जयपुर. राजस्थान में सियासी उठापटक के बीच सबकी निगाहें इन दिनों न्यायपालिका पर टिकी हुई है. हाईकोर्ट में जहां बसपा और कांग्रेस एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर एक जनहित याचिका भी पेश की गई है. जनहित याचिका में बसपा विधायकों की एंट्री विधानसभा में बैन करने की गुहार की गई है. जिस पर संभवत 13 अगस्त को हाईकोर्ट सुनवाई कर सकता है.
बसपा विधायकों के दल-बदल के मामले में हाईकोर्ट में जनहित याचिका पेश की गई है. अधिवक्ता हेमंत नाहटा की ओर से पेश इस जनहित याचिका में दल-बदल को अवैध बताते हुए कहा गया कि जब तक इन 6 विधायकों की पार्टी के संबंध में विवाद समाप्त नहीं हो जाता, तब तक इन्हें ना तो विधानसभा में प्रवेश दिया जाए और ना ही विधानसभा की कार्यवाही में शामिल होने की अनुमति दी जाए.
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याचिका में कहा गया कि दल-बदल करने वाले विधायकों के खिलाफ दल-बदल की कार्यवाही की जाए. स्पीकर की ओर से दल-बदल को विधि मान्य बनाने के 18 सितंबर, 2019 के आदेश को अवैध बताते हुए कहा गया कि 16 सितंबर, 2019 को बसपा विधायकों की ओर से पेश प्रार्थना पत्र से पूर्व की स्थिति बहाल की जाए. जनहित याचिका में कहा गया कि आमजन ने बसपा उम्मीदवार को मत देकर विजय बनाया था, लेकिन स्पीकर ने जनमत के खिलाफ जाकर उन्हें विधि विरुद्ध तरीके से कांग्रेस में शामिल कर दिया.