जयपुर. फाल्गुन महीने में शुक्ल पक्ष की द्वितीय फुलेरा दूज (Phulera Dooj 2022) के रूप में मनाई जाती है. ऐसे में आज शुक्रवार को फुलेरा दूज के मौके पर अबूझ सावा होने से जयपुर सहित प्रदेशभर में बंपर शादियां होंगी. इसके साथ ही जयपुर के आराध्य राधा-गोविंददेवजी मंदिर सहित कई मंदिरों में ठाकुर जी को अबीर-गुलाल अर्पित कर होली महोत्सव का आगाज भी किया गया. अब मंदिरों में फागोत्सव की धूम शुरू होगी.
जानकारी के अनुसार, फुलेरा दूज पर स्वयं सिद्ध अबूझ मुहूर्त होता है. ऐसे में गुरु अस्त होने के बावजूद अबूझ सावे पर बंपर शादियां होंगी. अब कोरोना संबंधी पाबंदियां खत्म होने के कारण भी शादियों की संख्या में इजाफा हुआ है. एक अनुमान के मुताबिक आज प्रदेशभर में 20 हजार से ज्यादा शादियां होंगी. कोरोना संबंधी पाबंदियां हटने के कारण आज दो साल बाद सामूहिक विवाह सम्मलेन भी होंगे.
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कृष्ण भक्तों के लिए खास दिन- कृष्ण भक्त इस दिन को बड़े उत्साह से मनाते हैं. राधे-कृष्ण को गुलाल लगाते हैं. भोग, भजन-कीर्तन करते हैं क्योंकि फुलेरा दूज का दिन कृष्ण से प्रेम को जताने का दिन है. इस दिन भक्त कान्हा पर जितना प्रेम बरसाते हैं, उतना ही प्रेम कान्हा भी अपने भक्तों पर लुटाते हैं. ज्योतिष के जानकारों की मानें तो इस दिन आप अपने जीवनसाथी के साथ मतभेद दूर करने के उपाय भी कर सकते हैं.
फुलेरा दूज का महत्व- फुलेरा दूज मुख्य रूप से बसंत ऋतु से जुड़ा त्योहार है. वैवाहिक जीवन और प्रेम संबंधों को अच्छा बनाने के लिए इसे मनाया जाता है. फुलेरा दूज वर्ष का अबूझ मुहूर्त भी माना जाता है. इस दिन कोई भी शुभ कार्य कर सकते हैं. फुलेरा दूज में मुख्य रूप से श्री राधा-कृष्ण की पूजा की जाती है. जिनकी कुंडली में प्रेम का अभाव हो, उन्हें इस दिन राधा-कृष्ण की पूजा करनी चाहिए. वैवाहिक जीवन की समस्याएं दूर करने के लिए भी इस दिन पूजा की जाती है.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, फुलेरा दूज भगवान श्रीकृष्ण और राधा को समर्पित है. राधा गोविंददेवजी मंदिर, सरस निकुंज, आनंदकृष्ण बिहारीजी, राधा दामोदरजी, मदन गोपालजी सहित ठाकुरजी के अन्य मंदिरों ठाकुरजी और राधा रानी को अबीर-गुलाल अर्पित की गई. इसके साथ ही मंदिरों में होली पर्व का आगाज हुआ. अब मंदिरों में फागोत्सव के आयोजन होंगे.