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फोन टैपिंग मामले में डोटासरा ने कहा- दिल्ली में मुकदमा दर्ज कराकर उसे सीबीआई को देकर हमारे ऊपर दबाव बनाना चाहते हैं

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि केंद्रीय मंत्री शेखावत फोन टैपिंग मामले को दिल्ली पुलिस के जरिए सीबीआई में शिफ्ट करवाकर राजस्थान सरकार पर दोबारा दबाव बनाने प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर दम है तो राजस्थान आकर गजेंद्र सिंह शेखावत अपना वॉइस सैंपल दें.

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Published : Mar 26, 2021, 7:31 PM IST

Updated : Mar 26, 2021, 10:14 PM IST

Gajendra Singh Shekhawat,  Dotasara statement in phone tapping case
डोटासरा ने गजेंद्र सिंह शेखावत को ललकारा

जयपुर. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने शुक्रवार को फोन टैपिंग के मामले में बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत अपनी एफआईआर के जरिए राजस्थान में दोबारा सरकार को गिराने का षड्यंत्र कर रहे हैं. लेकिन, इस बार यह प्रयास विधायकों के साथ तोड़फोड़ ना करके दिल्ली में मुकदमा दर्ज करा कर उसे सीबीआई को देकर राजस्थान सरकार पर दबाव बनाने का प्रयास कर रहे हैं.

डोटासरा ने गजेंद्र सिंह शेखावत को ललकारा

पढ़ें- गैरकानूनी रूप से फोन टैपिंग के चलते जाएगी गहलोत सरकार: गुलाबचंद कटारिया

डोटासरा ने फोन टैपिंग के मामले में कहा कि इस मामले में एफआईआर करवा कर गजेंद्र सिंह अपने आप को पाक साफ बताने का प्रयास कर रहे हैं. अगर गजेंद्र सिंह शेखावत सरकार गिराने के षड्यंत्र में शामिल नहीं थे और निर्दोष हैं तो फिर अपने वॉइस सैंपल क्यों नहीं देते. राजस्थान की पुलिस उनका इंतजार कर रही है. उन्होंने कहा कि उपचुनाव में जीत दर्ज करने के लिए गजेंद्र सिंह इस तरीके का प्रयास कर रहे हैं.

पढ़ें- फोन टैपिंग मामला : केंद्रीय मंत्री शेखावत ने की शिकायत, क्राइम ब्रांच करेगी जांच

गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि जब एक केंद्रीय मंत्री किसी सरकार को गिराने का को प्रयास कर रहा था तो ऐसे समय में प्रधानमंत्री को खुद को उन्हें हटा देना चाहिए था या फिर उन्हें खुद नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना था. अगर गजेंद्र सिंह सही हैं तो वह राजस्थान आकर मुकदमे को फेस करें.

फोन टैपिंग मामले में डोटासरा का बयान

पढ़ें- फोन टैपिंग पर सियासत, डोटासरा के बयान पर बोले राठौड़...पहले अपने गिरेबां में झांकें, फिर दूसरों पर आरोप लगाएं

एफआईआर में मुख्यमंत्री के ओएसडी लोकेश शर्मा के साथ ही विधानसभा में दिए गए बयानों का भी हवाला दिया गया है. ऐसे में डोटासरा ने कहा कि विधानसभा में दिए गए वक्तव्य के आधार पर अगर एफआईआर होगी तो पता नहीं क्या-क्या हो जाएगा. उन्होंने कहा कि मेरे ट्वीट पर गजेंद्र सिंह ने कहा कि राजस्थान के मुकदमे में एफआर लग गई है तो उन्हें पता होना चाहिए कि एफआर लगी हुई फाइलें दोबारा खुल सकती है. अगर तथ्य मिलते हैं तो केस रिओपन भी हो जाते हैं.

पढ़ें- फोन टैपिंग मामला: गजेंद्र सिंह शेखावत FIR की नौटंकी बंद करें और अपना वॉइस सैंपल दें: डोटासरा

डोटासरा ने कहा कि जिस तरीके से केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने पहले सरकार गिराने का कुप्रयास किया था, उसी तरीके का प्रयास अब दोबारा दूसरे तरीके से सरकार पर दबाव बनाकर करने का प्रयास किया जा रहा है.

क्या है एफआईआर में...

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने फोन टैपिंग मामले में 20 मार्च को तुगलक रोड थाने में परिवाद पेश किया था. इस मामले में गुरुवार को ही दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच में एफआईआर दर्ज हुई है. जिसकी जांच सतीश मलिक करेंगे. एफआईआर में केवल मुख्यमंत्री के ओएसडी लोकेश शर्मा को नामजद किया गया है.

एफआईआर में मुख्यमंत्री के ओएसडी लोकेश शर्मा और अज्ञात पुलिस अफसरों को आरोपी बनाया गया है. गजेंद्र सिंह ने गैरकानूनी तरीके से फोन टैप करवाने के आरोप लगाए हैं. विधानसभा में संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल की ओर से दिए गए बयान को भी एफआईआर में आधार बनाया गया है.

पढ़ें- फोन टैपिंग मामला: शेखावत के FIR दर्ज कराने के पीछे भाजपा की बड़ी साजिश: कांग्रेस

धारीवाल ने विधानसभा में अपने जवाब में यह स्वीकार किया और कहा कि ऑडियो मुख्यमंत्री के ओएसडी ने वायरल किया था. एफआईआर के हिसाब से ऑडियो मुख्यमंत्री के ओएसडी ने वायरल किए थे. इस एफआईआर के जरिए गजेंद्र सिंह शेखावत ने आरोप लगाया है कि उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया और मानसिक शांति भंग की गई.

जयपुर. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने शुक्रवार को फोन टैपिंग के मामले में बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत अपनी एफआईआर के जरिए राजस्थान में दोबारा सरकार को गिराने का षड्यंत्र कर रहे हैं. लेकिन, इस बार यह प्रयास विधायकों के साथ तोड़फोड़ ना करके दिल्ली में मुकदमा दर्ज करा कर उसे सीबीआई को देकर राजस्थान सरकार पर दबाव बनाने का प्रयास कर रहे हैं.

डोटासरा ने गजेंद्र सिंह शेखावत को ललकारा

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डोटासरा ने फोन टैपिंग के मामले में कहा कि इस मामले में एफआईआर करवा कर गजेंद्र सिंह अपने आप को पाक साफ बताने का प्रयास कर रहे हैं. अगर गजेंद्र सिंह शेखावत सरकार गिराने के षड्यंत्र में शामिल नहीं थे और निर्दोष हैं तो फिर अपने वॉइस सैंपल क्यों नहीं देते. राजस्थान की पुलिस उनका इंतजार कर रही है. उन्होंने कहा कि उपचुनाव में जीत दर्ज करने के लिए गजेंद्र सिंह इस तरीके का प्रयास कर रहे हैं.

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गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि जब एक केंद्रीय मंत्री किसी सरकार को गिराने का को प्रयास कर रहा था तो ऐसे समय में प्रधानमंत्री को खुद को उन्हें हटा देना चाहिए था या फिर उन्हें खुद नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना था. अगर गजेंद्र सिंह सही हैं तो वह राजस्थान आकर मुकदमे को फेस करें.

फोन टैपिंग मामले में डोटासरा का बयान

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एफआईआर में मुख्यमंत्री के ओएसडी लोकेश शर्मा के साथ ही विधानसभा में दिए गए बयानों का भी हवाला दिया गया है. ऐसे में डोटासरा ने कहा कि विधानसभा में दिए गए वक्तव्य के आधार पर अगर एफआईआर होगी तो पता नहीं क्या-क्या हो जाएगा. उन्होंने कहा कि मेरे ट्वीट पर गजेंद्र सिंह ने कहा कि राजस्थान के मुकदमे में एफआर लग गई है तो उन्हें पता होना चाहिए कि एफआर लगी हुई फाइलें दोबारा खुल सकती है. अगर तथ्य मिलते हैं तो केस रिओपन भी हो जाते हैं.

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डोटासरा ने कहा कि जिस तरीके से केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने पहले सरकार गिराने का कुप्रयास किया था, उसी तरीके का प्रयास अब दोबारा दूसरे तरीके से सरकार पर दबाव बनाकर करने का प्रयास किया जा रहा है.

क्या है एफआईआर में...

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने फोन टैपिंग मामले में 20 मार्च को तुगलक रोड थाने में परिवाद पेश किया था. इस मामले में गुरुवार को ही दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच में एफआईआर दर्ज हुई है. जिसकी जांच सतीश मलिक करेंगे. एफआईआर में केवल मुख्यमंत्री के ओएसडी लोकेश शर्मा को नामजद किया गया है.

एफआईआर में मुख्यमंत्री के ओएसडी लोकेश शर्मा और अज्ञात पुलिस अफसरों को आरोपी बनाया गया है. गजेंद्र सिंह ने गैरकानूनी तरीके से फोन टैप करवाने के आरोप लगाए हैं. विधानसभा में संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल की ओर से दिए गए बयान को भी एफआईआर में आधार बनाया गया है.

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धारीवाल ने विधानसभा में अपने जवाब में यह स्वीकार किया और कहा कि ऑडियो मुख्यमंत्री के ओएसडी ने वायरल किया था. एफआईआर के हिसाब से ऑडियो मुख्यमंत्री के ओएसडी ने वायरल किए थे. इस एफआईआर के जरिए गजेंद्र सिंह शेखावत ने आरोप लगाया है कि उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया और मानसिक शांति भंग की गई.

Last Updated : Mar 26, 2021, 10:14 PM IST
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