमोदन दिए जा सके. बैठक में निगम क्षेत्र में अवैध निर्माण की रोकथाम के लिए नगर निगम की विभिन्न योजनाओं में खाली पड़ी जमीन का लैंड बैंक तैयार करने के लिए सभी जोन से सूचना मंगवाने का निर्णय लिया गया है.

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